नरसिंहपुर से चुनाव लड़ सकते हैं विवेक तन्खा के पुत्र वरुण

वरुण तन्खा
  • भाजपा का गढ़ ढहाने के लिए कांग्रेस ले सकती है निर्णय  

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में नरसिंहपुर जिले में कांग्रेस पूरी तरह से क्लीन स्वीप करने के लिए प्रसिद्ध वकील और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के पुत्र वरुण तन्खा को मैदान में उतार सकती है। दरअसल बीते चुनाव में जिले की एकमात्र नरसिंहपुर सीट ही ऐसी थी, जिस पर भाजपा को जालम सिंह पटेल ने जीत दिलाई थी, अन्यथा चार में से तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर भाजपा को बड़ा झटका दिया था। वैसे भी माना जा रहा है कि इस बार चुनाव में कमलनाथ रणनीति के तहत कई सीटों पर चौकानें वाले प्रत्याशी उतार सकते हैं। जानकारी के मुताबिक भाजपा के कद्दावर नेताओं को उनके गढ़ में परास्त करने के लिये कांग्रेस नई रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा का अभेध गढ़ कही जाने वाली सीटों पर कांग्रेस की रणनीति इस बार पूरी तरह से बदली हुई नजर आने वाली है। कहा जा रहा है कि इस रणनीति के तहत कमलनाथ द्वारा ऐसे प्रत्याशी उतारे जाएंगे,जिसके बारे में भाजपा प्रत्याशी और कांग्रेस टिकट के दावेदारों ने सोचा तक नही होगा। इसके तहत ही कांग्रेस नरसिंहपुर में भाजपा के कद्दावर नेता और विधायक जालम सिंह पटेल को चुनौती देने के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल स्व. अजय मुश्रान के पौत्र और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के पुत्र वरुण तन्खा को नरसिंहपुर सीट पर प्रत्याशी बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। नरसिंहपुर की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि यदि ऐसा हुआ  भाजपा के लिये चुनौती खड़ी होना तय है। क्योंकि स्व. मुश्रान और उनके परिवार का  आज भी नरसिंहपुर के मतदाताओं में अपना प्रभाव है। इसकी वजह है , स्व मुश्रान द्वारा आने कार्यकाल में शहर में कराए गए काम। खैर टिकट किसे मिलेगा यह तो अभी गर्भ में हैं , लेकिन इस तरह की चर्चा से नरसिंहपुर भाजपा में चिंता और कांग्रेस खेमे में उत्सुकता जरूर दिखना शुरु हो गई है। गौरतलब है कि नरसिंहपुर जिले में अभी कांग्रेस के 3 विधायक हैं, जबकि 2018 के चुनाव में बीजेपी को मात्र एक सीट पर जीत मिली थी।
विवेक तन्खा भी सर्वमान्य
राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा की नरसिंहपुर में गहरी पकड़ मानी जाती है। दशकों से उनकी समाजसेवी संस्थाएं नरसिंहपुर और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में समाजसेवा के कार्य कर रही हंै। वहीं नरसिंहपुर कांग्रेस के सभी नेताओं के बीच तन्खा की छवि सर्वमान्य है। नरसिंहपुर में भाजपा विधायक की जीत और कांग्रेस की हार की एक वजह कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी और सर्वमान्य नेता की कमी भी बताई जाती है। कहा जा रहा है कि यदि वरुण नरसिंहपुर जाते हैं, तो कांग्रेसी एकजुट होकर उनके साथ हो जाऐंगे। वहीं  तन्खा की समाजसेवी गतिविधियों और वरुण के ननिहाल की नरसिंहपुर के आमजन में अच्छी क्षवि उन्हें चुनावी मुकाबले में लाने का काम करेगी।
अभी भी याद आते हैं मुश्रान
80 के दशक में सेवानिवृत्त होने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल स्व. अजय नारायण मुश्रान ने नरसिंहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और अपनी ईमानदार और स्वच्छ क्षवि के चलते वे लम्बे मार्जिन के साथ जीते थे। फिर उसके बाद उनकी जीत का सिलसिला नहीं थमा। वे मध्य प्रदेश सरकार में वन, खेल और युवा कल्याण से लेकर वित्त मंत्री तक के अहम पदों पर रहे। नरसिंहपुर जिले के विकास में स्वर्गीय मुश्रान का गहरा योगदान माना जाता है। उनके द्वारा शुरु किये गये समाज सेवा के कार्य आज भी नरसिंहपुर में जारी हैं। स्वर्गीय मुश्रान की लीगेसी को आगे बढ़ाने नरसिंहपुर में कांग्रेस उनके पौत्र और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के पुत्र एडवोकेट वरुण तन्खा को उतारने की तैयारी कर रही है।

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