भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी हमेशा ही अपने अजीबो गरीब कारनामों के लिए चर्चा में रहती है। ताजा मामला बीकॉम के रिजल्ट से जुड़ा सामने आया है। हाल ही में जीवाजी विश्वविद्यालय ने अपना बीकॉम का रिजल्ट घोषित किया तो, लेकिन इसके अंतर्गत आने वाले शासकीय विजयराजे कन्या विद्यालय मुरार में बीकॉम में पढऩे वाली छात्राओं में से डेढ़ सौ को तो जीरो नंबर दे दिए, जबकि एक हजार छात्राओं को एक ही सब्जेक्ट में फेल कर डाला। इससे नाराज छात्राएं जीवाजी विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने पर मजबूर हो रहे हैं। उधर बीते रोज सैकड़ों की संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता और छात्र-छात्रा जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी के बंगले पर पहुंच गए। वहां उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और छात्राओं के बीच भी झड़प भी हुई। छात्राएं कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी के बंगले में घुसने की कोशिश कर रहे थे, गेट पर चढ़े छात्र और छात्राओंं से पुलिस की जमकर झड़प भी हुई। छात्राओं का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने हमारे साथ की एक हजार छात्राओं को एक ही सब्जेक्ट में सप्लीमेंट्री और 150 छात्राओं को पूरी तरह जीरो नंबर देकर फेल कर दिया गया है। ये कैसे हो सकता है? छात्राओं का ये भी कहना है कि हमारे सामने हम सब की कॉपियां दोबारा ओपन की जाएं और जिन लोगों ने कॉपी चेक किया जाए कि किस आधार पर उन्होंने जीरो नंबर दिया है। क्योंकि हम सब कॉपी में सारे प्रश्रों के उत्तर लिखकर आए, फिर भी जीरो नंबर दिए गए।
कॉपी चैक करने की प्रक्रिया पर सवाल
छात्राओं ने विवि की कॉपी चेक करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग भी कॉपी चेक करते हैं, उन सब की लिस्ट सार्वजनिक की जाए, जिससे हमें पता चले कि जो लोग कॉपी चेक करते हैं उनकी योग्यता क्या है?
एनएसयूआई का आरोप
धरने में पहुंचे एनएसयूआई के जीवाजी यूनिवर्सिटी इकाई के अध्यक्ष पारस यादव ने कहा कि विवि घोटालों का केंद्र है। जहां कॉपी जांचने वाला एक गिरोह काम कर रहा है। यहां की कॉपी ठेके पर जांच कराने के लिए भेजते हैं। जहां बगैर पढ़े लिखे लोग इनको जांचते हैं। इनके पारिश्रमिक में से पचास फीसदी कमीशन पहले ही विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों द्वारा लिया जाता है। वहीं, यूनिवर्सिटी के कुलसचिव ने छात्राओं की बात सुनी और उनको आश्वासन देते हुए कहा है कि आपकी जो भी परेशानी है, उनको जल्दी निराकरण किया जाएगा। लेकिन वे मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हैं।
15/09/2024
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