
- बिजली कंपनियों की कारस्तानी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जब भी कोई चुनाव होता है तो सभी को उम्मीद रहती है कि सरकार कम से कम बिजली की दरे तो नहीं बढ़ाएगी। लोकसभा के चुनाव को देखते हुए मप्र सरकार ने बिजली की दरें नहीं बढऩे दी। लेकिन बिजली कंपनियों ने नए वित्त वर्ष के पहले माह में ही उपभोक्ताओं को महंगाई का करंट लगा दिया है। 2 महीने तक फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजस्टमेंट सरचार्ज नहीं लगाने के बाद अब अगले महीने के बिल के लिए इसे 5.24 प्रतिशत तय कर दिया है। अप्रैल से लागू नए टैरिफ के साथ गर्मियों में बढ़ी खपत और इसी माह से 5.24 फीसदी फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट भी बिल में जोड़ा जाएगा। मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर शैलेंद्र सक्सेना ने इसके आदेश जारी किए हैं। नए चार्ज से 150 यूनिट तक खपत वाले बिलों में इस चार्ज का कोई असर नहीं होगा। लेकिन उससे ज्यादा खपत वाले बिलों पर चार्ज लगने का सीधा असर पड़ेगा। यानी 200 यूनिट के बिल में 57.59 और 300 पर 92.17 रु का चार्ज लगेगा।
हर माह तय होता है एफपीपीएएस: एफपीपीएएस को बिजली कंपनी हर माह तय करती है। बिजली उत्पादन एवं अन्य खर्चों के अनुसार इसे तय किया जाता है। ये व्यवस्था बीते वर्ष अप्रैल से ही लागू की गई है। इससे पहले हर तीन महीने में फ्यूल कॉस्ट चार्ज तय किया जाता था। जिसे विद्युत नियामक आयोग तय करता था। लेकिन अब नई व्यवस्था में लागू हुए इस मामले में आयोग का कोई दखल नहीं है।फ्यूल कॉस्ट बिजली उत्पादन में लगने वाले ईंधन और उस माह बिजली उत्पादन में खर्च का अंतर है। वितरण कंपनियां हर तीन माह में इसे लागू करती हैं।
पिछले दरवाजे से बढ़ा दिया बिल
मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनी के फिक्सेजल ऑफ चार्ज नियम 2021 में बदलाव कर फ्यूल एंड पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज सीधे तौर पर उपभोक्ता से टैरिफ में बढ़ोतरी करने का अधिकार दे दिया। संसोधन में स्पष्ट है कि बिना आयोग में पहुंचे फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट को टैरिफ में जोडक़र वसूली की जा सकती है। फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट के 5.24 फीसदी को इसी माह से लागू किया जाएगा, जिससे बिल दर बढ़ जाएगी। जबकि जून 2024 से सुरक्षा निधि एडजस्टमेंट शुरू होगा। जिससे बिल आठ से दस फीसदी तक बढ़े हुए आएंगे। इधर, अप्रैल से जून तक गर्मियों की स्थिति में बिजली की खपत 40 फीसदी तक बढ़ गई है, जो बिल को हाइस्लेब में कर 20 फीसदी तक बढ़ा देगी। इस संदर्भ में एमडी मध्यक्षेत्र व सचिव ऊर्जा विभाग रघुराज एमआर का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग और बिजली कंपनियां तय नियमों से काम करते हैं। उपभोक्ताओं को लगातार राहत ही दी जा रही है। हम बिलिंग एक्यूरेसी और पूरी बिजली पर काम कर रहे हैं।