
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार मुख्य सचिव वीरा राणा को सेवावृद्धि दिलाने की तैयारी में है। 31 मार्च को वह सेवानिवृत्त होंगी। वहीं, मार्च में ही लोकसभा चुनाव की घोषणा भी प्रस्तावित है। ऐसे में सरकार ने उनकी सेवावृद्धि के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है। माना जा रहा है कि वीरा राणा को छह माह का एक्सटेंशन मिल सकता है। उधर, 8 फरवरी को लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। इसके साथ ही कलेक्टर सहित मतदाता सूची के काम में संलग्न अधिकारियों के तबादले पर रोक भी हट जाएगी। इसके बाद कलेक्टर, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के तबादले हो सकेंगे।
सूत्रों की मानें तो सरकार मुख्य सचिव वीरा राणा को काम करने का और मौका देना चाहती है। विधानसभा चुनाव के समय इकबाल सिंह बैंस की सेवावृद्धि की दूसरी अवधि भी पूरी हो रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने तीसरी बार सेवावृद्धि देने के स्थान पर वीरा राणा को चुनाव आयोग की सहमति से मुख्य सचिव पद का प्रभार दिया था। गौरतलब है कि वीरा राणा भारतीय प्रशासनिक सेवा 1988 बैच की महिला अधिकारी है। वीरा राणा को प्रदेश के कठोर अनुशासन प्रिय प्रशासनिक अधिकारियों में गिना जाता है। आईएएस वीरा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी, खेल और युवा कल्याण विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रशासन अकादमी में महानिदेशक, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। ऐसे में सरकार उनके अनुभवों का लाभ उठाना चाहती है।
कई दावेदार हाशिए पर
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने उन्हें पूर्णकालिक मुख्य सचिव बनाया है। इसी बीच केंद्र सरकार ने 1988 बैच के ही आईएएस अधिकारी संजय बंदोपाध्याय की सेवाएं मध्य प्रदेश को लौटा दीं हैं। सरकार ने उन्हें कर्मचारी चयन मंडल का अध्यक्ष बनाकर एक प्रकार से यह संदेश देने का काम किया कि वे मुख्य सचिव की दौड़ से बाहर हैं। दावेदारों में एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी विनोद कुमार को भी प्रशासन अकादमी का महानिदेशक बनाकर मंत्रालय से बाहर कर दिया गया है। इन सभी कदमों से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार वीरा राणा को सेवावृद्धि दिलाएगी। वैसे भी उन्हें इस पद पर काम करने का कम ही समय मिला है, इस आधार पर उन्हें सेवावृद्धि दी जा सकती है।
चुनाव आयोग के पाले में गेंद
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीरा राणा को मुख्यसचिव बनाकर यह साफ कर दिया कि निर्णय लेने में उन्हें कभी कोई जल्दबाजी नहीं रहती। इसी कारण जो भी निर्णय लेते हैं काफी सोच समझकर लेते हैं। गौरतलब है कि मुख्य सचिव वीरा राणा 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगी। मार्च में ही लोकसभा चुनाव की घोषणा भी प्रस्तावित है। इसे देखते उन्हें सेवावृद्धि दिलाने की तैयारी है। दरअसल, सरकार नहीं चाहती है कि चुनाव के समय मुख्य सचिव की नियुक्ति की गेंद चुनाव आयोग के पाले में जाए, इसलिए पहले ही प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा, ताकि चुनाव की घोषणा से सेवाव़ृद्धि प्रभावित न हो। सूत्रों के अनुसार सरकार मुख्य सचिव को अभी काम करने का और मौका देना चाहती है। विधानसभा चुनाव के समय इकबाल सिंह बैंस की सेवावृद्धि की दूसरी अवधि भी पूरी हो रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने तीसरी बार सेवावृद्धि देने के स्थान पर प्रदेश में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ अधिकारी वीरा राणा को चुनाव आयोग की सहमति से मुख्य सचिव पद का प्रभार दिया।