निकाय और पंचायत चुनाव के बाद भाजपा में घमासान

हार के लिए दिग्गजों को ठहराया जा रहा जिम्मेदार

पंचायत चुनाव

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम।
मप्र में हाल में सम्पन्न नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। सत्ता के सेमीफाइनल में भाजपा को कई जगह अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद भाजपा में घमासान मचा हुआ है। आलम यह है कि कई जगह हार के लिए पार्टी के दिग्गज नेताओं को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इससे पार्टी में आंतरिक कलह की परतें खुलकर सामने आ रही है। वहीं पार्टी के दिग्गज नेताओं के खिलाफ आवाज उठने लगी है।
भाजपा के दावों के अनुसार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा को शानदार जीत मिली है। लेकिन जिन स्थानों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां दिग्गज नेताओं को ही हार का जिम्मेदार बताया गया है।  केंद्रीय और राज्य सरकार के मंत्रियों के खिलाफ चुनाव हराने की शिकायतें लगातार प्रदेश संगठन के पास पहुंच रही हैं। इससे अब भाजपा नेताओं के सिर फुटौवल शुरू हो गया है। डिंडोरी और दमोह के नतीजों के बाद पार्टी के भीतर व्याप्त अंतर्कलह खुलकर सामने आई है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रह्लाद पटेल ने दमोह में कांग्रेस की जीत के मामले में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से कार्रवाई की मांग की है। वहीं मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे की पत्नी ज्योति धुर्वे ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को हार का जिम्मेदार ठहराया है।
दमोह में तो प्रत्याशी ने नामांकन तक  नहीं भरा
दमोह जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है। कांग्रेस की जीत के बाद अब भाजपा नेताओं के सिर फुटौवल शुरू हो गया है। दमोह के नतीजों के बाद पार्टी के भीतर व्याप्त अंर्तकलह खुलकर सामने आई है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रह्लाद पटेल ने मामले में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से कार्रवाई की मांग की है। दरअसल, दमोह में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी ने नामांकन ही नहीं भरा था। भाजपा कैंडिडेट के पति चंद्रभान सिंह ने तर्क दिया कि उनकी पत्नी जो प्रत्याशी बनने वाली थी, उसके जाति प्रमाण पत्र में कोई समस्या थी, इस कारण वो नामांकन नहीं भर पाए। हालांकि, माना जा रहा है कि उन्हें यह पता था कि चुनाव में हार तय है इसलिए उन्होंने हाथ खींच लिया। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि इस विषय में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी की भूमिका को संज्ञान में लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, भाजपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी, पूर्व वित्त मंत्री जयंत कुमार मलैया, पूर्व विधायक लखन पटेल और वर्तमान कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पटेल के मुताबिक भाजपा के ये नेता चाहते ही नहीं थे कि दमोह में पार्टी चुनाव जीते। उन्होंने दावा किया कि उनके पास 6 सदस्य थे, लेकिन अधिकृत प्रत्याशी द्वारा सक्रियता नहीं दिखाई गई और कांग्रेस का जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया।
 कुलस्ते पर हरवाने का आरोप
डिंडोरी में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हारने वालीं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे की पत्नी ज्योति धुर्वे ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को हार का जिम्मेदार ठहराया है। मंगलवार को डिंडोरी के नेता बड़ी संख्या में धुर्वे के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलने पहुंचे थे। नेताओं ने कुलस्ते, जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत और 13 पदाधिकारियों के खिलाफ भितरघात और कांग्रेस को जितवाने की शिकायत की है। डिंडोरी में जिला पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस का बन गया है। यहां दोनों पार्टी के पास 5-5 सदस्य थे। ज्योति धुर्वे ने शिकायत की है कि छह सदस्य साथ थे। कांग्रेस के दो सदस्य समर्थन का बोल चुके थे। पार्टी का अध्यक्ष बनना तय था पर कुलस्ते ने सदस्यों को 5 दिन तक दिल्ली अपने पास बुला लिया। क्रॉस वोटिंग हो गई। धुर्वे के साथ जिला मंत्री समेत बाकी टीम ने इस्तीफे की पेशकश भी कर दी है। वहीं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि वो तो अपने कर्मों से हारे। उनके साथ तीन आदमी भी नहीं थे। आप किसी से बात ही नहीं करोगे। उनसे ये भी नहीं कहोगे कि वोट देना, तो कोई क्या करेगा। मेरी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से इस विषय पर बात हो गई है।
अन्य दिग्गज भी निशाने पर
हरदा में जनपद वाली तीनों सीट पार्टी हार गई। मंत्री कमल पटेल की चचेरी बहन होने की वजह से  रेवा पटेल कांग्रेस से जनपद अध्यक्ष बन गई। पटेल के खिलाफ जिलाध्यक्ष अमर सिंह मीणा और मंडल अध्यक्ष गोलू राजपूत के साथ समर्थकों ने मोर्चा खोला है। आरोप लगाया है कि मंत्री जाट समाज को सारे पद दिलवा रहे हैं। दमोह में पूर्व जिलाध्यक्ष शिवचरण पटेल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस का जिपं अध्यक्ष बनवाने में मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री जयंत मलैया और पूर्व विधायक लखन पटेल की भूमिका है। भार्गव और मलैया ने प्रत्याशी को नामांकन तक नहीं भरने दिया था। वहीं एक धड़े ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

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