
भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में मिशन 2023 में जुटी भाजपा में नया जोश भरने, सत्ता और संगठन की नब्ज टटोलने मप्र-छग भाजपा के नए क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल मप्र के दौरे पर हैं। वे आज और कल सत्ता यानि की दो दिन तक संगठन के नेताओं के साथ चर्चा कर मिशन 2023 के फतह का मंत्र देंगे। गौरतलब है कि 9 अगस्त को वे सबसे पहले इंदौर पहुंचे और संगठन के प्रमुख लोगों व नेताओं से चर्चा की। 21 जुलाई को ही उन्हें यह जिम्मा मिला है, जिसके बाद जामवाल का मध्य प्रदेश का यह पहला दौरा होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री की व्यवस्था का पहला प्रयोग है। जामवाल आज और कल होने वाली बैठकों में आगामी विधानसभा की रणनीति के साथ ही नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव के परिणाम को लेकर प्रारंभिक जानकारी ले सकते हैं। भोपाल में वे प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे और संगठन की कसावट से लेकर नीचे तक की सियासी संरचना की रिपोर्ट लेंगे। देश में मप्र भाजपा का संगठन सबसे मजबूत है। फिर भी क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल का फोकस संगठन में कसावट पर है। भोपाल में दो दिन के दौरे और मैराथन में वे सीधे हर पदाधिकारी और विभिन्न प्रकोष्ठों- मोर्चों के पदाधिकारियों से सीधी बातचीत कर समस्याएं सुनकर उनके समाधान की बात करेंगे।
चुनौतियों पर होगी चर्चा
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता के सेमीफाइनल कहे जाने वाले नगरीय निकाय चुनाव के जो परिणाम सामने आए हैं और उसके बाद नेताओं के मनमुटाव की तस्वीरें सामने आई हैं उन पर भी चर्चा होने की संभावना है। गौरतलब है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने गंभीर बयान दिए हैं। जैसे- सरकार पर हावी ब्यूरोक्रेसी अपने कार्यकर्ता दरकिनार…ग्वालियर में हम जो हारे हैं, वो अलार्मिंग है। जो मतदाता सूची बनी है, प्रदेश भर में लोग परेशान हुए। इसमें प्रशासन व चुनाव आयोग की भूमिका कितनी है, इसे सीएम को गंभीरता से लेना चाहिए। सीएम अफसरों पर ज्यादा विश्वास करते हैं। इतना ही विश्वास कार्यकर्ताओं पर भी करना चाहिए। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने दमोह के परिणाम के बाद 17 जुलाई को ट्वीट किया था-दमोह के नगरीय निकाय चुनावों में खंडित जनादेश आत्ममंथन की सीख दे रहा है, जिसे मैं शिरोधार्य करता हूं। एक सप्ताह बाद ट्वीट किया कि दमोह में परिणाम हमारे विरुद्ध गया है।
इसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं, क्योंकि अल्पमत के बाद चुनाव लड़ने की मेरी सहमति थी। हम जोड़-तोड़ की राजनीति में विफल हुए हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सत्यनारायण जटिया ने 31 जुलाई को मीडिया से कहा था-ये चुनाव परिणाम वर्ष 2023 के जनाधार की पूर्व सूचना है। पार्टी को नतीजे देखकर आवश्यक सुधार करना होगा। ये देखना होगा कि कहां पर हार गए और क्यों हारे हैं। ये चुनाव छमाही परीक्षा की तरह थे। इनके नतीजों को देखकर कमियों को दूर करें और मिशन 2023 के लिए रणनीति बनाएं। आदि को लेकर जामवाल फीडबैक ले सकते हैं।
क्षेत्रीय संगठन मंत्री बताएंगे जीत का फॉर्मूला
क्षेत्रीय संगठन मंत्री जामवाल बैठकों के दौरान सिर्फ समस्याएं नहीं पूछेंगे, बल्कि पदाधिकारियों से ही हल भी जानने की कोशिश भी करेंगे। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि संगठन में अपने आप में ही एक बड़ा बदलाव हो चुका है, वो हैं नए क्षेत्रीय संगठन मंत्री के रूप में। इसलिए शीर्ष स्तर पर कुछ नए बदलाव की सुगबुगाहट भाजपा नेताओं के बीच होने लगी है। बताया जाता है कि भाजपा को प्रदेश में चुनाव के पहले और मजबूत करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पदों पर बदलाव भी किया जा सकता है। खासकर ऐसे लोगों को पद से हटाए जा सकते हैं, जो पद लेने के बाद निष्क्रिय हैं। ऐसे पदाधिकारियों की वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी हैं।
पदाधिकारियों और सांसद-विधायकों से लेंगे फीडबैक
मप्र में विधानसभा चुनाव में अभी लगभग 15 महीने का समय बचा है। लेकिन, भाजपा अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी नजर आ रही है। भाजपा के नये क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल आज पहली बार राजधानी भोपाल पहुंचे हैं। ये दौरा अहम माना जा रहा है, क्योंकि मप्र में 2023 के विधानसभा चुनावों की आहट होने लगी है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हाल में दिए बयानों में जामवाल के लिए आने वाली चुनौतियों के संकेत दे दिए हैं। जामवाल दो दिन भोपाल में प्रदेश पदाधिकारियों और सांसद-विधायकों से फीडबैक लेने वाले हैं। वे प्रमुख मसलों पर अलग से बात भी कर सकते हैं।