मल्टीविटामिन्स खाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

मल्टीविटामिन्स

बिच्छू डॉट कॉम। शरीर में थकावट महसूस हो या फिर पोषण की कमी, दोनों ही समस्याओं से निजात पाने के लिए मल्‍टीविटामिन्स का नाम दिमाग में सबसे पहले आता है। पिछले कुछ सालों से मल्‍टीविटामिन्स का उपयोग लोगों के बीच काफी ज्यादा बढ़ गया है।लोगों का मानना है कि मल्‍टीविटामिन्स की गोलियां खाने से शरीर में पोषक तत्‍वों की कमी पूरी होने के साथ थकान भी दूर होती है। कहते हैं या ना कि अति हर चीज की बुरी होती है। क्या आप जानते हैं जरूरत से ज्यादा मल्‍टीविटामिन्स का सेवन करने से आपको फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है। जी हां, आइए जानते हैं आखिर कैसे।

नुकसान
अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार अनायास मल्टीविटामिन का सेवन करने से व्यक्ति को फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। बिना किसी डॉक्टरी परामर्श के मल्टीविटामिन का सेवन हाइपरविटामिनोसिस यानी शरीर में विटामिन की अधिकता से होने वाला रोग, पेट से संबंधित समस्याएं, डायरिया जैसी दिक्कतें बढ़ा सकता है। विटामिन ए एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो आंखों की सेहत और तंत्रिका संबंधी कार्य को बनाए रखने में मदद करता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट, यूएसए के एक अध्ययन के अनुसार इस विटामिन की अधिकता धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के होने की संभावना को बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं, इस विटामिन के अधिक सेवन करने से लीवर भी खराब हो सकता है।

  • शरीर में विटामिन सी या जिंक की अधिकता होने से व्यक्ति को डायरिया, क्रैंप, गैस्ट्रिक, थकान और घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • वहीं कई ऐसे विटामिन हैं जो शरीर में जाकर जमा हो जाते हैं। विटामिन ‘ए’ की अधिकता लीवर को नुकसान पहुंचाती है जबकि विटामिन ‘डी’ की अधिकता से हार्मोनल गड़बड़ी हो जाती है।
  • त्वचा की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए विटामिन ई खाया जाता है। मगर शरीर में इसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा आंतरिक ब्लीडिंग का कारण बन सकती है।
  • वहीं जिंक का ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ जाता है।

क्या है विकल्प
एक सीमित मात्रा में मल्टीविटामिन गोलियों को खाने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि व्यक्ति को इन गोलियों पर अपनी निर्भरता नहीं रखनी चाहिए। शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए अच्छी हेल्दी डाइट लें। विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए एक दिन में चार अलग-अलग रंग के फल खाएं। दूध व डेयरी प्रोडक्ट्स भरपूर मात्रा में लें। नट्स का सेवन नियमित रूप से करें।

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