बड़ी वारदात का अंदेशा, नक्सलियों की तलाश में उतरे सुरक्षाबल

नक्सलियों
  • आईबी द्वारा हाल ही में दिया गया है अलर्ट

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। लंबे समय से शांत रहने के बाद नक्सली एक बार फिर बड़ी वारदात करने की फिराक में हैं। यही वजह है कि अब उनकी घेराबंदी करने के लिए सुरक्षाबल संयुक्त रुप से जंगलों की खाक छान रहे हैं। इसकी वजह है आईबी द्वारा दिया गया वह इनपुट जिसमें अंदेशा जताया गया है कि नक्सली कभी भी कोई बड़ी वारदात कर सकते हैं।  यह वारदात इस बार मप्र में किए जाने की संभावना जताई गई है। इसकी वजह से पूरे बालाघाट जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस दैरान सुरक्षा के साथ ही नक्सलियों को सबक सिखाने के लिए इन दिनों सीआरपीएफ और हाक फोर्स द्वारा सयुंक्त रुप से सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया गया है। दरअसल आईबी द्वारा सुरक्षा एजेंसियों को बताया गया है कि बीते दिनों करीब आधा सैकड़ा गा्रमीणों की लांजी के एक गांव में नक्सलियों ने बैठक ली थी, जिसमें एक इलाके के बड़े तेंदूपत्ता व्यापारी को भी वसूली के लिए धमकाया गया था। इस जानकारी के बाद से ही सुरक्षाबल हाईअलर्ट पर बने हुए हैं। दी गई जानकारी में आईबी ने आशंका जताई है कि नक्सली किसी बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए इन नक्सलियों ने प्रदेश में डेरा जमा रखा है। इनमें महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के नक्सली भी शामिल हैं। खास बात यह है कि आईबी द्वारा साझा किए गए इनपुट के समय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अफसर, मैक और एसएमएसी के कोर ग्रुप के अधिकारी भी मौजूद थे। यह बैठक हाल ही में भोपाल में  हुई थी।
4 माह पहले मारे गए थे 29 लाख के इनामी 3 नक्सली
सुरक्षा बलों ने इसी साल चार माह पहले बालाघाट जिले में तीन नक्सलियों को मार गिराया था। हालांकि उस समय उनके कई साथी फरार होने में सफल रहे थे। इन्हें  बालाघाट के खराड़ी गांव की पहाड़ियों पर मुठभेड़ में मार गिराया गया था। इसमें दो पुरुष और एक महिला नक्सली शामिल थी। पुलिस मुठभेड़ में मारी गई नक्सली रामे वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में हुए एनकाउंटर में मारे गए हार्डकोर नक्सली नागेश की पत्नी थी। मुठभेड़ में मारे गए जीआरबी डिवीजन के टांडा एरिया कमेटी का डीवीसीएम और कमांडर नागेश उर्फ राजू तुलावी (40) निवासी बोटेझरी जिला गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) पर मप्र, छग और महाराष्ट्र सरकार ने कुल 29 लाख का इनाम घोषित किया था।
आर्मी इंटेलिजेंस भी अलर्ट
सुत्रों की माने तो इस मामले की जानकारी सभी केंद्रीय एजेंसियों के अलावा आर्मी को भी दी गई है। इसके पीछे की वजह है कि नक्सलियों के पास पड़ोसी देशों द्वारा हथियारों की सप्लाई की जाना है। इस संबंध में आर्मी इंटेलिजेंस को भी अलर्ट किया गया है। इसके बाद आर्मी ने भी कुछ इलाकों को चिहिन्त किया है। हालांकि बालाघाट में नक्सलियों के मूवमेंट के बाद 24 घंटे जवानों की ड्यूटी तीन शिफ्ट में सर्चिंग की जा रही है। माना जा रहा है कि नवंबर माह के शुरूआती सप्ताह में उनके द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ही बोदालझोला इलाके में नक्सलियों से आमना-सामना होने के बाद तलाशी अभियान में एक कुकर बम, जमीन के नीचे डंप बारूद, वायर और कंटेनर पाया गया था। इस दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को खदेड़ दिया था।
नक्सली मानते हैं मप्र को सुरक्षित जगह
दरअसल नक्सलियों ने मप्र में अब तक कोई भी बड़ी वारदात नहीं की है। इसकी वजह से वे इसे छिपने के लिए सुरक्षित प्रदेश मानते हैं। इसके अलावा मप्र कई नक्सली प्रभावित प्रदेशों की सीमाओं से भी लगा हुआ है, जिसकी सीमाएं घने जंगलों से जुड़ती हैं। इस मामले में छग के पूर्व नक्सल प्रभारी रहे अफसरों का कहना है कि मध्य प्रदेश में नक्सलियों को तेंदूपत्ता व्यापारी आसानी से पैसा दे देते हैं। यही नहीं नक्सल प्रभावित प्रदेशों में सुरक्षाबलों ने अधिकांश नक्सलियों के इलाकों से उनका प्रभुत्व समाप्त कर दिया है। इसकी वजह से अब मध्य प्रदेश में वे अस्थाई रुप से कुछ महीनों के लिए गांवों में ग्रामीणों के साथ रिश्तेदार बनकर सर्दियों का समय काटते हैं।

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