एक-एक सीट की स्क्रीनिंग करेंगे जामवाल और राव

  • हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम।
 जामवाल और राव

51 फीसदी वोट के साथ 200 से अधिक सीटें जीतने का जो टारगेट मप्र भाजपा को मिला है, उसे पूरा करने के लिए पार्टी के लगभग सभी पदाधिकारी मोर्चे पर सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपनी स्थिति का आंकलन कराने के लिए सत्ता और संगठन लगातार सर्वे भी करा रहे हैं। सर्वे में मिले फीडबैक के अनुसार रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन प्रभारी मुरलीधर राव मोर्चे पर सक्रिय होंगे। ये नेता एक-एक सीट की स्क्रीनिंग करेंगे।
दरअसल, पार्टी की कोशिश है कि इस बार गुजरात की ही तरह मप्र में भी रिकॉर्ड जीत के साथ सत्ता में आया जाए। इसके लिए एक ओर जहां पार्टी के रणनीतिकार रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं, वहीं दिग्गज पदाधिकारी प्रदेशभर में दौरे कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन प्रभारी मुरलीधर राव का नए सिरे से कार्यक्रम तैयार हो रहा है। दरअसल, पार्टी द्वारा अपने विधायकों की छवि और जीत की संभावनाओं को लेकर तीन सर्वे कराए गए हैं। इन सर्वे के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों को हकीकत बता चुके हैं।
विंध्य और बुंदेलखंड पर फोकस
भाजपा की रणनीति के अनुसार, पार्टी अपने मजबूत गढ़ों को और मजबूत करेगी। इस रणनीति के तहत विंध्य और बुंदेलखंड पर फोकस किया जा रहा है। विंध्य और बुंदेलखंड की 56 सीटों पर पिछले चुनाव में मिली बढ़त को बरकरार रखने के लिए भाजपा ने अपनी चुनावी जमावट तेज कर दी है। इस अंचल में ये नेता हर जिले को एक दिन से ज्यादा का समय देंगे और मंडल तक के कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे। इसमें मुख्य रूप से कार्यकर्ताओं में समन्वय और बूथ की तैयारियों पर फोकस होगा। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को ग्वालियर-चंबल अंचल में झटका लगा था तो विंध्य और बुंदेलखंड ने उसे काफी हद तक सहारा दिया था। विंध्य अंचल की 30 सीटों में से उसे 24 पर जीत मिली थी। यहां भाजपा की लहर के चलते कांग्रेस के कई दिग्गज चुनाव हार गए थे। इस बार के चुनाव में भी पार्टी कम से कम पुराने रिकॉर्ड को दोहराना चाहती है। इसलिए सत्ता, संगठन के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व का फोकस भी इन क्षेत्रों पर है। इस अंचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा हो चुका है। गृह मंत्री अमित शाह भी सतना आ चुके हैं। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष लगातार इस क्षेत्र के दौरे करते रहते हैं। वहीं क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल इस अंचल का एक बार दौरा कर कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोल चुके हैं। अब जामवाल और मुरलीधर राव का एक बार फिर से विंध्य और बुंदेलखंड का दौरा कार्यक्रम बन रहे है। बुंदेलखंड में पिछली बार 26 में से 17 सीटें भाजपा के कब्जे में आई थीं। सात सीटों पर कांग्रेस तो एक-एक सीट पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कब्जा किया था। इस अंचल से इस समय चार मंत्री हैं। यह बात अलहदा है कि इनमें तीन मंत्री अकेले सागर जिले से हैं। विंध्य और बुंदेलखंड अंचल की कई सीटें यूपी से टच होने के कारण यहां समाजवादी पार्टी और बसपा का भी प्रभाव रहता है। विंध्य में तो कई सीटों पर बसपा को मिलने वाले वोट कई बार भाजपा- कांग्रेस का गणित बिगाड़ देते हैं। भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि पिछली बार बिजावर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते राजेश शुक्ला अब अघोषित रूप से उसके साथ हैं पर टिकट वितरण के समय उनका क्या रुख रहेगा यह अभी से कहना कठिन होगा। वहीं मालवा से सटे निमाड़ इलाके में संघ ने अपना सर्वे शुरू करा दिया है। संघ के अनुषांगिक संगठन इस काम में लगे हैं। निमाड़ की 16 सीटों में से छह सीटों पर भाजपा तो आठ सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। बुरहानपुर और भगवंतपुरा में पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी।
पिछले चुनाव के बाद कांग्रेस यहां झटका खा चुकी है। नेपानगर से सुमित्रा कास्डेकर और मांधाता से नारायण पटेल कांग्रेस से इस्तीफा देकर उपचुनाव लडक़र अब भाजपा में आ चुके हैं। वहीं सचिन बिरला खुले रूप से भाजपा के कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं,  पर तकनीकी रूप से वे अभी कांग्रेस में ही हैं। यहां टिकट वितरण भाजपा के लिए बड़ी समस्या बन सकता है। पुराने नेताओं से मिले फीडबैक के बाद संघ अब यहां सक्रिय हो गया है। और उसने सर्वे शुरू कर दिया है। संघ के सर्वे के बाद नए सिरे से यहां रणनीति तय की जाएगी। इस बार विंध्य में हालात बदले हुए हैं। कांग्रेस यहां जमकर पसीना बहा रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल पूरे इलाके में सक्रिय हैं तो दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी लगातार यहां के दौरे कर रहे हैं।
अबकी बार पन्ना प्रमुखों के साथ बैठक…
भाजपा की नई रणनीति के तहत क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन प्रभारी मुरलीधर राव अब मंडलों में जाकर बूथ समितियों तक के कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे और पन्ना प्रमुखों के काम पर भी चर्चा करेंगे। संगठन के नेताओं के लिए बैठक का जो फॉर्मेट तय हुआ है। उसके अनुसार जिले में जाकर पहले जिला पदाधिकारियों और मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक, मोर्चा के जिलाध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों से फीडबैक लेकर प्रकोष्ठों के जिला संयोजकों के साथ बैठक, जिला कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक, जिले में हारी हुई विधानसभा की प्रबंध समिति के साथ बैठक, वोटर्स के साथ चर्चा, पार्टी के किसी कार्यकर्ता के घर अनिवार्य रूप से भोजन करना और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनसे मुलाकात के अलावा प्रबुद्धजनों से चर्चा का कार्यक्रम भी तय किया गया है। संगठन  नेताओं की बैठक में विधायकों पर खास फोकस है। जिला और मंडल के नेताओं से विधायक के कामकाज और कार्यप्रणाली के बारे में भी बात की जा रही है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी के रणनीतिकार एक-एक विधानसभा सीट की रिपोर्ट तैयार करेंगे। वहीं पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व नेताओं के कार्यक्रम पर सीधी नजर रख रहा है। इसके मद्देनजर अब दिग्गज पदाधिकारियों ने मैदानी मोर्चे पर सक्रियता बढ़ा दी है।

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