- मैदानी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी
- विनोद उपाध्याय

प्रदेश में एक बार फिर प्रशासनिक फेरबदल की तैयारियां शुरु हो गई हैं। इस बार यह फेरबदल मैदानी स्तर पर किया जाने वाला है। इसमें करीब डेढ़ दर्जन जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। इनकी जगह जूनियर अफसरों को जिलों की कमान सौंपी जाएगी। इस सूची का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है। अब विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होने के साथ ही डॉ. मोहन यादव कैबिनेट का पहला विस्तार भी हो चुका है। प्रदेश की एकमात्र अमरवाड़ा सीट पर भी आज मतदान हो जाएगा। माना जा रहा है कि उपचुनाव का परिणाम आते ही शासन स्तर से कलेक्टरों की नवीन पदस्थापना की सूची जारी की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस सूची में खासतौर पर उन कलेक्टरों को बदला जाएगा, जो प्रमोटी होने के साथ ही दो या उससे अधिक जिलों में बतौर कलेक्टर पदस्थ रह चुके हैं। इसके अलावा कुछ वो कलेक्टर हैं, जिनके कामकाज से सरकार खुश नहीं है। उनके स्थान पर 2015 बैच के आईएएस अफसरों को जिलों में पदस्थ किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि तबादला सूची के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मुख्य सचिव वीरा राणा और अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा से पहले दौर की चर्चा हो चुकी है। मंत्रालय सूत्रों की माने तो इस फेरबदल में कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा, कलेक्टर शिवपुरी रविंद्र चौधरी, कलेक्टर भिंड संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर राजगढ़ हर्ष दीक्षित, कलेक्टर सीहोर प्रवीण सिंह अढायच, कलेक्टर नीमच दिनेश जैन, कलेक्टर धार प्रियंक मिश्रा, कलेक्टर खंडवा अनूप कुमार सिंह, कलेक्टर देवास ऋषभ गुप्ता, कलेक्टर बुरहानपुर भव्या मित्तल, कलेक्टर नरसिंहपुर शीतला पटले, कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद, कलेक्टर छतरपुर संदीप जीआर, कलेक्टर सागर दीपक आर्य, कलेक्टर डिंडोरी विकास मिश्रा आदि का स्थानांतरण किया जा सकता है। हालांकि इनमें से कुछ कलेक्टरों को परफॉरमेंस के आधार पर बड़े जिले की कमान भी सौंपी जा सकती है।
दूसरे राज्यों से पिछड़े
सामान्यत: किसी आईएएस अधिकारी की 13 साल की सेवा अवधि तक कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की जाती है। इसके बाद उसे फील्ड से वापस बुला लिया जाता है। मप्र में कैडर मिस मैनेजमेंट के कारण आईएएस अफसरों की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग में मप्र उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्यों से पीछे चल रहा है। उड़ीसा में 2018 बैच, राजस्थान में 2016 बैच और छत्तीसगढ़ में 2017 बैच के आईएएस अफसरों की कलेक्टर के पद पर पदस्थापना हो चुकी है, मप्र में अब जाकर 2015 बैच की पहली अधिकारी को कलेक्टर बनाया गया है।अमूमन प्रशासनिक सेवा में आने के 6 से 7 साल में किसी आईएएस अधिकारी की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग हो जाती है और वह अपने सेवाकाल में तीन से चार जिलों में कलेक्टर बन पाते हैं, लेकिन इस बैच के अधिकारियों की कलेक्टर के पद पर पदस्थापना में देरी होने से वे एक से दो जिलों में ही कलेक्टर रह पाएंगे।
आधा दर्जन अफसर बेकाम
आधा दर्जन अफसर ऐसे हैं, जो महीनों से मंत्रालय में पदस्थापना के दौरान महीनों से बेकाम बने हुए हैं। उनकी पदस्थापना पूल में कर रखी है। इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर शामिल हैं। राज्य शासन द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले 15 फरवरी 2024 को 2018 बैच के आईएएस संदीप केरकेट्टा को भोपाल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद से हटाकर मंत्रालय में उपसचिव बनाया यगा था, लेकिन उन्हें अब तक कोई काम नहीं दिया गया है। वे बिना काम के पूल में हैं। इसी तरह से सिंगरौली के डिप्टी कलेक्टर असवन राम चिरावन को 25 जनवरी को मंत्रालय में पदस्थ किया गया था। तब से वे भी पूल में है। राज्य प्रशासनिक सेवा के भी तीन अन्य अधिकारी भी पूल में है।
मंत्रालय पूल में 3 आईएएस अफसर
आमतौर पर मंत्रालय में जब किसी अधिकारी को बिना विभाग के पदस्थ किया जाता है,तो उसे पूल सेक्शन में अपनी उपस्थिति देनी होती है। जहां कोई काम नहीं होता है। न बैठने के लिए कक्ष, न कुर्सी होती है। सामान्यत: कुछ दिन पूल में रखने के बाद अधिकारी की पदस्थापना कर दी जाती है, लेकिन तीन आईएएस अफसरों को भी बगैर काम पूल में पदस्थ कर रखा गया है। इनमें आईएएस संदीप केरकेट्टा, आईएएस तरुण राठी और प्रमोद शुक्ला का नाम शामिल है।
यह अफसर बन सकते हैं कलेक्टर
मप्र कैडर की 2015 बैच की आईएएस अदिति गर्ग, पार्थ जायसवाल, रोशन कुमार सिंह, मृणाल मीना, हर्ष सिंह, हर्षल पंचोली, हिमांशु चंद्रा, ऋतु राज, अर्पित वर्मा, बालगुरु के, गुंचा सनोबर, राखी सहाय, संजय कुमार जैन, शीला दाहिमा और बिदिशा मुखर्जी को कलेक्टर बनने का इंतजार है। मप्र कैडर के 2014 बैच के चार अधिकारी भी अब तक कलेक्टर के पद पर पदस्थ नहीं हो पाए हैं। इनमें नियाज खान, नीतू माथुर, अंजू भदौरिया और जमुना भिड़े शामिल हैं। इनकी भी फील्ड पोस्टिंग की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों को भी कलेक्टर के पद पर पदस्थ किया जा सकता है।
बना हुआ है इंतजार
दरअसल, मप्र कैडर के 2015 बैच के आईएएस अफसर पिछले तीन-चार साल से कलेक्टर के पद पर पदस्थापना का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। ये अधिकारी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव तक अपनी बात पहुंचा चुके है। भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के नौ साल बाद इस बैच की पहली अधिकारी संस्कृति जैन को पिछले महीने कलेक्टर सिवनी के पद पर पदस्थ किया गया है। इससे इस बैच के अन्य अफसरों को भी जल्द कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की उम्मीद जगी है। मप्र कैडर के 2015 बैच में कुल 16 अधिकारी हैं, जो वर्तमान में नगर निगम आयुक्त, अपर कलेक्टर, मंत्रालय में उप सचिव जैसे पदों पर पदस्थ हैं।