अब मालवा और बुंदेलखंड पर… पीएम मोदी का फोकस

  • हरीश फतेहचंदानी
नरेंद्र मोदी

प्रदेश में  में यह चुनावी साल है, सो नेताओं के दौरे तो होंगे ही लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रवास हो रहे हैं इससे भाजपा की ङ्क्षचता समझी जा सकती है। यही नहीं भाजपा के दूसरे सबसे बड़े और लोकप्रिय चेहरा अमित शाह भी प्रदेश के अलग-अलग अंचलों में प्रवास कर चुके हैं। दरअसल इन दोनों ही बड़े नेताओं के प्रवासों को चुनावों से जोडक़र देखा जा रहा है। यह नेता अब तक महाकौशल और मध्यभारत अंचल का दौरा किसी न किसी बहाने से कर चुके हैं। इसके बाद अब प्रधानमंत्री के मालवा और बुंदेलखंड अंचल में प्रवास की तैयारियां की जा रही हैं। मालवा निमाड़ अंचल में जहां आदि शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए मोदी को बुलाया जा रहा है , तो वहीं बुंदेलखंड अंचल के बीना में लगी रिफायनरी की आधारशिला भी मोदी द्वारा रखने की संभावना है।  
 दरअसल मालावा निमाड़ अंचल  प्रदेश का  वो अंचल है , जहां से ही प्रदेश की सत्ता का द्वार खुलता है। इसकी वजह है इस अंचल से ही सर्वाधिक 66 विधानसभा सीटें आती हैं, जबकि बुंदेलखंड अंचल से महज 26 सीटें आती हैं।  यही वजह है कि उज्जैन के बाद अब सरकार का पूरा फोकस ओंकारेश्वर पर है।  खंडवा के ओंकारेश्वर स्थित ओंकार पर्वत पर अध्यात्म लोक एकात्म धाम विस्तार ले रहा है। यहां ओंकार पर्वत को काटकर 28 एकड़ जमीन पर इसकी स्थापना की जा रही है। यहां आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इसके लिए 54 फीट का आधार स्तंभ पर आदि गुरु शंकराचार्य की बाल्य अवस्था की 108 फीट की मूर्ति की स्थापना की जाना है। चार स्लैब में बनने वाले आधार स्तंभ का 50 फीसदी काम हो चुका है। प्रदेश की सबसे ऊंची इस प्रतिमा का इसी साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण कराने की तैयारी की जा रही है। लगभग 2 हजार करोड़ रुपए के बजट से बनने वाले के बाकी बचे हिस्से का काम दिसंबर 2024 तक पूरा होगा। इस दौरान एक बड़ी आम सभा का भी प्रस्ताव है। यह आयोजन ऐसे समय प्रस्तावित है, जब विधानसभा चुनाव होने में महज दो माह ही रह गए होंगे।
यह है दोनों अंचलों का राजनैतिक परिदृश्य
अगर इन दोनों अंचलों की बात की जाए तो इसके तहत कुल 92 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें मालवा निमाड़ में 66 और बुंदेलखंड में 26 सीटें आती हैं। बीते विस चुनाव में 6 सीटों वाले बुंदेलखंड में भाजपा को 14, कांग्रेस को 10, सपा 1 और बसपा को 1 सीट मिली थी, जबकि इसके पहले यानी की 2013 के चुनावों में भाजपा ने 20 सीटें जीती थीं, कांग्रेस को 6 मिली थीं। इसी तरह से मालवा निमाड़ में भाजपा को बीते चुनावों की अपेक्षा यहां 27 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था, तो वहीं कांग्रेस को 26 सीटों का फायदा हुआ था। निर्दलियों के खाते में भी पिछली बार की अपेक्षा एक सीट अतिरिक्त गई थी। अगर 2013 की बात करें तो इस अंचल की 66 में से 55 सीटें भाजपा ने जीती थीं, कांग्रेस इकाई अंक में 9 पर सिमट गई थी और निर्दलीय 2 सीट जीते थे, जबकि इस बार भाजपा को 27, कांग्रेस को 35 और निर्दलियों को 3 सीटें मिली हैं। भाजपा को हुए नुकसान की जो वजहें बताई गई उनमें प्रमुख रूप से किसान आंदोलन , मंदसौर गोलीकांड और एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के बाद हुआ सवर्ण आंदोलन प्रमुख रहीं।
अगले माह बुंदेलखंड में होगी मोदी की सभा
कर्नाटक में हो रहे विधानसभा चुनाव से फ्री होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का एक बार फिर से मध्य प्रदेश का दौरा प्रस्तावित है। मोदी का दौरा इस बार बुंदेलखंड के सागर जिले में प्रस्तावित है। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। यह प्रवास अगले माह प्रस्तावित है।  खास बात यह है कि इस दौरान भी उनके द्वारा एक सभा को संबोधित किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। फिलहाल अधिकृत रूप से तारीख तय होने का इंतजार किया जा रहा है। प्रवास के दौरान बीना रिफायनरी एक्सटेंशन कार्यक्रम में आधारशिला रखेंगे। बीना रिफायनरी द्वारा 45 हजार करोड़ रुपए का निवेश यहां किया जा रहा है। जिससे 2 हजार लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा।  बता दें कि इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी 1 अप्रैल को भोपाल आए थे। इसके बाद अप्रैल में ही वे रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे और अब 1 माह के अंतराल के बाद जून में उनका बुंदेलखंड का दौरा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार चुनाव के पहले पीएम मोदी प्रदेश के सभी क्षेत्र में सभाएं करके पार्टी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं।

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