- आपाधापी के चलते भारी संख्या में लटके आवेदन, सरकार रही व्यस्त, मंत्री क्षेत्र में मशगूल
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में उन्नीस दिन के लिए खुले तबादले भी कई उम्मीदवारों की तकदीर नहीं खोल पाए। बुधवार को इनकी आखिरी तारीख निकल गयी, लेकिन दर्जनों महकमों में ट्रांसफर का काम अटका हुआ है। इसकी वजह यह कि राज्य सरकार अपने कार्यक्रमों में मसरूफ रही और ज्यादातर मंत्री अनेक कारणों से भोपाल को पर्याप्त समय नहीं दे सके।
ऐसे में अब यही सूरत दिखती है कि बाकी तबादले पिछली तारीख में किए जाएंगे या फिर उनके लिए कोई और निर्णय लिया जाएगा। इसके चलते तबादलों की अंतिम तारीख बढ़ाई जाने के आसार हैं। लगातार पर्वों के चलते यूं ही सरकारी दफ्तरों में तबादलों की अवधि के दौरान कामकाज प्रभावित हुआ। उस पर समस्या यह भी कि जहां कई मंत्रियों और अफसरों के बीच खींचतान के चलते तबादलों के आवेदन लंबित हैं। इनमें उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का जिक्र समीचीन है, जिनकी अपने एसीएस शैलेन्द्र सिंह से पटरी नहीं बैठ रही है। बता दें कि बीते समय जब तबादले खुले, तब भी यादव के ओएसडी द्वारा कथित रूप से पैसे के लेनदेन की शिकायत भाजपा आलाकमान तक पहुंची थी। इसके चलते उच्च शिक्षा विभाग में भी तबादलों को लेकर भ्रम का माहौल है। वहीं अनेक मंत्री अपनी व्यस्तताओं के चलते इस अवधि में भोपाल में न के बराबर रह सके। हालांकि, तबादलों के लिए तय समय में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, प्रभुराम चौधरी आदि मंत्री लगभग पूरा समय भोपाल में ही रहे, लेकिन मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों की स्थिति इससे ठीक उलट रही। सरकार का बहुत बड़ा अमला तबादले वाले दिनों में जनसेवा अभियान में व्यस्त रहा। इसी बीच कूनो अभयारण्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उसी दिन आगमन हुआ, जिस दिन से तबादले खुले थे। लगभग पूरी सरकारी मशीनरी मोदी के आने और उनके जाने के बाद की व्यवस्थाओं में उलझी रही। इधर, उज्जैन में महाकाल लोक की तैयारियों में भी अमला जुटा हुआ है। मोदी ही 11 अक्टूबर को इसका लोकार्पण करेंगे। इसकी भी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जिन दिनों में ट्रांसफर होने थे, तब सरकार पचमढ़ी, उज्जैन और रातापानी की अपनी बैठकों सहित 46 नगरीय निकाय के चुनावों में भी व्यस्त रही। इस सबसे ट्रांसफर का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बता दें कि राज्य में फिलहाल 200 कर्मचारियों तक 20 प्रतिशत तबादले करना तय किया गया है, जबकि 201 से 2000 कर्मचारियों तक 10 प्रतिशत तबादले होंगे। सरकार ने तय किया है कि 2000 से ज्यादा कर्मचारी होने पर 5 प्रतिशत तबादले किए जाएंगे।
तबादलों की अभी नहीं बढ़ पाई तारीख
प्रदेश में तबादलों की तय अंतिम तिथी 5 अक्टूबर को समाप्त होने के बाद फिलहाल रोक लागू हो गई है, जबकि बीते रोज भी पुरानी तारीख में बड़े पैमाने पर कई विभागों की तबादला सूची जारी होती रहीं। इस बीच सरकार स्तर पर तबादलों की अंतिम तारीख 10 अक्टूबर तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इसके चलते अब तबादलों की तारीखों पर नए सिरे से विचार करना होगा, क्योंकि 7 अक्टूबर की स्थिति में यदि 10 अक्टूबर तक तारीख बढ़ती है, तब भी सिर्फ तीन दिन का समय ही रहेगा। इसके उलट मंत्री पांच से दस दिन का समय चाहते हैं। उधर, स्कूल शिक्षा विभाग ने जरूर 10 अक्टूबर तक तबादलों के लिए आवेदन आवेदन बुलाए हैं, लेकिन बाकी विभागों को सामान्य प्रशासन विभाग से तबादला तारीख बढ़ने के आदेश का इंतजार बना हुआ है।
इन विभागों में अधिक परेशानी
सबसे ज्यादा दिक्कत बड़े विभागों में हैं, क्योंकि यहां के कर्मचारी तबादलों के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन मंत्रियों से मुलाकात तक नहीं हो पाई। बड़े विभागों में स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, ग्रामीण विकास, बिजली और नगरीय प्रशासन जैसे विभाग हैं।
07/10/2022
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