वन अर्थ-वन हेल्थ हमारा द्रष्टिकोण: पीएम मोदी

पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर दिया। उन्होंने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे की कई कमियों को उजागर किया। उन्होंने जोर दिया कि वैश्विक प्रणालियों में लचीलेपन के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। उन्होंने ये बातें स्विट्जरलैंड के जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा के 76वें सत्र में अपने वीडियो संदेश में कही

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को न्यायसम्मत बनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। उन्होंने कहा, भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए वैक्सीन की करीब 300 मिलियन खुराक 100 से अधिक देशों को भेजी। इनमें से अधिकतर देश वैश्विक दक्षिण से थे। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि संसाधनों तक समान पहुंच का समर्थन करना आने वाले वर्षों में डब्ल्यूएचओ के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य पर काम किया है। उन्होंने कहा कि हम कम और मध्यम आय वाले देशों में इसी तरह के प्रयासों के लिए डब्ल्यूएचओ का समर्थन करने के इच्छुक हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि चाहे वह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत हो, या स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर सुधार, या लाखों परिवारों को स्वच्छता और पेयजल उपलब्ध कराने का अभियान, भारत के कई प्रयासों का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य योजनाओं को बढ़ावा देना है।  

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का पारंपरिक ज्ञान कहता है कि अच्छे स्वास्थ्य से बड़ी नेमत कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और ध्यान जैसी पारंपरिक प्रणालियां स्वास्थ्य के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक पहलुओं को संबोधित करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रसन्नता है कि डब्ल्यूएचओ का पहला ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन भारत में स्थापित हो रहा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि दुनिया मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के माध्यम से मोटे अनाज के महत्व को पहचान रही है। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि भारत के प्राचीन ग्रंथ दुनिया को एक परिवार के रूप में देखना सिखाते हैं। उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष हमारी जी-20 अध्यक्षता के दौरान, हम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विषय के साथ काम कर रहे हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमारा दृष्टिकोण ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ है।

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