
- सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक ने दिए निर्देश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स के पास कितनी अचल संपत्ति है और वह कहां से मिली है, ये जानकारी उन्हें हर हाल में देनी होगी। इस संदर्भ में सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें अखिल भारतीय सेवाओं के मप्र कॉडर के सभी अधिकारियों को एक जनवरी से 31 जनवरी 2023 के बीच अपनी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा आॅनलाईन प्रस्तुत करना होगा। अगर किसी ब्यूरोक्रेट्स ने नियमित तौर से अपनी अचल संपत्ति का खुलासा नहीं किया है, तो उसे अब 11 साल का ब्यौरा देना पड़ेगा। जारी निर्देश में कहा गया है कि एक जनवरी 2023 की स्थिति में अधिकारियों को अपनी अचल सम्पत्ति का विवरण पत्रक आॅनलाईन कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय को अनिवार्य रूप से देना है। जो अधिकारी अपनी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करते है उनकी अगले वेतनमान में पदोन्नति प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही बताया गया है कि अब आॅनलाईन दिए गए अचल सम्पति के विवरण पत्रक की अलग से मैन्युअली कॉपी प्रिंट आउट या हार्ड कॉपी अब भेजने की जरूरत नहीं है। यदि कोई अधिकारी 31 जनवरी तक अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा देने में असमर्थ है तो उसे वैधानिक कारण बताकर इसके लिए अनुमति लेकर बाद में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दाखिल करना होगा। यह ब्यौरा ऑनलाइन मॉड्यूल में इलेक्ट्रॉनिक रुप से देना है, जिसमें मैन्यूअली जानकारी की स्कैन कॉपी का भी उपयोग किया जा सकेगा।
परिजनों की अचल संपत्ति की जानकारी भी जरूरी: आईएएस अधिकारी की पिछले साल तक अर्जित कुल संपत्ति के बाद खरीदी या बेची गई संपत्ति का ब्यौरा इसमें स्वयं के नाम से खरीदी या लीज पर ली गई संपत्ति का ब्यौरा तो देना ही है साथ ही अपने परिवार के सदस्यों, पत्नी, उन पर आश्रित बच्चों या अन्य किसी के नाम से खरीदी गई अचल संपत्ति का ब्यौरा भी देना है। इसमें उन्हें यह जानकारी भी देना है कि संपत्ति खरीदने या लीज पर लेने के पहले उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक से इसकी विधिवत अनुमति लेकर संपत्ति खरीदी या लीज पर ली है या नहीं। यदि पारिवारिक संपत्ति वसीयत में उसे उस वर्ष में प्राप्त हुई है। कोई संपत्ति उसे पारिवारिक सदस्यों द्वारा या किसी अन्य के द्वारा दान में मिली है तो उसकी जानकारी भी देना होगा।
11 साल की अचल संपत्ति की जानकारी
बीते 11 वर्षों में कभी भी यदि किसी आईएएस अफसर ने किसी साल अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी सरकार को नहीं दी है तो उसे अब देनी होगी। फिर भी यदि कोई अफसर जानकारी नहीं देता है तो उसे अगली वेतनवृद्धि नहीं मिलेगी। इसलिए ऐसे आईएएस अफसरों की खोजबीन शुरू कर दी गई है, जिन्होंने अचल संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। मध्यप्रदेश के तीन आईएएस ऐसे भी है जिन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए पिछले वर्षों में अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन नहीं किया है। जिन अफसरों ने ब्यौरा नहीं दिया है उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2009 बैच के आईएएस शिवपाल ने वर्ष 2017 का सपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। उन्हें स्मरण पत्र भेजे गए थे लेकिन बिना जानकारी दिए ये 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत हो गए। दूसरे आईएएस 2012 बैच के आईएएस संतोष कुमार वर्मा है जिन्होंने 2021 का सपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। ये वर्तमान में निलंबित चल रहे है। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीसरी आईएएस 2015 बैच की आईएएस रानी बंसल है। जिन्होंने वर्ष 2020 और 2021 का अपना संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। ये तीन साल से अपनी नौकरी से अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित चल रही थी जिसके चलते डीओपीटी ने उनकी सेवाएं स्वत: त्यागपत्र के आधार पर समाप्त कर दी है।