- जहां सर्वे पूरा वहां के टैक्स कलेक्शन में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी …
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार ने 7 साल पहले भोपाल, इंदौर सहित 294 निकायों में जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे शुरू करवाया था ताकि निकायों को संपत्ति का वाजिब टैक्स मिल सके। लेकिन अभी तक 152 निकायों में सर्वे कार्य पूरा हो पाया है। इस लापरवाही से सरकार को हर साल करोड़ों रूपए की चपत लग रही है।
अब नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने निकायों को संपत्ति का जीआईएस सर्वे करने के लिए 2023 तक का समय दिया है। जानकारी के अनुसार निकायों में जीआईएस सर्वे पिछले सात सालों से चल रहा है जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जिन 152 निकायों में सर्वे किया गया है वहां के टैक्स कलेक्शन में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। मुरैना, खंडवा नगर निगम को छोड़ प्रदेश के सभी नगर नियमों में जीआईएस का काम पीछे चल रहा है। रतलाम, जबलपुर और ग्वालियर नगर निगम में सर्वे के लिए अभी तक एजेंसी तय नहीं हो पाई है। ऐसी स्थिति में एक साल के अंदर सभी संपत्तियों का सर्वे होना मुश्किल लग रहा है।
जीआईएस सर्वे से प्रॉपर्टी टैक्स की चोरी रुकेगी
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अनुसार सैटेलाइट के माध्यम से हो रहे सर्वे में कई ऐसे लोग चिन्हित हो रहे हैं, जिन्होंने मकान तो बनवा लिया लेकिन हाउस टैक्स के लिए निगम में आवेदन नहीं कर रहे हैं। तमाम ऐसे भी भवन हैं, जिनका निर्माण एरिया दो से तीन गुना तक बढ़ गया लेकिन वह पुराने सर्वे पर ही टैक्स दे रहे हैं। सरकार का माना है कि जीआईएस सर्वे से प्रॉपर्टी टैक्स की चोरी तो रुकेगी ही, वहीं सभी प्रॉपर्टी का पंजीयन हो जाएगा। कई मकान, दुकान, व्यावसायिक स्पेस ऐसे हैं जिनका अभी तक नगरीय निकायों में रजिस्ट्रेशन ही नहीं हो पाया है। लोग टैक्स घर का जमा कर रहे हैं लेकिन उसमें शो रूम संचालित कर रहे हैं।
कहीं सर्वे पूरा तो कहीं अधूरा
प्रदेश के कई नगर निगमों में भी सर्वे का काम भगवान भरोसे है। भोपाल, सागर, सतना में स्मार्ट सिटी को सर्वे का काम दिया गया है। इंदौर, रीवा, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिंगरौली और देवास नगर निगम खुद सर्वे करवा रहे हैं। रतलाम नगर निगम भी खुद सर्वे कराएगा। वहीं ग्वालियर, जबलपुर में सर्वे करने के लिए एजेंसी तय नहीं हुई है। जबकि मुरैना में सर्वे हो गया है। वहीं उज्जैन में सर्वे स्मार्ट सिटी करा रही है।
निकायों को जीआईएस सर्वे करने के लिए 2023 तक की समयसीमा
अब नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने निकायों को संपत्ति का जीआईएस सर्वे करने के लिए 2023 तक का समय दिया है। भोपाल, इंदौर सहित 294 निकायों में सर्वे किया जा रहा है। एजेंसियों को 18 माह का समय दिया गया है। हालांकि सर्वे के बाद प्रति वर्ष संपत्ति सर्वे कर इसका अपग्रेडेशन किया जाएगा। इसके लिए निकाय खुद सर्वे कर सकेंगे। इसकी जिम्मेदारी वार्ड स्तर के अधिकारियों को दी जाएगी। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों के सर्वे का काम निजी एजेंसियों को भी दिया जा सकेगा। सर्वे कार्य पूरा होने से सारी चीजें ऑनलाइन होने पर संपत्तियों की मॉनीटरिंग करने और सभी संपत्तियों का डाटा ऑनलाइन सिस्टम में होने से टैक्स संग्रहण में बढ़ोत्तरी की जा सकेगी।
16/09/2021
0
338
Less than a minute
You can share this post!