भाजपा को याद आए… पुराने चावल, कांग्रेस ने चलाए जमावट के तीर

भाजपा-कांग्रेस
  • मिशन 2023 के लिए भाजपा-कांग्रेस का स्पेशल प्लान

    भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मिशन 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस में रणनीति तैयारियां लगातार चल रही हैं। दोनों पार्टियों के रणनीतिकार 2023 में अपनी-अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम कर रही है। इसी कड़ी में दोनों पार्टियों ने मिशन 2023 के लिए एक स्पेशल प्लान बनाया है। इसके तहत भाजपा ने पिछले चुनाव में हारी 103 विधानसभा सीटों को जीतने के लिए भाजपा को पुराने चावल याद आए हैं। यानी वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने के लिए बड़ी जमावट की है। इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस एक सैकड़ा से अधिक सीटों पर चुनावी समीकरण साधेगी।
    मिशन 2023 में 200 सीटों को जीतने का टारगेट लेकर चल रही भाजपा 2018 में हारी 103 विधानसभा सीटों को जीतने की रणनीति पर काम कर रही है।  इन सीटों को मजबूत करने के लिए भाजपा की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्व संगठन मंत्रियों, वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्षों के साथ चुनिंदा विधायकों को एक-एक सीट सौंप दी गई, ताकि ये वहां जाकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करें और जो लोग किसी कारण से संगठन से दूर हो गए हैं, उन्हें भी एक्टिव करें। बीते विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा वहां मैदानी स्तर पर और मेहनत करें। सीटों के साथ बूथ का ग्रेड ए, बी, सी एवं डी तय करने को भी कहा गया है।
    राहुल की यात्रा का जिम्मा 70 विधायकों पर
    उधर, कांग्रेस प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से बड़े वोट बैंक को साधने की तैयारी कर रही है। भारत जोड़ो यात्रा के प्रदेश में प्रवेश की नई तारीख आई है। यात्रा महाराष्ट्र से बुरहानपुर जिले में 20 नवंबर तक प्रवेश करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने गत दिनों बैठक में यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इस काम में 70 विधायकों को लगाया गया है।  हर एक काम का एक प्रभारी बनाया गया है, जो सभी सरकारी परमिशन से लेकर खाद्य व्यवस्था और यात्रियों के रुकने का इंतजाम करेंगे। इन प्रभारियों को 30 अक्टूबर को यात्रा स्थल पर ले जाया जाएगा। मप्र में यात्रा की कमान खुद कमलनाथ ने अपने हाथों में ले ली है, जो यात्रा के इंचार्ज पीसी शर्मा के साथ रोजाना समीक्षा करेंगे। चार घंटे चली बैठक में दिग्विजय सिंह ने खासतौर पर आवश्यक निर्देश दिए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को सरकार से सभी परमिशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
    प्रचार-प्रसार का काम अशोक सिंह को सौंपा गया है। सज्जन सिंह वर्मा को आम सभाएं आयोजन की जिम्मेदारी दी गई हैं। विधायक संजय शुक्ला और नीरज दीक्षित को खान पान की व्यवस्था दी गई है। विशाल पटेल और संजय शर्मा को यात्रियों के रुकने के लिए लॉजिस्टिक प्रबंध किए जाने का काम सौंपा गया है। सभाओं के लिए मंच कहां बनाए जाएंगे, रवि जोशी और बालमुकुंद गौतम इसकी जानकारी कमलनाथ को बताएंगे। अजय सिंह मॉनिटरिंग, निलय डागा और सुभाष सोजतिया परिवहन का काम  देखेंगे।  मिशन 2023 की तैयारी में जुट कांग्रेस मप्र में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से प्रदेश में चुनावी शंखनाद करेगी। इसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। पार्टी के रणनीतिकारों को भारत जोड़ो यात्रा को मप्र में भव्य बनाने की रणनीति बनाई है। राहुल गांधी की इस यात्रा में मप्र से 5 उपयात्राएं जुड़ेंगी। इन उप यात्राओं की जिम्मेदारी कांग्रेस के नेताओं को दी गई है। खंड़वा, इंदौर, उज्जैन, आगर मालवा में ये सभी उपयात्राएं भारत जोड़ो यात्रा में जुड़ेंगी। मप्र के 52 जिलों में कांग्रेस की भारत जोड़ो की उपयात्राएं 35 दिन में 6021 किलोमीटर  की यात्राएं करेंगी। यह उपयात्राएं बाद में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में समाहित हो जाएंगी। यह 230 विधानसभा क्षेत्रों में भी जाएंगी।
    हर विधानसभा में निकल रही भारत जोड़ो यात्रा
    मप्र में भारत जोड़ो यात्रा के समन्वयक और विधायक पीसी शर्मा ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता उपयात्राएं निकाल रहे हैं। इसके लिए जिला प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। विधायक और पूर्व विधायक, विधानसभा प्रत्याशी इन यात्राओं में पदयात्रा करेंगे। मप्र के अलग- अलग जिलों और विधानसभाओं में निकलने वाली उपयात्राओं में शामिल होने वाले नेताओं से ये पूछा जा रहा है कि वे कितने किलोमीटर की पैदल यात्रा करने में सक्षम हैं।
    जानकारी के अनुसार जो पांच उपयात्राएं निकाली जाएंगी, उनमें से बालाघाट से शुरू होने वाली उपयात्रा सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल हरदा होते हुए खंडवा में भारत जोड़ो यात्रा में जुड़ेंगी। बड़वानी से खरगोन तक आएगी और उपयात्रा में जुड़ जाएगी। वहीं अनूपपुर से उपयात्रा शुरू होकर डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, सीहोर, देवास होते हुए इंदौर में जुड़ेगी। अलीराजपुर से शुरू होकर झाबुआ, धार होते हुए इंदौर में जुड़ेगी। शहडोल से उपयात्रा शुरू होकर उमरिया, कटनी, दमोह, सागर, रायसेन, सीहोर, शाजापुर होते हुए उज्जैन में जुड़ेगी। भोपाल से सीहोर, कुरावर, पचोर, खुजनेर, नलखेड़ा, सुसनेर में जुड़ेगी। जबकि जावद(नीमच) से शुरू हुई यात्रा मल्हारगढ़, मंदसौर, रतलाम, खाचरोद होते हुए उज्जैन में जाकर जुड़ेगी।
    भानपुरा (मंदसौर) से शुरू हुई यात्रा सुवासरा, महिदपुर होकर उज्जैन में जुड़ेगी। सिंगरौली से सीधी, रीवा, सतना पन्ना, छतरपुर तक, निवाड़ी, ओरछा, टीकमगढ़, छतरपुर तक, छतरपुर से सागर, विदिशा, राजगढ़ होते हुए आगर मालवा में ये यात्रा जुड़ेगी। वहीं भिंड, दतिया से शिवपुरी – मुरैना से ग्वालियर, शिवपुरी – श्योपुर से शिवपुरी – शिवपुरी से अशोकनगर, गुना, राजगढ़ होकर आगर मालवा में ये यात्रा जुड़ेगी।
    आकांक्षी अभियान की जिम्मेदारी इनको
    भाजपा ने 2018 में हारी हुई सीटों को आकांक्षी नाम दिया  है, जिनके प्रभारी तय हो गए हैं। इनमें छह पूर्व संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ, आशुतोष तिवारी, जितेंद्र लिटोरिया, केशव सिंह भदौरिया, पूर्व प्रदेश पदाधिकारी विनोद गोटिया, विधायक राजेंद्र शुक्ला आदि शामिल हैं।  इन प्रभारियों को काम सौंपा गया है कि जिलों में यदि मोर्चे, प्रकोष्ठ समेत अन्य कोई पद खाली है तो भरा जाएगा।  कांग्रेस से भाजपा में आए हारने वाले विधायकों के क्षेत्रों में निष्क्रिय हो चुके कार्यकर्ताओं को समझाना। जो घोषणाएं होनी है और जिनके काम शुरू कराने है, उनका फीडबैक देना। शर्मा व राव ने कहा कि हर सीट के बूथ पर 10 प्रतिशत वोट कैसे बढ़ सकते हैं, इसकी रणनीति तैयार करें। राव ने कहा कि हर बूथ का एक्शन प्लान होना चाहिए। तभी वोट शेयर बढ़ेगा। इसके लिए कौन से कदम उठाना है, उसकी जानकारी पार्टी को दें।
    भाजपा की नजर कांग्रेस की सीटों पर भी
    यही नहीं मिशन-2023 की तैयारियों में जुटी भाजपा ने कांग्रेस के कब्जे वाली 96 विधानसभा सीटों को छीनने के लिए पुख्ता तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी का इन सीटों पर विशेष फोकस रहेगा। सभी सीटों पर वरिष्ठ भाजपा नेताओं को प्रभारी बनाया गया है। उनकी निगरानी में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को घेरने की तैयारी की जाएगी। इसके अलावा उन सात सीटों पर भी भाजपा फोकस कर रही है, जिन पर सपा-बसपा और निर्दलीय विधायक चुनाव जीते थे। 230 सीटों वाली मप्र विधानसभा में भाजपा के पास 127 सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस के कब्जे में 96 और अन्य के पास सात सीटें हैं। भाजपा इस तैयारी में है कि कांग्रेस के मौजूदा विधायकों के प्रति नाराजगी का वह फायदा उठा ले। इसी उद्देश्य से भाजपा ने कुल 103 सीटों पर चुनाव तैयारी प्रारंभ कर दी है।

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