मप्र में युवाओं को नहीं होगी रोजगार की कमी

 रोजगार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में नौकरी की कमी एक बड़ा मुद्दा हमेशा से रहा है। हालांकि जहां एक तरह पुराने पैटर्न वाली नौकरियां खत्म हो रही है। वहीं दूसरी तरह टेक्नोलॉजी फील्ड से जुड़ी नौकरियों में इजाफा हो रहा है। लेकिन स्किल गैप की वजह से कई भारतीय नौकरी हासिल नहीं कर पाते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए मप्र सरकार नई पहल शुरू करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश सरकार के देश की शीर्ष कंपनियों साथ मिलकर एक लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया है। जिससे युवाओं को रोजगार के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी। इस तरह मप्र के युवा स्किल की कमी की वजह से रोजगार हासिल करने में पीछे नहीं रह जाएंगे।
जानकारी के अनुसार मप्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अब राज्य सरकार देश की शीर्ष कंपनियों का सहयोग लेगी। विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों के साथ एक इनोवेशन प्रमोशन ग्रुप (आइपीजी) की स्थापना की जाएगी, जो नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र (ईको सिस्टम) के नोडल के रूप में कार्य करेगी।
शिक्षा के प्रारंभिक चरण से ही विज्ञान और गणित विषय को छात्रों में लोकप्रिय कर उच्चतर माध्यमिक स्तर और स्नातक स्तर पर एसटीईएम विषयों (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) का प्रसार बढ़ाने कार्य किए जाएंगे। ग्राम, विकासखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर विज्ञान एवं गणित की रोमांचक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। जिला स्तरीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, नवाचार प्रतियोगिता एवं ग्रामीण स्तर पर चलित विज्ञान प्रर्दशनियों के माध्यम से छात्रों एवं जनसाधारण को इन विषयों के लिए प्रेरित एवं मार्गदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा।
बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर
मप्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति- 2022 में इसके लिए प्रावधान किए गए हैं। इस नीति का उद्देश्य गांव से लेकर शहर के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर पर प्रदान करना होगा। छात्रों को प्रारंभिक चरण से एसटीईएम क्षेत्रों में अवसरों और आवश्यकताओं को समझने में मदद करने के लिए सभी आर एंड डी समूह, अकादमिक, उद्योग प्रतिनिधियों के साथ छात्रों की बातचीत कराने परामर्श मंच उपलब्ध कराया जाएगा। शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में अनुसंधान और उत्पादों के व्यावसायीकरण के लिए एक उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जाएगा। शासकीय कार्यों में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए राज्य नवाचार कोष की स्थापना की जाएगी। इसका उपयोग डिजिटल पब्लिक गुड्स बनाने की दिशा में काम करने वाले स्टार्टअप्स, वायबिलिटी गैप फंडिंग के लिए भी किया जाएगा।
शीर्ष संस्थाओं से लेंगे मदद
मप्र में प्रासंगिक नवाचार और विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए देश की शीर्ष संस्थाओं की मदद से एक जिले को गोद लेकर वहां शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इनमें आइआइटी, आइआइएम, एम्स, एनआइटी, आइआइआइटी, एनआइडी, एनआइएफटी, एनएलएस जैसी संस्थाओं की क्षमताओं का उपयोग कर प्रदेश के एक जिले को गोद लेकर उस जिले में स्थानीय रूप से विज्ञान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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