पुलिस कप्तानों की बड़े पैमाने पर होगी पदस्थापना

  • विधानसभा का सत्र समाप्त होते ही जारी हो सकती है सूची
  • गौरव चौहान
पुलिस कप्तानों

प्रदेश में भले ही विधानसभा के आम चुनाव होने में अभी आठ माह का समय  है, लेकिन सरकार अभी से अपने हिसाब से अफसरों की पदस्थापना करने में लग गई है। इसकी शुरुआत पुलिस महकमे के आला अफसरों से हो चुकी है। हाल ही में जारी की गई आईपीएस अफसरों की सूची में एडीजी से लेकर डीआईजी स्तर तक के अफसरों की नवीन पदस्थापनाएं की जा चुकी हैं। इसके बाद अब जिलों में पदस्थ पुलिस कप्तानों की बारी है। हालांकि अभी भी कई डीआईजी स्तर के अफसरों की नए सिरे से पदस्थापनाएं की जानी हैं। इसके लिए दो दौर की बात भी हो चुकी है।   माना जा रहा है कि विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होते ही यह सूची भी जारी कर दी जाएगी, जिसमें करीब दो दर्जन नाम हो सकते हैं। प्रदेश के एक दर्जन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की पहली तबादला सूची जारी होने के बाद से ही अब दूसरी सूची जारी होने का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है।
दरअसल प्रदेश में मैदानी स्तर पर जिलों में पदस्थ करीब दो दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बदलने की वजह है उनका कार्यकाल या तो एक ही जगह पर  तीन वर्ष को हो चुका है या फिर होने वाला है। जबकि कुछ  की पदोन्नति हो चुकी है, लेकिन अभी भी उनके पास पुलिस अधीक्षक का ही प्रभार है। बहुत जल्द यह सूची जारी हो सकती है। मध्य प्रदेश में आठ माह बाद होने वाले विधानसभा को देखते हुए भारतीय प्रशासनिक  सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की जमावट होनी है।  अब जो तबादला आदेश जारी होंगे, उसमें चुनावी जमावट का असर साफ दिखाई देगा। इसमें पुलिस रेंज के अधिकारी भी प्रभावित होंगे। इसके लिए गृह विभाग की ओर से सारी तैयारियां कर ली गई है। फिलहाल अभी सूची पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहमति आना बाकी है। विधानसभा चुनाव होने की वजह से सरकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी राय मशविरा कर रही है। इस सूची में वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। चुनावी जमावट के चलते पुलिस मुख्यालय और मंत्रालय के अधिकारियों के बीच यह तय हो गया है कि जिन भी पुलिस अधीक्षकों का नवम्बर 2023 तक तीन साल पूरे हो रहे हैं, उनका तबादला किया जाएगा। इस दायरे में करीब डेढ़ दर्जन पुलिस अधीक्षक आ रहे हैं।
प्रमोटी आईपीएस को मिल सकती है कमान
बताया गया है कि नई सूची में वर्ष 1995-96 बैच के प्रमोटी आईपीएस को फील्ड पोस्टिंग मिल सकती है। ऐसे कई आईपीएस अफसर हैं जो पुलिस अधीक्षक नहीं बन पाए हैं। जिनको एसपी की कमान सौंपी जा सकती है। सूत्रों की मानें तो सरकार भारतीय पुलिस सेवा और राज्य पुलिस सेवा के अफसरों की जंबो तबादला सूची जारी करने की तैयारी कर रही है। जिसमें वह एसपी हटाए जाएंगे जिन्हें फील्ड में तीन वर्ष पूरे हो गए हैं या आगामी चुनाव तक तीन वर्ष पूरे होने वाले हैं। आगामी विधानसभा चुनाव की जमावट के हिसाब से अधिकारियों की तबादला सूची जारी की जाएगी। तबादले की यह है वजह
मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू की जा सकती है। चुनाव आयोग द्वारा सरकार से सबसे पहले उन अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए कहेगा जिनकी पदस्थापना के तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं। जिसको लेकर सरकार पहले से ही अपने हिसाब से पदस्थापन करने की तैयारी कर रही है। जिन अफसरों के फील्ड में तीन वर्ष पूर हो चुके हैं उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव से पहले नई पदस्थापना करना आवश्यक है। इस काम को यदि सरकार द्वारा नहीं किया जाएगा तो चुनाव आयोग करेगा। इस झंझट से बचने के लिए सरकार द्वारा अभी से ही तबादला सूची तैयार कर ली गई है।
इन जिलों के एसपी होंगे स्थानांतरित
पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस सूची में डीआईजी पद पर पदोन्नत हो चुके पुलिस अधीक्षकों के नाम शामिल होंगे । जिनमें विदिशा की मोनिका शुक्ला, कटनी के सुनील जैन, राजगढ़ के अवधेश गोस्वामी, सागर के तरुण नायक, रीवा के नवनीत भसीन, सीधी के मुकेश श्रीवास्तव शामिल हैं। नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा के एसपी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। जबकि शिवपुरी में राजेश चंदेल, धार में आदित्य प्रताप सिंह को पदस्थ रहते हुए तीन साल से अधिक हो गए हैं। अमित सांघी ग्वालियर, वीरेन्द्र कुमार सिंह सिंगरौली, सत्येन्द्र शुक्ला उज्जैन, शिवदयाल देवास, विवेक सिंह खंडवा, राकेश सागर आगर मालवा, राहुल कुमार लोधा बुरहानपुर, सिमाला प्रसाद बैतूल, सिद्धार्थ बहुगुणा जबलपुर, सचिन शर्मा छतरपुर, प्रशांत खरे टीकमगढ़ सहित कई जिलों के एसपी ऐसे हैं, जिनका कार्यकाल सवा दो साल से अधिक हो चुका है। जिनकी जगह नए पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना किए जाने की तैयारी की जा रही है।

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