समानता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा एक परिवर्तनकारी तंत्र: उपराष्ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़

गोंदिया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि समानता लाने और असमानता को कम करने के लिए शिक्षा सबसे प्रभावशाली परिवर्तनकारी तंत्र है। महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विजन, मिशन और प्रतिभा वाले युवा सांसदों को 2047 के विकासशील भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभानी है।

धनखड़ ने यह भी सुझाव दिया कि कृषि उपज में मूल्यवर्धन से किसानों के जीवन में गुणात्मक सुधार आएगा। आज दुनिया भारत में बदलाव देख रही है और जब नेता जमीनी हकीकत से वाकिफ हो और उसे बदलने की क्षमता रखता हो तो बदलाव अवश्यंभावी है। आज हमारे नजदीकी केंद्र और राज्य में नेतृत्व सक्षम है ताकि बदलाव आ सके।

उपराष्ट्रपति ने आगे बताया कि भारत तेजी से एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने बताया कि 1989 में जब मैं पहली बार सांसद बना तो वह हमारे देश के लिए कठिन समय था। देश को अपना स्वर्ण भंडार हवाई मार्ग से स्विट्जरलैंड भेजना पड़ा, जहां इसे दो बैंकों में गिरवीं रखा गया ताकि हमारे देश की वित्तीय विश्वसनीयता कायम रह सके। उन्होंने आगे बताया, ‘लेकिन अब समय बदल गया है और हम कनाडा, फ्रांस और इंग्लैंड को पीछे छोड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं’।

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