तीन आईएफएस अफसरों की पदोन्नति पर लगा ग्रहण

आईएफएस

– 89 बैच के अफसरों को सरकार ने दिया बड़ा झटका

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। रिक्त पद न होने के बाद भी पदोन्नति की चाह रखने वाले तीन बरिष्ठ आईएफएस अफसरों को राज्य शासन ने बड़ा झटका दिया है। शासन ने उनके पदोन्नति प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। यह अफसर 1989 बैच के हैं। इनका प्रस्ताव विभाग द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए भेजा गया था।  उनके प्रस्ताव को खारिज करते हुए राज्य शासन ने साफ कह दिया है कि अगले साल की 31 मई के बाद की स्थिति में रिक्त पदों पर ही पीसीसीएफ पद पर पदोन्नति दी जा सकेगी। इसकी वजह से इस बैच के आईएफएस अधिकारी विश्राम सागर शर्मा, भागवत सिंह और आलोक दास की पदोन्नति पर अब पूरी तरह से ग्रहण लग गया ह। दरअसल प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) चितरंजन त्यागी अगले महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
उनकी सेवानिवृत्ति की वजह से वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने 1989 बैच को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक से प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा था , जिसमें 89 बैच के एपीसीसीए विश्राम सागर शर्मा, एपीसीसीएफ भागवत सिंह और एपीसीसीएफ आलोक दास के नाम थे।  इस प्रस्ताव को शासन ने यह कहते हुए वापस कर दिया है कि पूर्व में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के 4 पद अस्थाई तौर पर दिए गए थे, उनकी सेवानिवृत्ती के साथ ही यह पद समाप्त कर दिए जाएंगे। अस्थाई तौर पर ही 1988 बैच के राजेश कुमार यादव, अमिताभ अग्निहोत्री प्रमोद कुमार सिंह और रमेश श्रीवास्तव को पीसीसीएफ के पद पर पदोन्नत किया गया था। इनमें से रमेश कुमार श्रीवास्तव इस साल जून में सेवा निवृत्त हो चुके हैं, जबकि अमिताभ अग्निहोत्री अगले साल जून में , राजेश कमार यादव अक्टूबर 24, और पीके सिंह जनवरी 25 को रिटायर होंगे।
फिर से प्रयास करने की तैयारी
शासन द्वारा पदोन्नति प्रस्ताव लौटाने के बाद 89 बैच के आईएफएस अधिकारियों ने हार नहीं मानी है बल्कि, उनके द्वारा वन बल प्रमुख आरके गुप्ता के साथ बैठक कर तय किया गया है कि विभाग की ओर से एक बार और प्रयास किए जाएं।  इसके तहत फिर से पदोन्नति का प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सत्ता के गलियारों में दखल रखने वाले एपीसीसीएफ महेंद्र सिंह धाकड़ को दी गई है। आईएफएस एसोसिएशन ने अपने प्रस्ताव में दूसरे राज्यों में दिए गए प्रमोशन का उल्लेख किया है, यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यूपीएससी ने भी साफ कर चुका है कि अस्थाई तौर पर पीसीसीएफ के 4 पदों पर रिटायरमेंट के बाद ही प्रमोशन दिया जा सकता है।  माना जा रहा है कि शासन द्वारा दूसरा प्रस्ताव भी खारिज किया जा सकता है। फिलहाल इन अफसरों के पास इन दिनों दो-दो शाखाओं का प्रभार है।

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