दो संतों के सहारे ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड को साधने की कवायद

दो संतों
  • बीते आम विधानसभा चुनाव में भाजपा को लग चुका है बड़ा झटका

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। बीते आम विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किल बने सूबे के दो अंचल बुंदेंलखंड और ग्वालियर -चंबल अंचल को अब भाजपा दो संतों के सहारे साधने की कवायद में लग गई है। दरअसल यह दोनों संत इन्ही अंचलों से आते हैं और उनका अपने -अपने अंचल तो ठीक प्रदेश व देश में बड़ी संख्या में भक्त हैं। यह दोनों संत बीते कई सालों से अंचल के लोगों के आस्था का केन्द्र बने हुए हैं। उनके दरबारों में हर रोज हजारों लोगों की भीड़ जुटती है। इनमें एक संत हैं भिंड जिले के पंडोखर सरकार तो दूसरे हैं छतरपुर जिले के संत बागेश्वर सरकार।
दरअसल सन 2018 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से भाजपा को पीछे रहना पड़ा था, जिसकी वजह से ही कांग्रेस को डेढ़ दशक बाद सत्ता में आने का मौका मिला था। भाजपा के पिछड़ने की वजह भी बुंदेलखंड और ग्वालियर -चंबल अंचल में भाजपा को भारी नुकसान होना था। यह बात अलग है की करीब 15 माह बाद ही प्रदेश में भाजपा द्वारा मौजूदा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नेत्तृव में आपरेशन कमल चलाया गया था, जिसके परिणाम स्वरुप भाजपा फिर से सत्ता में आ सकी थी। इस बर अभी से इस मामले में सचेत भाजपा की ओर से नरोत्तम मिश्रा ने एक बार फिर बड़ा दांव चला है।
माना जा रहा है की यह पूरी कवायद इन दोनों अंचलों की उन सीटों को ध्यान में रखकर की गई है , जहां पर भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा था। दरअसल इन दोनों संतो को एक दूसरे के विरोधी के रुप में देखा जाता था, लेकिन जिस तरह से नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें एक साथ मंच पर लाकर खड़ा किया है उससे न केवल स्वयं मिश्रा का कद बढ़ा है, बल्कि अब दोनों संतो का साथ मिलना भी तय हो गया है। दोनों संतो का एक साथ एक मंच पर भी मिश्रा ने अपने कर्म क्षेत्र दतिया शहर में धार्मिक मंच पर लाकर खड़ा किया है। इसकी वजह से दोनों ही संतों के समर्थकों के अलावा हिन्दु धर्मावलंबियों में खुशी की लहर दौड़ गई। इसकी वजह से अभी से कहा जाने लगा है की आगामी विधानसभा चुनाव में सनातनी धर्म के इन दो संतों के मिलन का फायदा भाजपा को मिलना तय है। इस मुलाकात ने दोनों ही संतों के बीच सोशल मीडिया में वायरल गलतफहमी को दूर किया है। यही वजह है कि इस मिलन के बाद अब दोनों संतो ने एक दूसरे को अपने-अपने धाम में दर्शन के लिए आमंत्रण भी दिया है। यही नहीं मंच पर रहने के समय दोनों ही संतो ने एक दूसरे से काफी देर तक संवाद भी किया। दरअसल दतिया में चल रहे पार्थिव शिव पूजन और कथा के बीत गृहमंत्री मिश्रा ने पंडोखर सरकार को यहां आमंत्रित किया था। यही आमंत्रण दोनों के बीच सौजन्य मुलाकात की वजह बना।
सोशल मीडिया की टीका-टिप्पणी थी बड़ी वजह
बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र शास्त्री छतरपुर के गढ़ा ग्राम के रहने वाले हैं। वहां पर उनका परिवार रहता है। बीते कुछ सालों में धीरेंद्र शास्त्री अपनी सिद्धि के जरिए दरबार लगाकर खूब लोकप्रिय हुए हैं। इसकी वजह से उनके चाचा एवं उनके बेटे असंतुष्ट होकर पंडोखर धाम की शरण में पहुंच गए।
अपनी सहज प्रतिक्रिया देते हुए पंडोखर धाम ने बागेश्वर धाम सरकार को लेकर जो चर्चा की उनसे की थी, उसे सोशल मीडिया पर जमकर वायरल किया गया था। इसकी वजह से दोनों संत एक दूसरे के प्रति समय-समय पर प्रतिकूल टीका-टिप्पणी करते रहे। बाद में मध्यस्थों के द्वारा पहल कर इस मामले को हल करने का प्रयास किया गया तो दोनों संतों ने इस बात को स्वीकारा कि गलतफहमियों के चलते सोशल मीडिया पर अनावश्यक टीका-टिप्पणी हुई है।
यह था अंचल का गणित  
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आठ जिलों  34 में से 26 सीटें जीत ली थींञ यह बात अलग है की उस समय कांग्रेस के पास बतौर स्टार प्रचारक ज्योतिरादित्य सिंधिया थे , जो अब भाजपा में हैं। इन 26 सीटों की वजह से ही प्रदेश का सियासी समीकरण बदल गए थे। इसके अलावा 26 सीटों वाले बुंदेलखंड में भाजपा को 14, कांग्रेस को 10, सपा 1 और बसपा को 1 सीट मिली, भाजपा ने इसके पहले  चुनावों में 20 सीटें जीती थीं, कांग्रेस को 6 मिली थीं।
संत और बसंत का आना एक जैसा
इस अवसर पर गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि पण्डोखर सरकार गुरुशरण महाराज व बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दोनों एक साथ इस धार्मिक महानुष्ठान में उपस्थित हुए। आप दोनो संत तो हारे के सहारे है। जो भी परिवार से परेशान है, बीमारी से परेशान है, आप की शरण में आता है। आप की शरण में आने भर से उसके कष्ट दूर हो जाते है। उन्होंने कहा कि वैसे तो मनुष्य की व्यथा और हनुमत कथा अनंत है लेकिन जो इसे समझ गया वो आप जैसा संत है संत का आना और बसंत का आना एक जैसा है। बसंत जब आता है तो प्रकृति हंसती हैं और जब संत आते है तो हमारी संस्कृति, सभ्यता हंसती हैं, फलती-फूलती हैं।
लगे श्री राम के उद्घोष
प्रदेश के गृहमंत्री के अगुवाई में चल रही हनुमंत कथा के दौरान भीड़ की मौजूदगी में बागेश्वर धाम के संत पं. धीरेंद्र शास्त्री कथा कह रहे थे, तभी अचानक पं. गुरुशरण महाराज पंडोखर सरकार मंच पर आ गए। सनातनी परंपरा के मुताबिक पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कथा को बीच में ही रोककर पंडोखर सरकार का अभिवादन किया और आशीर्वचन देने का आग्रह किया। जिसे पंडोखर सरकार ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद भीड़ ने जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए जमकर तालियां बजायी। अपने-अपने उद्बोधन में दोनों ही सुविख्यात संतों ने प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की प्रशंसा करते हुए सनातन धर्म के लिए हिंदू समुदाय से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा की हम दोनों संतों में किसी भी प्रकार का कोई टकराव नहीं है। पंडोखर सरकार ने इस दौरान बागेश्वर सरकार छोटा भाई बताया।

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