कई वार्डोंं में बागी बिगाड़… सकते हैं जीत का समीकरण

वार्डोंं
  • दोनों ही दलों को जूझना पड़ रहा है इस चुनौती से

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। निकाय चुनाव में नाम वापसी के कई दिनों बाद भी कई वार्ड  ऐसी हॉट सीट बन गए हैं, जहां कांग्रेस और भाजपा के बागी पार्टी के लिए चुनौती बन गए हैं। जिन बागियों को नहीं मनाया जा सका, अब उनसे निपटने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।  बागियों का समर्थन करने वालों व भितरघातियों पर नजर रखी जा रही है। दोनों ही दलों को आशंका है कि बागी समीकरण बिगाड़ सकते हैं। भाजपा बागियों व उनका समर्थन करने वाले कार्यकर्ताओं, नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। वहीं, कांग्रेस अभी बागी उम्मीदवारों से एक दौर की बात कर उन्हें मैदान से बाहर करने की कोशिश कर रही है।
राजधानी भोपाल में शहर सरकार के चुनाव में टिकट वितरण से उपजा असंतोष बगावत में तब्दील हो गया है। भाजपा व कांग्रेस के आला नेताओं की मान- मनौव्वल के बाद भी कुछ बागी नेता निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए हैं। कुछ ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। अब ये दोनों दलों के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए हैं। खिलाफत की शुरुआत वार्ड 22 से कांग्रेस की पार्षद रही रईसा मलिक ने की थी। वो महापौर के लिए टिकट मांग रही थी। विभा पटेल को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली। नामांकन भी भर दिया, लेकिन पार्टी का बी फॉर्म नहीं मिल पाया। इसके बाद टिकट कटने से नाराज और भी नेताओं ने हाथ का साथ छोड़ दिया।
स्वदेश शर्मा, अपराजिता पांडे बनी भोपाल प्रभारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर मप्र कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश प्रवक्ताओं को 16 नगर निगमों में स्थानीय मीडिया से समन्वय स्थापित करने और महापौर पद के कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में अपनी बात रखने के मकसद से प्रभारियों की नियुक्ति की है। स्वदेश शर्मा, अपराजिता पांडे भोपाल नगर निगम, संतोष सिंह गौतम इंदौर, राम पांडे, सिद्धार्थ सिंह राजावत व अनुराधा सिंह ग्वालियर, अजीत सिंह भदौरिया मुरैना, संदीप सबलोक व अभिषेक बिलगैंया सागर, राजकुमार केलू उपाध्यक्ष कटनी, रोहित नायक जबलपुर, विक्रम खंपरिया सिंगरौली, विक्की खोंगल छिंदवाड़ा, मिथुन अहिरवार बुराहनपुर, संतोष सिंह परिहार रीवा, रवि वर्मा सतना, योगेश यादव देवास, दीप्ति सिंह खंडवा, अभिनव बरोलिया उज्जैन और आनंद जाट को रतलाम नगर निगम का प्रभारी बनाया गया है।
कांग्रेस में बागियों की भरमार
खास तौर से उत्तर विधानसभा के बड़े नेताओं शाहिद अली, अब्दुल शफीक, नाजमा अंसारी ने सामूहिक इस्तीफा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा को  सौंप दिया। ये सभी पार्षद रह चुके हैं। शाहिद अली ने पत्नी शबाना के साथ आप की सदस्यता ले ली।  प्रचार में हाउस टैक्स, पानी बिल माफ कराने की बात कह रहे हैं। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी नाहिद जहां की राह आसान नहीं होगी। वहीं कोलार में भी कांग्रेस सभी असंतुष्ट नेताओं को मनाने में नाकाम रही। पार्टी ने वार्ड 80 से पहले अन्नू बिट्टू शर्मा को उम्मीदवार बनाया था। वो नगर पालिका में पार्षद रह चुकी हैं। पार्टी ने ऐन मौके पर उनका टिकट काट दिया। अब उन्होंने पति के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।  वो कांग्रेस उम्मीदवार श्वेता सुखलाल ठाकुर को चुनौती दे रही हैं।  इसी तरह वार्ड 83 से पार्टी के प्रशांत चौहान ने खिलाफत कर दी है। वो टिकट न मिलने पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। कांग्रेस उम्मीदवार मंगल सिंह यादव के समीकरण गड़बड़ा सकते हैं।
वार्ड 45 में त्रिकोणीय संघर्ष
वार्ड 45 में इस बार मुकाबला रोचक हो गया है। पिछली बार यहां से मोनू गोहल निर्दलीय चुनाव जीते थे। फिर लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा ज्वॉइन कर ली थी। यह वार्ड महिला के लिए आरक्षित होने के कारण वो पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। उनकी जगह इसी क्षेत्र से सुनील सूद के महापौर काल में पार्षद रह चुकीं वंदना सुधीर जाचक को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया। ऐसे में मोनू ने पत्नी को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में उतार दिया। वहीं कांग्रेस ने प्रीति वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है।

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