
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी /बिच्छू डॉट कॉम। लोधी समाज को लेकर दिए गए बयान के बाद मचे सियासी तूफान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। इन ट्वीट्स को लेकर भी वे बेहद चर्चा में हैं। इन ट्वीट के माध्यम से वे एक बार फिर सरकार पर गर्जी हैं। इसमें उनके द्वारा कई तरह के सवाल भी उठाए गए हैं, तो उनके द्वारा अपने बयान पर सफाई भी दी गई है। इसमें बताया गया है कि आखिरकार उन्होंने यह बयान क्यों दिया था। हालांकि, उन्होंने साफ तौर पर लिख दिया कि वह अपने बयान का खंडन नहीं कर रही हैं। उनके द्वारा गुरुवार सुबह एक के बाद एक कई ट्वीट किए गए। दरअसल, उमा भारती ने सबसे पहले ट्वीट करते हुए लिखा, 25 दिसंबर को मैं लोधी समाज के एक कार्यक्रम में गई। वहां मैंने जो भाषण दिया उसका एक अंश सोशल मीडिया में आ रहा हैं एवं अखबारों में छप रहा हैं, उसके खंडन की जरूरत नहीं, क्योंकि मैंने ऐसा ही बोला है। मेरे भाषण के पहले के कुछ वाक्य बताना जरूरी हैं। इसलिए ट्वीट कर रही हूं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लिखा, मैंने कहा कि पिछले 2018 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कुछ विधानसभा क्षेत्रों से मेरी सभा से पहले लोधी समाज से कुछ फोन मेरे ऑफिस में आए थे कि दीदी की सभा रद्द कर दीजिए, हम यहां के बीजेपी के उम्मीदवार से नाराज हैं। उसी के जवाब में मैंने उस दिन ऐसा बोला है। मैं सार्वजनिक तौर पर पहली बार नहीं बोली। उन्होंने कहा कि आप याद करिए जब हम विधानसभा चुनाव हार गए और कांग्रेस का एक समूह हमारे साथ टूट कर आया एवं उसके सहारे हमने सरकार का गठन किया तथा मंत्रिमंडल बना। तब भी मैंने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि इस मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है। पूर्व सीएम ने कहा कि हिंदुत्व मेरी निष्ठा, भारत मेरा प्राण और संसार के सभी अभावग्रस्त लोग मेरे दिल में बसे हैं। मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी है. मैंने कभी भाजपा नहीं छोड़ी। मुझे निकाला गया था।
पहले भी दिखाती रहीं हैं बागी तेवर
उमा भारती ने अपने बयान को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये कोई नई बात नहीं है, जब मैंने इस तरह की बयानबाजी की। इसके पहले भी कई मौकों पर इस तरह का बयान मैंने दिया है। इसके अलावा उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि वर्तमान मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है। लोगों को ये भी याद करना चाहिए कि जब हम विधानसभा चुनाव हार गये थे और कांग्रेस का एक समूह हमारे साथ टूटकर आया और उसके सहारे हमने सरकार का गठन किया था और तब जाकर हमारा मंत्रिमंडल बना था। तब भी मैंने सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी की थी। इसे लेकर कांग्रेस को मेरे और बीजेपी के बीच में आने की जरूरत नहीं है।
क्या था उमा भारती का पूरा बयान
क्या था उमा भारती का पूरा बयान लोधी समाज के कार्यक्रम में उमा ने कहा था कि मैं अपने पार्टी के मंच पर आऊंगी, लोगों से वोट मांगूंगी। मैं कभी नहीं कहती लोधी कि तुम भाजपा को वोट करो। मैं आप सब से नहीं कहती की तुम भी पार्टी के लिए निष्ठावान रहो। आपको अपना हित भी देखना चाहिए। हम सब प्यार के बंधन में बंधे है , लेकिन राजनीतिक बंधन से आजाद है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं उम्मीदवार के पक्ष में वोट मागूंगी, प्रचार करूंगी उनके पक्ष में बोलूंगी लेकिन, आपको उसी उम्मीदवार को वोट देना है, जिसने आपका सम्मान रखा हो। जिसने आपका उचित स्थान रखा हो। आप उसे वोट करने के लिए स्वतंत्र है। एक बात हमेशा ध्यान रखना की मैंने भाजपा पार्टी छोड़ी नहीं थी मुझे पार्टी से निकाला गया था, क्योंकि पहले से ही ये तय था कि सरकार बनाओ, उसके बाद इसे बाहर का रास्ता दिखाओ। जिसके तहत मुझे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। बता दें कि उनके इस बयान के बाद से ही मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर सवाल खड़े करने का विपक्ष को एक और मौका मिल गया है।
मोदी मेरे नेता…
उमा ने लिखा- हिंदुत्व मेरी निष्ठा, भारत मेरा प्राण और संसार के सभी अभावग्रस्त लोग मेरे दिल में बसे हैं। मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी है। मैंने कभी भाजपा नहीं छोड़ी। मुझे निकाला गया था। तब मैंने अपने कर्तव्य पथ पर चलते रहने के लिए राष्ट्रवादी विचार की धाराप्रवाह में ही अपना दल बनाया। फिर उस समय के भाजपा के अध्यक्ष नितिन जी के निमंत्रण पर, जिसका मोदी जी ने भी समर्थन किया, भारतीय जनशक्ति का भाजपा में विलय करते हुए मैं भाजपा में वापस आ गई।
कांग्रेस को हमारे बीच आने की जरूरत नहीं
उमा ने ट्वीट में लिखा- कांग्रेस को हमारे बीच में आने की जरूरत नहीं है। मुझे भाजपा साइडलाइन नहीं करती, मेरी अपनी एक सीधी लाइन है और मैं उसी पर चलती हूं- स्वयं का मोक्ष और जगत का कल्याण। सूर्य की रोशनी, चंद्रमा की चांदनी, हवा का झोंका, फूलों की सुगन्ध, नदी की तरंग और शक्कर की मिठास, यह कभी साइड लाइन नहीं होते, क्यूंकि यह अंदर बाहर सब तरफ रचे-बसे होते हैं।