शिव-वीडी के बाद अब श्रीमंत भी प्रीतम से नाराज

  • पीछोर में आयोजित कार्यक्रम किया गया निरस्त

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व भाजपा नेता प्रीतम लोधी की घर वापसी की खबरों के बीच अब नई खबर श्रीमंत की नाराजगी को लेकर आ रही है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि अब प्रीतम लोधी की राह में उनकी नाराजगी बड़ा रोड़ा बन सकती है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष तो पहले से उनकी बयानबाजी को लेकर बेहद खफा रह चुके हैं , जिसकी वजह से ही लोधी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। अब प्रीतम को लेकर दोबारा से नाराजगी की वजह है उनके द्वारा हाल ही में की गई बयानबाजी जिसमें उनके द्वारा कहा गया था कि उन्हें कांग्रेस सहित कई पार्टीयों से टिकट का उन्हें ऑफर है। उनके इस बयान को दबाव बनाने के प्रयास के रुप में देखा जा रहा है। इसकी वजह से अब एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के मुंह बोले भाई प्रीतम लोधी को लेकर भाजपा नेताओं में नाराजगी बढ़ गई है। इसकी वजह से अब उनकी भाजपा में वापसी लगभग खटाई में पड़ चुकी है। यही वजह है कि अब श्रीमंत और शिवराज सिंह का पिछोर कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। दरअसल प्रीतम व भाजपा के बीच बढ़ते तनाव के बीच निकाय व पंचायत चुनावों ने उनका मामला ठंडा कर दिया था । 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक केपी सिंह जीत तो गए थे, परंतु जीत का अंतर 10,000 से कम रह गया था। तब भाजपा की तरफ से प्रीतम लोधी को ही प्रत्याशी बनाया गया था। इसकी वजह से ही इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रीतम लोधी की भाजपा में वापसी को लेकर मन बनाया था। इसके लिए पिछोर विधानसभा में एक बड़े कार्यक्रम की तैयारी की जा रही थी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों शामिल होने वाले थे। कार्यक्रम के आयोजक प्रीतम लोधी के समर्थक थे। कार्यक्रम की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। मंच के सामने जनता के रूप में खड़े प्रीतम लोधी के समर्थक, उन्हें भाजपा में वापस लेने की मांग करते और मुख्यमंत्री उनकी मांग को स्वीकार कर लेते। इस तरह मैसेज चला जाता कि जनता ने प्रीतम लोधी को पिछोर विधानसभा में केपी सिंह से लडऩे के लिए भाजपा में बुलाया है। पार्टी और प्रीतम लोधी दोनों को फायदा हो जाता है परंतु ,ऐसा कुछ होने से पहले प्रीतम लोधी ने इस कार्यक्रम के बारे में बयान दे दिया। कह दिया कि यदि जनता बुलाएगी तो जाऊंगा, सिंधिया और शिवराज के कहने से भाजपा में नहीं जाऊंगा। बस इसी लाइन के कारण बात बिगड़ गई और कार्यक्रम कैंसिल हो गया है।
इसलिए हुए थे निष्कासित
दरअसल, ब्राह्मणों पर टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने प्रीतम लोधी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उसके बाद से प्रीतम लोधी लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान उन्हें ओबीसी समाज से आने वाले कई नेताओं का समर्थन मिल रहा था। बीजेपी के अंदर से भी यह आवाज उठती रही है कि उनका निष्कासन गलत है।
उठाना चाह रहे थे फायदा
दरअसल प्रीतम इस मामले में भाजपा की मजबूरी का फायदा उठाना चाह रहे थे। इसकी वजह है प्रीतम के समर्थन में अघोषित रुप से उमा भारती का पूरा समर्थन मिलना। प्रीतम को उनका बेहद खास माना जाता है। उनके द्वारा कुछ समय पहले नया दांव प्रीतम लोधी के घर पहुंचने के रुप में भी खेला जा चुका है। ग्वालियर में प्रीतम लोधी के घर जाकर उन्होंने उनका खूब गुणगान किया था। यही नहीं उनके द्वारा यहां तक कहा जा चुका है कि हमारी तस्वीर दिखाकर बीजेपी वाले वोट ले लेते है। इस बार आप खुद तय करना कि किसे वोट देना है। उन्होंने कहा कि देश में राम राज्य की स्थापना में गरीब, दलित, पिछड़े और शोषित वर्ग का ही योगदान रहा है। पीएम मोदी उन सभी को समेटकर चल रहे हैं।

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