नपा अध्यक्षों के नाम पर प्रदेश संगठन लगाएगा मुहर, मांगा नामों का पैनल

प्रदेश संगठन
  • विधायक करेंगे  निर्दलीय व अन्य पार्षदों से बात

    भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। जिला पंचायत व जनपद पंचायतों के अध्यक्ष बनने के बाद अब भाजपा का पूरा फोकस नगर पालिकाओं व नगर परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पदों पर हो गया है। निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा प्रदेश संगठन ने प्रदेश स्तर से नाम तय करने का फैसाला कर लिया है। इसके लिए जिलों से तीन-तीन नामों के पैनल मांगे गए हैं। यह पैनल जिला प्रभारी और जिला अध्यक्षों से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए अलग-अलग मांगे गए हैं। वहीं पार्टी के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष  बनवाने के लिए बीते रोज मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद और नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के साथ लंबी मंत्रणा की गई।
    इस दौरान गैर भाजपा वाले महापौरों वाले नगर निगमों में पार्टी के अध्यक्ष बनवाने पर भी चर्चा की गई। दरअसल भाजपा को 16 से 9 नगरनिगमों में ही जीत मिली है, लेकिन हारे हुए जबलपुर, सिंगरौली, ग्वालियर जैसे नगरनिगमों में महापौर पदों पर मिली हार के बाद भी भाजपा के पार्षद अधिक जीते हैं। लिहाजा यहां भी नगर निगम में उसके अध्यक्ष बनना तय हैं। इसके अलावा 76 नगरपालिकाओं में उसे 50 से अधिक में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है। इसके अलावा एक दर्जन नगरपालिकाएं ऐसी है जहां पर अध्यक्ष पद का बगैर निर्दलियों के चुना जाना संभव नहीं है। इसी तरह 255 नगरपरिषदों में दौ सौ से अधिक परिषदों में भाजपा को पूरी तरह से बहुमत मिला है। जिला पंचायत चुनाव में जिस तरह से पार्टी के नेताओं में आपसी कलह और अपने चहेतों व रिजनों को अध्यसक्ष बनवाने को लेकर सिर फुटोब्बल की स्थिति की वजह से नुकसान हुआ है उसे देखेत ेहुए प्रदेूश संगठन के सामने सबसे बड़ी चुनौति इन परिषदों में बिना विवाद के सर्वसम्मति से अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनबाने की है। संगठन सूत्रों की माने तो भाजपा पांच अगस्त तक सभी नगर पालिका, परिषदों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तय करना चाहती है। इसके लिए जिलाध्यक्षों से कहा गया है कि वे मंडल स्तर पर पार्षदों से चर्चा करवाकर तीन संभावित नाम भेजे। इनमें उनके नाम भी संगठन ने प्रमुख रूप से मांगे हैं जो नेता तीन से चार बार तक पार्षद रह चुके हैं। अधिकांश स्थानों पर वरिष्ठता को मौका देने की नीति बनाई गई है। इसके अलावा कई स्थानों पर युवाओं को भी मौका देने की रणनीति पर भी काम किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अधिकांश जिलों से नाम आना शुरू हो गए हैं। जिन जिलों से नाम आ चुके हैं उन पर प्रदेश संगठन के नेताओं ने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के साथ चर्चा भी चर्चा की ला चुकी है। इसके अलावा उन नगरपालिका और नगरपरिषदों के बारे में भी रणनीति तय की गई है की जहां पार्टी के पार्षद तो अधिक जीते हैं पर स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। वहां पर निर्दलीय और अन्य दलों से जीत कर आए पार्षदों से बात कर उन्हें अपने पक्ष में परिषद अध्यक्ष की जीत तय की जाए। संगठन ने इसका जिम्मा स्थानीय विधायकों को देने का तय किया है।
    मंत्रियों से की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार देर रात मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर उन्हें चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अपने-अपने प्रभार के जिलों में नगर पालिका और नगर परिषद की सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत से जुटने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकतर नगरीय निकायों में हमारे पार्षद ज्यादा संख्या में जीते हैं। इसलिए हमें जनपद और जिला पंचायत की तरह निकाय चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर जीत करना है। निकाय प्रभारियों की मौजूदगी में सभी पार्षदों से चर्चा कर पहले से ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का नाम तय कर लें, ताकि बाद में किसी तरह की संशय की स्थिति न रहे। उन्होंने मंत्रियों से नपा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव संपन्न होने के बाद प्रदेश के विकास कार्यों में जुटने को भी  कहा।
    कांग्रेस की मालवा-निमाड़ से समीक्षा शुरू
    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव के परिणामों के बाद अब उसकी समीक्षा का काम शुरू करवा दिया है। इसके लिए 20 लोगों की स्पेशल टीम बनाई गई है। यह टीम नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशी को टिकट दिलाने वाले नेताओं के साथ ही पार्टी की कमियों की समीक्षा करने का काम करेगी। इस टीम द्वारा समीक्षा से पहले लेखा जोखा तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। अब तक करीब दो दर्जन से अधिक जिलों का रिकार्ड तैयार कर लिया गया है। माना जा रहा है की इसी हफ्ते में   पूरे प्रदेश का रिपोर्ट कार्ड तैयार हो जाएगा। इसके तहत सबसे पहले मालवा और निमाड़ अंचल के जिलों का लेखा जोखा तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि निकाय व पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पूरा फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर है। इसी कड़ी में निकाय चुनाव की जिला-वार बारीकी से समीक्षा की जा रही है। जो भी कमियां सामने आएंगी, उन्हें अगले चुनाव के मद्देनजर तत्काल दूर किया जाएगा। प्रदेश उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पहले ही टिकट की सिफारिश करने वाले पार्टी नेताओं से शपथ पत्र ले लिए थे कि वे जिस प्रत्याशी को टिकट की सिफारिश कर रहे हैं, उसे जिताने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। चुनाव परिणामों की समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
    हेल्पलाइन पर आयी अब तक 5 सैकड़ा शिकायतें
    कमलनाथ द्वारा चुनाव के तत्काल बाद एक हेल्प लाइन नंबर पार्टी प्रत्याशियों और नेताओं के लिए जारी कियार गया था। इसमें अपने स्तर पर पार्टी नेताओं द्वारा चुनाव में की गई  गड़बड़ी समेत अन्य कोई भी संबधित शिकायत कर सकते हैं। इस नंबर पर 500 से अधिक शिकायतें पीसीसी अध्यक्ष के कार्यालय को अब तक मिल चुकी हैं। इन शिकायतों के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके तहत ही उज्जैन और बुरहानपुर में नेताओं को नोटिस दिए गए हैं। शहडोल की जिला कार्यकारिणी भंग कर दी गई है। इसी तरह से भोपाल में पार्टी के चार पदाधिकारी निलंबित किए गए हैं।

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