नई संसद के बारे में हमसे पूछा तक नहीं: शरद पवार

शरद पवार

पुणे। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को नई संसद का उद्घाटन करने जा रहे हैं, लेकिन इसको लेकर भी देश में खूब राजनीति हो रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से नहीं किया जा रहा है इसलिए सभी विपक्षी दल इसका विरोध करते हैं और वह इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगे। वहीं विपक्षी दलों के समर्थन में शरद पवार भी आ गए हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि नई संसद के बारे में सरकार ने सांसदों को भरोसे में नहीं लिया गया।

उन्होंने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम के बारे में किसी भी बात पर विचार नहीं किया गया। सभी फैसले बिना किसी विचार के लिए गए। इसलिए, कुछ वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने फैसला किया है कि हमें कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए और मैं उनके फैसले का समर्थन करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि नए संसद भवन के निर्माण के बारे में उनसे बात नहीं की गई जबकि वह वर्षों से इसके सदस्य रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मैं वर्षों से सांसद रहा हूं। हम सदन में बैठते थे लेकिन नए संसद भवन के निर्माण के बारे में हमें समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला। इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय सदस्यों से बात की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस समेत देश के सभी बड़े विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया।इससे पहले टीएमसी, आप और सीपीआई (एम) ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया था। कुल 21 पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 28 मई को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। इसे रिकॉर्ड समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ बनाया गया है।

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