यंग ब्लड तय करेगा…किसकी हो सरकार

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हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम।  हाल ही में चलाए गए मतदाता सूची में नाम जोड़ने के अभियान के आंकड़े अब सामने आ गए हैं। इनमें सूबे में सर्वाधिक मतदाता युवा वर्ग के सामने आए हैं। अब यही युवा तय करेंगे की प्रदेश में अगली सरकार किसकी बने। यही वजह है कि इन आंकड़ों के समाने आने के बाद अब भाजपा व कांग्रेस ने भी युवाओं को साधने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में इस बार जो मतदाता सूची अपडेट की गई है उसमेंं 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 2.83 करोड़ पायी गई है। यह प्रदेश के कुल मतदाताओं की संख्या के हिसाब से करीब 52 फीसदी होते हैं। यानि की जिस दल को प्रदेश में युवाओं का साथ मिल जाएगा उसकी सरकार बनना तय हो जाएगी। दरअसल प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 87 हजार है, वहीं इनमें से 11 लाख 81 हजार मतदाता इस बार चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। यही वजह है कि बेरोजगारी जैसे मामले को लेकर सरकार जहां अब पूरी तरह से संजीदा दिखने लगी है तो विपक्ष इस मामले को बड़ा मुद्दा बनाने के प्रयास में लगा है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार को भी अब युवा नीति बनाने की याद आने लगी है।
कांग्रेस बना रही बेरोजगारी को मुद्दा
युवाओं की इतनी बड़ी तादाद को देखते हुए ही कांग्रेस ने अभी से बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। हर जगह इस मुद्दे को कांग्रेस तूल दे रही है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि, प्रदेश में आने वाली कंपनियों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार के मौके नहीं मिल पा रहे, जबकि सरकार दावा करती है कि प्रदेश में आने वाली कंपनियों में सिर्फ प्रदेश के युवाओं को ही मौके मिलेंगे। जबकि हकीकत यह है कि सिर्फ कुछ फीसदी प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल पा रहा है, प्रदेश में करीबन 29 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं, सरकार को सभी को रोजगार देना चाहिए।
युवाओं को लुभाने की कोशिश में सरकार
आगामी विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी मुद्दा न बने, इसके लिए प्रदेश सरकार पहले से ही जुट गई है।  प्रदेश में 1 लाख 10 हजार पदों पर भर्तियां की जा रही हैं, जो अगस्त माह तक पूरी कर ली जाएंगी। साथ ही सरकार की कोशिश इन भर्तियों को डेढ़ लाख तक पहुंचाने की है, इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के लिए लगातार रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है। पिछले साल सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना, संत रविदास स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना, मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना, प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना जैसे कई योजनाएं शुरू की गई है।
वहीं प्रदेश सरकार इसी माह युवा नीति भी लाने जा रही है, इसके लिए कॉलेज स्तर पर युवाओं से संवाद किया जा रहा है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी के मुताबिक सरकार युवा सहित सभी वर्गों का पूरा ख्याल करती हैं, सभी वर्गों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं और इन योजनाओं का लोगों को पूरा लाभ मिल सके, इसकी भी चिंता सरकार कर रही है।
18 लाख से अधिक मतदाता जुड़े
निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए चलाए गए अभियान में इस बार 18.39 लाख मतदाताओं के नाम शामिल किए गए हैं। इनमें भी 1 लाख 8 हजार मतदाता ऐसे हैं, जो 17 साल से ऊपर हैं और 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले 18 साल की उम्र पूरी कर लेंगे , जिससे उन्हें भी मतदान करने का अधिकार मिल जाएगा। इसी तरह से प्रदेश में 18 से 19 साल के मतदाताओं की संख्या 11.81 लाख है और यह पहला मौका होगा, जब वे अपने मताधिकार का पहली बार उपयोग करेंगे। अगर 20 से 29 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या देंखे तो उनका आंकड़ा 1.29 करोड़ और 30 से 39 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1.44 करोड़ है, इस तरह देखा जाए तो प्रदेश में 18 से 39 साल के युवा वोटर 2.83 करोड़ हैं। इन वोटर्स में कॉलेज जाने वाले से लेकर बेरोजगार, नौकरीपेशा और काम-धंधा करने वाले युवा तक शामिल हैं। इसके अलावा पहली बार वोट डालने वाले युवा वोटर्स की संख्या कुल मतदाताओं के हिसाब से करीबन 2 फीसदी होती है। इसकी वजह से यह तो तय है कि प्रदेश में सरकार किसकी बने यह युवा ही तय करेंगे।  अगर बीते चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार-जीत का अंतर बेहद मामूली यानि की एक फीसदी से भी कम रहा था। उस समय भाजपा को 41.0 प्रतिशत, जबकि कांग्रेस को 40.9 फीसदी मत मिले थे। इससे यह तो तय है कि पहली बार मतदान करने वाले युवाओं का हार जीत में बड़ा रोल रहने वाला है।

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