प्रदेश में श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए बनेगा बोर्ड

सामाजिक सुरक्षा

-बोर्ड में अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला और अल्पसंख्यक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को  सदस्य बनाया जाएगा

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
मध्यप्रदेश की शिव सरकार किसानों और श्रमिकों के कल्याण के लगातार प्रयास कर रही है। हालांकि पूर्व के कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े बदलावों के साथ इन दोनों ही क्षेत्रों में बेहतर कार्य किए हैं।  वहीं अब मुख्यमंत्री ने प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं पर अपना ध्यान आकृष्ट किया है। इस क्षेत्र के श्रमिकों को मिलने वाले चिकित्सा हितलाभ, बीमा हितलाभ के साथ ही उनके कल्याण से जुड़ी योजनाओं में बड़ा बदलाव और विस्तार किया जाना है। यही वजह है कि अब राज्य सरकार नए नियमों में मप्र असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के गठन का प्रावधान करने जा रही है। इस बोर्ड में श्रम मंत्री पदेन अध्यक्ष होंगे और श्रम विभाग के प्रमुख सचिव को उपाध्यक्ष बनाया जाएगा। इस बोर्ड में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से  एक सदस्य को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा बोर्ड में 31 अन्य सदस्य भी होंगे। वहीं सात सदस्य इसमें असंगठित कर्मकारों के नियोजकों का प्रतिनिधित्व करने वाले होंगे तथा असंगठित कर्मचारियों के प्रतिनिधि के तौर पर सात सदस्य होंगे। इसी तरह बोर्ड में दो विधायकों और पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा। राज्य सरकार के अन्य विभागों से दस सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला और अल्पसंख्यकों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। मप्र शहरी एवं ग्रामीण असंगठित कर्मकार सुरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के अलावा राज्य सरकार द्वारा तय किए गए अन्य सभी सदस्य श्रम कल्याण, वित्त, प्रबंधन, कानून और प्रशासन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति को सदस्य सचिव के तौर पर शामिल किया जाएगा। बोर्ड में  सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष तय किया गया है। बहरहाल राज्य सरकार ने सदस्यों को इस मामले रियायत देते हुए दोबारा नियुक्ति करने का भी मौका दिया है।
बोर्ड के नियम भी तय
राज्य सरकार ने बोर्ड में कामकाज के  तरीके और नियम भी तय कर दिए हैं जिससे कि किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति ना बने। नियम के अनुसार बोर्ड के सभी सम्मेलनों की अध्यक्षता मंडल के अध्यक्ष ही करेंगे। यदि वे उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो उनके स्थान पर उपाध्यक्ष को अध्यक्षता करने का मौका मिलेगा।
मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण के खुलेंगे क्षेत्रीय कार्यालय
राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं के देखते हुए मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल को विस्तारित करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में प्रदेश में श्रमिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने मप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का गठन किया है। जिसका मुख्यालय भोपाल में है। श्रमिकों के कल्याण से जुड़ी योजनाएं और कार्यक्रम यहीं से संचालित होते हैं। फिलहाल श्रमिकों को योजनाओं से जुड़ी जानकारी और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी लेने के लिए भोपाल स्थित कार्यालय में ही संपर्क करना होता है। अन्यथा वे सरकार द्वारा घोषित योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। श्रमिकों की इस परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के क्षेत्रीय कार्यालयों का गठन करने जा रही है। क्षेत्रीय कार्यालयों के गठित होने के बाद श्रमिकों को भोपाल तक भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के तहत श्रमिकों के कल्याण से जुड़े आठ नियमों में बदलाव करने जा रही हैं। राज्य सरकार ने बदलाव का स्वरूप जारी कर दिया है और इस संबंध में लोगों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित किए हैं, जिससे कि उनके सुझावों और आपत्तियों के हिसाब से नियमों में आवश्यक बदलाव अथवा परिवर्तन किया जा सके।

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