बिहाइंड द कर्टन/देश को धर्मशाला समझने वाले नहीं किए जाएंगे बर्दाश्त: कैलाश

  • प्रणव बजाज
कैलाश विजयवर्गीय

देश को धर्मशाला समझने वाले नहीं किए जाएंगे बर्दाश्त: कैलाश
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि देश को धर्मशाला समझने वाले लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद पत्रकारों से चर्चा में कहा की अगर राज्य सरकारें न्यायालय की बात नहीं मानेगी तो अराजकता की स्थिति बन जाएगी। उन्होंने लाउड स्पीकर पर योगी के एक्शन के बाद एमपी सरकार के लिए कहा कि मुझे लगता है हाईकोर्ट के आदेशों का पालन सरकार करेगी और जल्द ही डेसीबल के अनुसार ध्वनि पर नियंत्रण किया जाएगा। एक अन्य प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा की आप पार्टी सिर्फ खाली स्थानों की समर्थक है।

परिवहन का जिम्मा अब फैज अहमद पर
राज्य सरकार द्वारा अब परिवहन विभाग का जिम्मा प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई को दे दिया गया है। बीते रोज  जारी आदेश में प्रमुख सचिव खाद्य व नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण किदवई को परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। फैज अहमद द्वारा परिवहन विभाग का कार्यभार ग्रहण करने पर एसएन मिश्रा अपर मुख्यसचिव जलसंसाधन व नर्मदाघाटी विकास तथा परिवहन विभाग (अतिरिक्त प्रभार) केवल परिवहन विभाग के कार्यभार से मुक्त होंगे।

कांग्रेस की सरकार बनते ही संविदा कर्मचारी होंगे नियमित
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने ऐलान किया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। इसके पहले कांग्रेस द्वारा कर्मचारियों की पेंशन बहाल करने का वादा भी किया जा चुका है। उनका कहना है कि अगर वर्ष 2023 में सूबे में कांग्रेस सत्ता में आती है, तो पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के साथ ही संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति देने का फैसला लिया  जाएगा। उन्होंने कहा कि मिशन 2023 के लिए कांग्रेस इन वायदों को अपने वचन पत्र में भी शामिल करेंगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा प्रदेश में सत्ता पर कांग्रेस के आते ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इनमें किसानों की कर्ज माफी भी शामिल है। दरअसल अब कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत पूरी तरह से सरकार से नाराज चलने वाले लोगों को साथ लेना शुरू कर दिया है।

साहब की छुट्टी पर भारी पड़ा जलसकंट
सूबे के एक विभाग के प्रशासनिक मुखिया पर इन दिनों संकट आया हुआ है। दरअसल साहब जिस विभाग के मुखिया हैं उस विभाग में अराजकता का हाल यह है कि जनता प्यास बुझाने को परेशान है और उनके मातहत मलाई चाटने में लगे रहते हैं। इस मामले में सूबे के मुखिया का जिला भी उनके द्वारा नहीं छोड़ा गया है सो आफत तो आनी ही थी। एक बार शिकायत मिली डिढोंरा पीट दिया गया , लेकिन कुछ दिन बाद मुखिया जी के पास फिर शिकायत पहुंच गई। इसके बाद मुखिया जी को गुस्सा आ गया। इसके बाद तो एसीएस स्तर के विभाग प्रमुख को न केवल नार्थ ईस्ट में परिवार समेत समर वेकेशन पर जाना कैंसिल करना पड़ा, बल्कि अब गांवों की खाक भी छाननी पड़ रही है। माना जा रहा है कि जल्द होने वाले प्रशासनिक फेरबदल में इन साहब पर भी तबादले की गाज गिर सकती है। 

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