
- कई बड़े शहरों से आना शुरु हुई मांग
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आदिवासी बाहुल्य छिंदवाड़ा जिले में अब आदिवासी परिवार मुहआ से शराब बनाने का काम छोडक़र उससे कुकीज बना रहे हैं। इससे उनकी आय भी बढ़ रही है, साथ ही पारंपरिक कुरीती से भी दूर हो रहे हैं। यह कुकीज खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषक तत्वों से भी भरपूर होने से इनकी मांग अब बड़े शहरों में भी तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि अब छिंदवाड़ा जिले की नई पहचान भी इस कुकीज से होना शुरू हो गई है। दरअसल जिले के छोटे से गांव राजाखोह की चार महिलाओं ने गांव को यह नई पहचान दिलाई है। इन महिलाओं ने तीन साल पहले समूह बनाकर महुआ के फूल से कुकीज बनाने का काम शुरू किया था। इन महिलाओं के उत्पाद जिले में ही नहीं प्रदेश के बड़े-बड़े शहरों-नगरों में फेमस हो गए हैं। देश भर के लोग इस छोटे से गांव में महुआ वाले कुकीज के लिए आना शुरु हो गए हैं। इस गांव की देवकी चौरे, लता मर्सकोले, नीतू अहिरवार और मंजू चौरे सहित कुछ महिलाओं ने अन्यका महुआ उत्पादक समूह का गठन किया। इन महिलाओं ने 5-5 हजार रुपए इकठ्ठे करके आदिवासी जीवन शैली से जुड़े व्यंजनों को व्यवसायिक स्वरूप देने की योजना बनाई। इसी के तहत उन्होंने महुआ के फूल से कुकीज बनाने का फैसला किया और ये आईडिया हिट हो गया। महुआ के फूल में आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है। महुआ के फूल डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। महुए में कई चिकित्सीय गुण होते हैं, जो शरीर को अलग-अलग प्रकार के स्वास्थ्य लाभ देते हैं।
बहुराष्ट्रीय कंपनी ने की मदद
गांव की महिलाओं का जज्बा देखकर एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ने सीएसआर मद से इन महिलाओं को आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराईं। इसके पहले महिलाओं ने सात दिन की ट्रेनिंग भी दिलाई गई, जिसमें कुकीज बनाने का तरीका सीखा। उनके उत्पाद के लिए आसपास के 13 गांवों के ग्रामीणों से महुआ एकत्र कराया जाता है। इससे जुड़ी महिलाओं को भी रोजगार मिला है। महिलाओं की लगन से उनके उत्पाद की स्थानीय स्तर पर बड़ी डिमांड है। जिला स्तर पर लगने वाले कृषि मेला, वन मेला सहित अन्य आयोजनों में इस समूह के स्टॉल को आमंत्रित किया जाने लगा है। इनके महुआ के कुकीज की डिमांड अब दिल्ली, भोपाल, हरदा, जबलपुर, सूरत, मुंबई, नागपुर सहित दर्जनों शहरों में होने लगी है। इससे समूह का व्यापार भी बढ़ रहा है।
महुए में रोक दी जाती है एल्कोहॉल की प्रोसेस
अन्यका महुआ उत्पादक समूह द्वारा विशेष तरीके से महुआ बिस्किट व महुआ लड्डू बनाया जाता है। इन उत्पादों में प्रयोग होने वाला महुआ किण्वन विधि द्वारा नहीं गुजारा जाता है, जिसकी वजह से इस महुए में एल्कोहॉल उत्पन्न नहीं होता। महुआ बिस्किट के अतिरिक्त कुटकी व मैदा के बिस्किट और बेकरी उत्पाद जैसे टोस्ट ब्रेड भी यहां बनाए जाते हैं।