तमिलनाडु के राज्यपाल सूट-बूट वाले कोश्यारी: राउत

राउत

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। तमिलनाडु में स्टालिन बनाम राज्यपाल रवि विवाद अब राष्ट्रपति तक पहुंच गया है। इस बीच राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि देश के आधा दर्जन राज्यों में सरकार बनाम राज्यपाल का टकराव बढ़ गया है और यह सभी गैर-भाजपा शासित राज्य हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजभवनों को भाजपा के लोगों ने अपना कार्यालय बना लिया है और वे सरकार पर नियंत्रण रखने की कोशिश कर रहे हैं। सामना में उन्होंने कहा, तमिलनाडु में भी राज्यपाल विरुद्ध सरकार का संघर्ष छिड़ा हुआ है। जो महाराष्ट्र में चल रहा है, वही दूसरे रूप में तमिलनाडु में दिखाई दे रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि महाराष्ट्र में राज्यपाल द्वारा छत्रपति शिवाजी का अपमान किए जाने के बाद भी सरकार व मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन तमिलनाडु में राज्यपाल द्वारा रामासामी पेरियार, डॉ. आंबेडकर, करुणानिधि जैसे महापुरुषों का अपमान करते ही मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में ही राज्यपाल के सामने स्वाभिमानी तेवर दिखाया, वह काबिलेतारीफ है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल से संघर्ष किया और तमिल अस्मिता के लिए केंद्र से पंगा भी ले लिया।

राउत ने आगे कहा, तमिलनाडु के राज्यपाल रवि सूट-बूट वाले भगतसिंह कोश्यारी हैं।  महाराष्ट्र में ‘ठाकरे सरकार’ के समय मौजूदा राज्यपाल खौलते तेल में पापड़ की तरह तड़तड़ाते थे। सरकार के कई फैसलों पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से मार्गदर्शन करते थे। सरकारी फैसलों और सिफारिशों को टाल देते थे। उन्होंने विधान परिषद के 12 मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति को भी लटकाकर रखा। लेकिन जैसे ही राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ, वे तड़तड़ाने वाले राज्यपाल कहीं दिखाई नहीं देते। राज्यपाल की अब ठंडी कुल्फी बन गई है। सामना में राउत ने आगे कहा, राज्यपाल संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं। वे केंद्र और राज्य के बीच एक कड़ी के रूप में अपना कर्तव्य निभाते हैं। एक तरह से वे सफेद हाथी ही होते हैं। उम्मीद है कि ये सफेद हाथी संविधान के दायरे में रहकर काम करें। लेकिन ये सफेद हाथी अब बेकाबू होने लगे हैं। उन्होंने कहा, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे मराठी लोगों को एक मंत्र हमेशा देते थे, वह मतलब ‘दक्षिण के लोगों की जातीयता और मुसलमानों की कट्टरता जब तक आपके शरीर में नहीं घुलती महाराष्ट्र का उत्थान नहीं होगा।

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