फिरभरने लगा राज्य का खजाना

राज्य का खजाना
  • आपदा को अवसर बनाने की सरकारी नीति का असर

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    कोरोना संक्रमण के बीच आपदा को अवसर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने जो नीतियां बनाई है उसके कारण पिछले साल कोरोना के कहर से लडखड़ाई राज्य की अर्थ-व्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट आई है। पिछले वित्तीय वर्ष से ज्यादा की आमदनी राज्य को इस बार अब तक हुई है। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।
    गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण देश सहित प्रदेशभर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। लेकिन इस साल पिछले वित्तीय सत्र से करीब 45 फीसदी की ज्यादा राजस्व वसूली अब तक की दो तिमाही में सामने आई है। पिछली बार जहां करीब 17 हजार करोड़ की राजस्व वसूली थी, तो अब यह राशि 24 हजार करोड़ पार हो गई है। इससे कोरोना से उबर कर वापस तरक्की की ओर बढ़ने में प्रदेश को मदद मिलेगी।
    पिछले साल से 7 हजार करोड़ ज्यादा की राजस्व वसूली
    प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने सभी विभागों को राजस्व वसूली का टारगेट देकर काम पर लगाया। क्योंकि कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था पर काफी निगेटिव इम्पेक्ट पड़ा था। सरकार के दिशा-निर्देश पर विभागों ने राजस्व वसूली के लिए आकर्षक छूट के साथ अभियान चलाया, जिसके कारण राजस्व बढ़ा है और निगेटिव इम्पेक्ट अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। दरअसल, पिछले वित्तीय वर्ष में अप्रैल, मई व जून 2020 राजस्व वसूली के लिहाज से बिलकुल ठप थे। जुलाई 2021 से कुछ हालात संभले थे। इस बार भी अप्रैल व मई का महीना ही कोरोना की दूसरी लहर के कहर का समय था, लेकिन फिर भी दो तिमाही का सितंबर पहले हफ्ते तक का कुल आंकलन देखें तो स्थिति सुधरी है। करीब 7 हजार करोड़ से ज्यादा की राजस्व वसूली पिछले साल से ज्यादा हुई है।
    वाणिज्यकर, पंजीयन और आबकारी विभाग बने संबल
    संक्रमण काल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में कई विभागों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य की आमदनी के लिए मोटे तौर पर रेत-खनिज, आबकारी, प्रॉपर्टी व अन्य टैक्स और पेट्रोल-डीजल का टैक्स ही रहता है। इसलिए वाणिज्यकर विभाग, पंजीयन विभाग और आबकारी विभाग ही आमदनी का मुख्य जरिया है। इस बार वाणिज्य कर विभाग ने 1748.58 करोड़ की आमदनी पिछले साल से ज्यादा की है। वृत्तिकर में कमी रही, लेकिन बाकी सभी जगह राजस्व बढ़ा है। इसी तरह इस साल शराब पीकर टैक्स चुकाने में भी बढ़ोत्तरी हुई है। शराब से आमदनी में 21.46 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यह राज्य की अर्थ-व्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं।
    सरकार के ये कदम प्रभावी
    कोरोना काल में सरकार ने लगातार यह कोशिश जारी रखी की प्रदेश की अर्थव्यवस्था का अधिक नुकसान न हो। इसलिए राज्य सरकार ने इस बार कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद उद्योग-धंधे और रोजगार पर फोकस किया। लॉकडाउन की बजाए कोरोना कर्फ्यू को अपनाया गया। इससे जरूरत के उद्योग-धंधे चलते रहे। वहीं कारोबार भी कोरोना प्रोटोकॉल के साथ चलता रहा। इसलिए पहले की तुलना में ज्यादा राजस्व बढ़ा। मकानों की रजिस्ट्री से लेकर अन्य व्यवसाय भी कोरोना की बंदिशों के साथ चले। इसलिए राजस्व में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
    …तो और बेहतर हो जाएगी स्थिति
    मंत्रालयीन सूत्रों के अनुसार प्रदेश की आर्थिक स्थिति दिन पर दिन मजबूत हो रही है। अगर केंद्र सरकार से विभिन्न योजनाओं की अटकी किस्तें यदि सरकार को समय पर मिल जाती है, तो राज्य की अर्थव्यवस्था में और बेहतर स्थिति होगी। अभी मनरेगा, कृषि सहित अन्य विभागों में किस्तें अटकी हैं। राहत आपदा कोष की दूसरी किस्त भी करीब साढ़े सात सौ करोड़ की अटकी हुई है। सरकारी निर्माण कामों में भी राशि का उपयोग करने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सामान्य बनाने में मदद मिली। केंद्रीय राशि मिलने से इन कामों में और बढ़ोत्तरी होगी।
    ऐसी है राजस्व आमदनी की स्थिति-(राशि करोड़ में)
    वाणिज्यकर विभाग 2020-21 2021-22
    नॉन जीएसटी आमदनी 4085.64 5834.22
    वृत्ति कर 120.12 118.27
    एसजीएसटी व एडहॉक 5424.61 8537.24
    पंजीयन विभाग 1852.44 2811.53
    आबकारी से 3046.91 2700.88
    कुल 17139.94 24971.69

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