पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के नियम बदलाव की तैयारी

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप
  • ऑनलाइन इंटीग्रेटेड प्रक्रिया से एडमिशन लेने वालों को ही मिलेगी स्कॉलरशिप

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में कॉलेज लेवल काउंसलिंग से दाखिला लेने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को हायर स्टडी के लिए दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। यह स्कॉलरशिप आॅनलाइन इंटीग्रेटेड एडमिशन प्रक्रिया के तहत एडमिशन लेने वालों को ही मिलेगी। इसके लिए सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को हायर स्टडी के लिए दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के नियम बदलने जा रही है।
प्रदेश में वर्तमान में इस योजना से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के करीब 8 लाख विद्यार्थी सभी स्ट्रीम के कोर्स में लाभ ले रहे हैं। लेकिन अब सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है। इसके बाद ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी तक प्रोग्राम के लिए नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप मिल सकेगी जो आॅनलाइन इंटीग्रेटेड एडमिशन प्रक्रिया के तहत एडमिशन लेंगे। कॉलेज लेवल काउंसलिंग के जरिए एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को इसका लाभ नहीं मिलेगा
वित्त विभाग की मीटिंग में लिया गया निर्णय
जानकारी के अनुसार नियम बदलने का यह निर्णय वित्त विभाग के एससीएस की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में लिया गया है। इसके अनुसार प्रवेश प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन पोस्टल अनिवार्य शर्त की गई है। इसलिए इंजीनियरिंग कोर्सेस में सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग के माध्यम से केवल पात्रता परीक्षा (जेईई-मेन) से मिशन होने पर स्कॉलरशिप मिलेगी। इसी तरह विभिन्न मैनेजमेंट कोर्स के लिए सीएटी, एमएटी, एटीएमए, एक्सएमटी, सीएमए जीएमएटी आदि प्रवेश परीक्षा से चयनित एवं प्रवेशित स्टूडेंट्स को ही पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मिलेगी।
अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त इंस्टीट्यूट में भी निर्धारित प्रवेश प्रक्रिया से एडमिश लेने वाले स्टूडेंट्स को ही लाभ मिलेगा। इस स्कॉलरशिप के लिए इस बार आयु सीमा भी निर्धारित की गई है। पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर तक के कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष और पीएचडी के लिए 35 वर्ष आयु सीमा तय की गई है। वहीं अब दो कोर्स के बीच दो वर्ष से ज्यादा का गैप होने पर भी अब स्कॉलरशिप नहीं दी जाएगी। अल्पसंख्यक कॉलेजों में भी नए नियम लागू होंगे।
विभागों को दी गई नियमों की जानकारी
अब जनजातीय कार्य विभाग की तरह अनुसूचित जाति कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत स्कॉलरशिप के आवेदन, उन्हें स्वीकृत करने और भुगतान प्रक्रिया एक ही पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। बीते माह शासन स्तर पर वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी संबंधित विभागों बैठक बुलाई थी। सभी संबंधित विभागों को नए नियम की जानकारी दे दी गई है ताकि इसी सत्र से इन नियमों को लागू किया जा सके। सत्र 2022-23 के लिए तय कैलेंडर के मुताबिक 30 सितंबर तक शिक्षण संस्थाओं एवं कोर्स के लिए मान्यता एवं संबद्धता दी जाएगी। स्कॉलरशिप के आवेदन 30 नवंबर से होंगे 31 दिसंबर को स्कॉलरशिप भुगतान किया जाएगा। कोषाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी एटीपीआई मप्र डॉ. अजीत सिंह पटेल का कहना है कि नए नियम सत्र 2023-24 से लागू किए जाने चाहिए। यदि नियम सत्र 2022-23 से लागू होते हैं तो आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स का नुकसान होगा। क्योंकि प्रवेश परीक्षाएं हो चुकी हैं। कई स्टूडेंट्स सीधे अर्हकारी कक्षा के आधार पर एडमिशन लेते हैं।

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