हमास और अन्य आतंकवादियों ने गाजा के अस्पतालों में ली है शरण, मरीजों की सुरक्षा जरूरी: अमेरिका

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वाशिंगटन। इस्राइल और हमास के बीच लंबे समय से युद्ध जारी है, जिसमें 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, अमेरिका ने बड़ा दावा किया है। अमेरिका का कहना है कि उनके पास खुफिया जानकारी है कि गाजा के अस्पतालों में हमास सहित अन्य आतंकवादी संगठन शरण लिए हुए हैं।  बता दें, इससे पहले इस्राइल की सरकार ने कई बार आरोप लगाएं हैं कि हमास के आतंकी नागरिकों को ढाल बना रहे हैं। आतंकी अस्पतालों में छिपे हुए हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मंगलवार को सैन फ्रांसिस्को जा रहे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि उनके पास अनिर्दिष्ट खुफिया जानकारी है कि हमास और एक अन्य फलस्तीनी आतंकवादी समूह गाजा पट्टी के शिफा अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में शरण लिए हुए है। आतंकी अस्पतालों के नीचे बनी सुरंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। किर्बी ने आगे कहा कि अमेरिका कभी भी अस्पतालों के खिलाफ हमलों का समर्थन नहीं करता। हम चाहते हैं कि अस्पतालों और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। अमेरिका निर्दोषों, मरीजों के खिलाफ गोलीबारी नहीं देख सकता। हालांकि, आतंकियों के खिलाफ सबूत के सवाल पर किर्बी ने कहा कि अलग-अलग खुफिया माध्यमों से जानकारी मिली है। मिस्र में भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने मंगलवार को गाजा पट्टी से काहिरा पहुंची भारतीय नागरिक लुबना नजीर शब्बू का स्वागत किया। शब्बू ने काहिरा में भारतीय दूतावास, इस्राइल में भारतीय दूतावास और रामल्ला में भारत के प्रतिनिध कार्यालय का आभार व्यक्त किया। भारतीय दूतावास ने बताया कि लुबना और उसका परिवार स्वस्थ्य हैं। वह सुरक्षित हैं।

आंतकी संगठन हमास द्वारा जारी एक वीडियो में दिखाई दी नोआ मार्सियानो की मौत हो चुकी है। इस्राइली रक्षा बलों ने यह दावा किया है। आईडीएफ का कहना है कि 19 साल की किशोरी की पहले ही मौत हो चुकी है। आईडीएफ ने बताया कि मार्सिआनो मध्य इस्राइल के मोदी-इन की रहवासी है, जिसे किबुत्ज नाहल ओज से बंधक बना लिया गया था। बता दें, सोमवार रात हमास ने मार्सियानो का एक वीडिया जारी किया था, जिसे आईडीएफ ने मनोवैज्ञानिक आतंक बताया है। वीडियो में हमास ने बताया कि हवाई हमले में मार्सियानो की मौत हो गई है। इस्राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बताया कि युद्ध रोकने का दबाव बढ़े, इससे पहले ही हमारे पास दो-तीन सप्ताह की राजनयिक खिड़की है। यह वह अभियान नहीं कि गाजा से 240 बंधकों को वापस ले आए और अभियान खत्म। यह युद्ध सिर्फ हमास को परास्त करने के लिए नहीं हैं। बल्कि यह पूरे क्षेत्र के बारे में हैं। युद्ध के बाद फिर से इस्राइल की सुरक्षा प्रधानता को स्थापित करना है।

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