निकायों के भ्रष्ट अफसरों की बल्ले-बल्ले

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के नगरीय निकायों में जारी जमकर भ्रष्टाचार की वजह से आम आदमी बेहद परेशान है,ऐसे अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त संगठन कार्रवाई भी कर रहा है, लेकिन इस मामले में जीरो टॉलरेंस का दम भरने वाली सरकार नहीं चाहती है की कोई कार्रवाई हो। ऐसे मामलों में सालों से चालान पेश करने की अनुमति न देने से तो यही माना जा रहा है। दरअसल निकाय कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त ने प्रदेशभर में भ्रष्टाचार के 32 मामले दर्ज किए है। यह मामले निकायों में काम करने वाले इंजीनियरों, बाबूओं , लेखापालों तक पर दर्ज किए गए हैं। इन सभी मामलों में लोकायुक्त संगठन द्वारा चालान पेश करने की अनुमति मांगी गई है, लेकिन शासन स्तर पर अभियोजन की स्वीकृति ही नहीं दी जा रही है , जिसकी वजह से आगे कार्यवाही अटकी हुई है। इनमें से कई मामले छापे के भी हैं। यही नहीं नगरीय निकायों में बनने वाली सड़कों, भवनों, नालियों, सीवेज लाईन, जलप्रदाय लाइनों से लेकर कई कामों में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर प्रकरण दर्ज करने के कई मामले हैं। अगर जिलों की बात की जाए तो भिंड जिले ऐसे आधा दर्जन मामले हैं। इसी तरह से देवास जिले में दो, बड़वानी, भोपाल, मंडला, खंडवा,आगर-मालवा, जबलपुर, उज्जैन, रतलाम, ग्वालियर,जबलपुर, सीहोर, शिवपुरी, सतना, सीधी, कटनी, दमोह, नरसिंहपुर, मुरैना, बड़वानी जिलों में लोकायुक्त ने नगरीय निकायों के अफसरों पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए है और कई मामलों में उन्हें रंगे हाथों भी पकड़ा है। भिंड जिले में तत्कालीन उपयंत्री मुरारीलाल शर्मा, प्रभारी तत्कालीन सीएमओ नगर पंचायत अकोड़ा रामेश्वर दयाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के माामले दर्ज है और वर्ष 2018 में लोकायुक्त ने इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है। एक दूसरा मामला भिंड जिले का ही है। इसमें तत्कालीन उपयंत्री मुरारीलाल शर्मा, उपयंत्री हनुमंत सिंह भदौरिया, नगर पंचायत फूफ के लेखापाल ब्रजकिशोर के खिलाफ मामला दर्ज है। इसमें लोकायुक्त ने जून और अक्टूबर 2018 से अभियोजन स्वीकृति मांगी है, लेकिन अब तक स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।
इन मामलों में भी स्वीकृति का इंतजार
जबलपुर में गोहलपुर वार्ड के वार्ड सुपरवाईजर सुरेश सकतेल और जाकिर हुसैन के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जनवरी 2022 में अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। ग्वालियर नगर पंचायत के मुकेश भारद्वाज पर दर्ज मामले में अप्रैल 2022 में अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। जबलपुर के मामले में उपयंत्री आदित्य सिंह प्रभारी सहायक यंत्री कार्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास पर दर्ज मामले में प्रमुख सचिव से अक्टूबर 2022 से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है।

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