प्रदेश के पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हरियाली लौटाने की तैयारी

हरियाली

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में संयुक्त वन प्रबंध समितियों द्वारा करीब चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हरियाली लौटाने के बाद अब अगले पांच सालों में 11 हजार से अधिक गांवों के पांच लाख हेक्टेयर इलाके में हरियाली लौटाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए इन समितियों द्वारा उजड़े वनों में पौधरोपण के लिए माइक्रो प्लान तैयार करने का काम किया जा रहा है। समितियां माइक्रो प्लान के तहत वनों के विकास, अच्छे  वन तैयार करने और सूखे पेड़ों को काटकर जलाऊ और इमारती लकड़ी को बाजार में बेचने का काम करेंगी। वन विभाग द्वारा इन समितियों को गांव से जुड़े वनों की सुरक्षा और उजड़े वनों में हरियाली तैयार करने का काम दिया जाएगा।
इसके लिए सरकार स्तर से नई पॉलिसी लाने की भी तैयारी की जा रही है। इस पॉलिसी में उन्हें पौधरोपण से लेकर पेड़ों की काटने तक का अधिकार दिया जाएगा। सरकार यह व्यवस्था उजड़े जंगलों में हरियाली तैयार करने और अतिक्रमण को रोकने के लिए करने जा रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहले यह काम निजी कंपनियों को देने की तैयारी कर ली गई थी , जिसकी जानकारी मिलने के बाद समाज सेवी संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से अब स्थानीय लोगों को यह काम सौंपा जाएगा। उन्हें  इसके लिए आर्थिक सहायता के साथ ही अनुदान और तकनीक भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तहत समितियों और वन विभाग के अधिकारियों का एक संयुक्त खाता होगा जिसमें वनों और वन औषधियों से होने वाले लाभ की पूरी राशि उसी खाते में जमा होगी।
निर्माण, विकास कार्य भी समितियों के हाथ में
वन क्षेत्रों में निर्माण कार्य और विकास कार्य समितियों के हाथों में दिया जाएगा। वनों की सुरक्षा के साथ यह भी काम करेंगी। उन्हें अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही मनरेगा, आत्मनिर्भर भारत, सहकारिता योजना जैसे सरकार की योजनाओं के जरिए लाभ दिया जाएगा। संयुक्त वन प्रबंध समितियों को वनों में अतिक्रमण, अवैध उत्खनन और अवैध कटाई रोकने का भी काम दिया जाएगा।

Related Articles