इसी माह दो दिनों तक शिव सरकार करेगी चुनावी मंथन

 शिव सरकार
  • बैठक का एजेंडा तय करने का जिम्मा सौंपा नरोत्तम, भूपेन्द्र व विश्वास को

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। संगठन के बाद अब शिवराज सरकार भी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है। यही वजह है कि चुनावी साल के एक वर्ष पहले ही सरकार ने चुनावी मंथन करने का फैसला कर लिया है। यह मंथन इसी माह के अंतिम सप्ताह में यानी कि 26 और 27 मार्च को कान्हा में किया जाएगा। इस मंथन से निकलने वाले अमृत को सरकार द्वारा आमजन को चखाने का काम किया जाएगा। इस दौरान शिवराज सरकार अपनी फ्लैगशिप योजनाओं को और किस तरह से बेहतर बना सकती है इस पर भी विचार विमर्श करेगी।
इस बैठक के पहले सरकारी की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं के लिए मंत्रियों की एक दर्जन समितियों का भी गठन किया है। इन समितियों को संबंधित योजनाओं की समीक्षा कर उनके बेहतर क्रियान्वयन के लिए बैठक से एक दिन पहले तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही दो दिवसीय बैठक में चिंतन मनन किया जाएगा। बीते रोज हुई कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों के साथ अपने आवास पर अलग से बैठक की। इसमें प्रदेश के विकास के लिए तय किए गए रोडमैप और दो दिवसीय चिंतन बैठक को लेकर भी चर्चा की गई। इस चिंतन बैठक में उन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तार से बात होगी, जो सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। इनके लिए बजट में पर्याप्त प्रविधान भी किए जा रहे हैं। अब जिस वर्ग के लिए योजना का संचालन हो रहा है, उसे क्या लाभ मिला और कहीं सुधार की संभावना है, इस पर काम किया जाएगा। समिति के प्रतिवेदन पर विचार करके जो निर्णय लिए जाएंगे, वे नए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2022 से प्रभावी होंगे। इस चिंतन बैठक के लिए एजेंडा तय करने के लिए भी समिति बनाई गई है। इसमें डॉ. नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग को रखा गया है।
कर्मचारियों से संवाद करेंगे अरविंद भदौरिया और विश्वास सारंग
बैठक में कर्मचारियों से सरकार के स्तर पर नियमित संवाद स्थापित करने की व्यवस्था बनाने की बात भी उठी। दरअसल, शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में कर्मचारियों से संवाद का जिम्मा तत्कालीन मंत्री जयंत मलैया और उमाशंकर गुप्ता को दिया गया था। इस बार अभी तक किसी मंत्री को यह जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई थी। अब यह जिम्मा सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को शामिल कर बनाई गई समिति को दिया गया है। यह समिति कर्मचारी संगठनों से चर्चा करके उनकी समस्याओं को सुन कर चिंतन बैठक में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
विधायकों व हितग्राहियों से लिया जाएगा फीडबैक
मंत्रियों की समिति प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विधायकों और हितग्राहियों से फीडबैक लेगी। इसके आधार पर तय होगा कि योजना में किसी तरह के संशोधन की जरूरत है या नहीं। मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी मंत्रियों को  योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के निर्देश भी दिए। जल्द ही हितग्राहियों के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री ने इससे पहले पांच जनवरी 2021 को कोलार गेस्ट हाउस परिसर और 14 जून 2021 को इछावर स्थिति निजी रिसार्ट में बैठक की थी।
किस समिति में कौन-कौन मंत्री
बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कई समितियों के गठन की भी घोषणा की गई है। इनमें मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के लिए मंत्री कमल पटेल, तुलसीराम सिलावट और प्रेम सिंह पटेल की समिति बनाई गई है। इसी तरह तीर्थ दर्शन योजना के लिए मंत्री ऊषा ठाकुर और गोविंद सिंह राजपूत की समिति गठित की। लाड़ली लक्ष्मी के दूसरे चरण को लागू करने के संबंध में सुझाव देने वाली समिति में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, ऊषा ठाकुर, मीणा सिंह, विजय शाह और कमल पटेल को शामिल किया गया। राशन वितरण की समिति में बिसाहू लाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर और अरविंद सिंह भदौरिया रहेंगे। रविदास जयंती पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर अमल सुनिश्चित करने के लिए डॉ.  प्रभुराम चौधरी, जगदीश देवड़ा और प्रेम सिंह पटेल की समिति बनाई है। इसी तरह से गोवर्धन योजना समिति में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ओम प्रकाश सकलेचा और प्रेम सिंह पटेल , गांव गौरव दिवस समिति में भूपेन्द्र सिंह और नंद किशोर कांवरे। प्रधानमंत्री शहरी एवं ग्रामीण आवास समिति में भूपेन्द्र सिंह और महेंद्र सिंह सिसोदिया को, सीएम राइज स्कूल समिति में इंदर सिंह परमार और नंदकिशोर कांवरे को, जल जीवन मिशन समिति में गोपाल भार्गव, जगदीश देवड़ा और बिजेंद्र सिंह यादव को और स्वास्थ्य सेवाओं की समिति में डॉ. प्रभुराम चौधरी, राम खिलावन पटेल, तुलसी सिलावट और सुरेश धाकड़ को रखा गया है।

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