हर स्कूल और आंगनबाड़ी में 2022 तक पहुंच जाएगा नल से जल

शिवराज सिंह चौहान
  • जल जीवन मिशन से घरों में पहुंच रहा शुद्ध पेयजल

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    देश में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में मप्र देश में सबसे आगे है। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 2022 तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल जीवन मिशन को महत्वाकांक्षी योजना मानकर काम करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मूल मंत्र पर मध्यप्रदेश में तेजी से काम किया जा रहा है। प्रदेश के हर वर्ग की चिंता कर उसकी जरूरतों की पूर्ति के लिए योजनाएं बना कर मैदानी स्तर पर अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इन्हीं योजनाओं में एक महती योजना जल जीवन मिशन भी है, जिसके माध्यम से हर घर में नल से शुद्ध जल देना सुनिश्चित किया जा रहा है। मिशन के क्रियान्वयन से अब तक प्रदेश के 3236 ग्रामों में हर घर में सरल, सुगम और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा चुकी है। इस काम को सभी जिलों में तेजी से अंजाम दिया जा रहा है।
    प्रदेश के अधिकांश स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। जिन स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुआं अथवा हैंड पंप से पीने का पानी उपलब्ध होता है उनमें भी पानी की सप्लाई अब पाइप लाइन के जरिए की जाएगी, इस तरह के स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग दस हजार से अधिक है। जल जीवन मिशन से घर-घर पानी पहुंचाने का विस्तार अब स्कूलों तक किया जा रहा है। परिसर के अंदर पाइप लाइन बिछाने में खर्च होने वाली राशि का भार स्कूल प्रबंधन उठाएगा। बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र के स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में पीने के पानी की हैंड पंप और बोर से व्यवस्था की गई है।
    25 हजार से अधिक आंगनबाड़ियों में पेयजल कनेक्शन
    मिशन में ग्रामीण आबादी के घरों सहित स्कूल एवं आंगनबाड़ियों  में भी पेयजल के लिए नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं। लक्ष्य,प्रत्येक ग्रामीण परिवार, आंगनबाड़ी और स्कूल में गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त जल की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाना है। अब तक 25 हजार 840 आंगनबाड़ी और 43 हजार 629 स्कूल में नल से पेयजल की व्यवस्था की जा चुकी है। शेष रहे ग्रामीण परिवारों सहित आंगनबाड़ियों और स्कूलों में भी नल से जलापूर्ति के कार्य लगातार जारी हैं। जल जीवन मिशन के संचालन के लिये राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन और जिला जल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया गया है। साथ ही ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का गठन भी किया जायेगा। योजना में निर्माण लागत की 10 प्रतिशत जन-भागीदारी होगी। ग्रामीणों की जन-भागीदारी श्रम, सामग्री अथवा नगद राशि के रूप में ली जाने का प्रावधान मिशन में है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति बहुल ग्रामों में जन-भागीदारी 5 प्रतिशत रखी गई है।
    ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान
    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण आबादी, विशेषकर महिलाओं जिन्हें पेयजल के लिए सिर पर मटका रख कर लंबी दूरी तय करना पड़ती थी, उनको परेशानियों से निजात दिलाने के लिए 15 अगस्त 2019 को जल मिशन की घोषणा की। आज यह मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। अब महिलाओं को घर पर ही नल के माध्यम से पेयजल मिलने लगा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। प्रकृति ने हमें नदी और तालाब जैसे पेयजल स्रोत दिये। कुओं से भी हमने पेयजल प्राप्त किया है। समय के साथ हमने नलकूप और हैंडपंप स्थापित कर भू-जल का उपयोग पेयजल के लिए किया। इससे हमारी आधी-आबादी के परिश्रम में कुछ कमी तो आई लेकिन उन्हें पेयजल की समस्या से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल सकी। जल जीवन मिशन में पेयजल स्रोतों का उपयोग कर और जहां पेयजल स्रोत नहीं हैं वहां नये स्रोत निर्मित कर ग्रामीण आबादी को नल से जल देकर उनके जीवन में बदलाव लाया जा रहा है।
    हर गांव में नल से जल
    मिशन के प्रारंभिक चरण में सवा 3 हजार से अधिक गांवों में हम यह बदलाव देख सकते हैं। शीघ्र ही प्रदेश के सभी गांव में मिशन के जरिये नल से घर-घर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री के प्राथमिकता वाले इस मिशन के लिए केन्द्र सरकार पर्याप्त मात्रा में आवंटन भी उपलब्ध करवा रही है। मिशन में जून 2020 से गांवों के हर घर में नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने का सिलसिला प्रारम्भ हुआ। आज 40 लाख 56 हजार 391 ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से निरन्तर जल प्रदाय हो रहा है।

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