एक कमरे का घर, लोकल ट्रेन में सफर… डेब्यू से पहले शादी… कमाल है यह बंदा….

सोनू सूद

मुंबई/बिच्छू डॉट कॉम।  यूं तो फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगलरों की दास्तान बेहद लंबी है लेकिन सोनू सूद की राहें लगता हैं इन सबसे जुदा हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद हीरो बनने के भूत ने एक कमरे में रात गुजारने को मजबूर किया,,, सफर के लिए लोकल ट्रेन मिली और डेब्यू से पहले ही विवाह भी रचा लिया….लेकिन इन सबके बावजूद सितारा बुलंद हुआ और आज सोनू सूद अभिनेता से मसीहा बन चुके हैं। आइए उनके सफर के बारे में कुछ खास बताते हैं। सोनू सूद पंजाब के मोगा से हैं. मोगा में उनके पापा की कपड़े की दुकान थी जिसका नाम बॉम्बे क्लॉथ हाउस था. सोनू को हीरो बनना था. ऐसे में उन्होंने इंजीनियरिंग करने के लिए सोनू को नागपुर भेज दिया. सोनू इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग भी बन गए लेकिन हीरो बनने के लिए वो मुंबई आए औऱ उन्होंने अपना सफर शुरु किया। पंजाब के रहने वाले सोनू सूद ने नागपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिरिंग की पढ़ाई की और हीरो बनने के लिए मुबंई आ गए. जब वो मुंबई आ तो उनके पास अधिक पैसे नहीं थे, ऐसे में वो एक कमरे का घर लेकर बस जैसे-तैसे गुजारा किया करते थे. इतना ही नहीं, इस कमरे में अकेले सोनू नहीं रहते, बल्कि 3-4 लोग और उनके साथ रहते थे। नागपुर में जब सोनू पढ़ाई कर रहे थे तभी उनकी मुलाकात नागपुर में सोनाली से हुई और दोनों के बीच प्यार बढ़ा और दोनों ने लंबे समय तक एक दूसरे को डेट किया आपको जानकर हैरानी होगी कि 1996 में सोनू सूद ने अपनी गर्लफेंड सोनाली से शादी कर ली और 2001 में उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया. सोनू को साउथ इंडियम फिल्म में काम मिल गया और उन्होंने साल 1999 में तेलुगू फिल्म ‘कल्लाज़गार’ से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की और साल 2001 में आखिरकार बॉलिवुड ने उनके लिए दरवाजा खोल दिया. सोनू की यह पहली बॉलीवुड फिल्म ‘शहीद-ए-आजम’, जिसमें वह भगत सिंह की भूमिका में नजर आए थे. इसके बाद फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

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