बिच्छू राउंडअप/2027 तक पाकिस्तान के साथ कोई सीरीज नहीं खेलेगा भारत

 भारत-पाकिस्तान

2027 तक पाकिस्तान के साथ कोई सीरीज नहीं खेलेगा भारत
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने 2023 से 2027 तक के लिए अपना प्रोग्राम जारी कर दिया है। आने वाले पांच वर्षों में भी भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेगी। बीसीसीआई ने राज्यों के क्रिकेट बोर्ड को भविष्य का जो प्रोग्राम बताया है, उसमें पाकिस्तान का कॉलम खाली रखा गया है। हालांकि, आईसीसी टूर्नामेंट में दोनों टीमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी। अगले साल ही पाकिस्तान विश्व कप खेलने के लिए भारत आएगा। इसके बाद 2025 में भारत को भी चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए पाकिस्तान जाना होगा।   भारतीय टीम आईसीसी या एसीसी टूर्नामेंट खेलने के अलावा 38 टेस्ट खेलेगी। इसमें 20 टेस्ट भारत में 18 विदेश में खेले जाएंगे। इन पांच सालों में भारत 42 वनडे मैच भी खेलेगा। इसमें से 21 मैच घर में और 21 मैच बाहर खेले जाएंगे। 2023-2027 के बीच भारत कुल 61 टी20 मैच खेलेगा। 31 टी20 घर में और 30 बाहर खेले जाएंगे।

पराठा पर देना होगा 18 फीसदी जीएसटी टैक्स ,प्राधिकारियों का फैसला
यदि आप पराठा खाना चाहते हैं तो आपको 18 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ेगा, लेकिन चपाती खाना चाहते हैं तो वह सस्ती पड़ेगी। चपाती पर पांच फीसदी ही टैक्स लगेगा।  देश में एक समान वस्तु व सेवा शुल्क जीएसटी (त्रस्ञ्ज) प्रणाली लागू हुए इस साल जुलाई में पांच साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इसकी पेचीदगियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जीएसटी के अमल व अधिसूचनाओं को लेकर आए दिन विवाद सामने आते रहते हैं। ऐसा ही मामला रोटी व पराठे पर अलग-अलग जीएसटी दरों का है।  यदि आप पराठा खाना चाहते हैं तो उस पर 18 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ेगा, वहीं रोटी खाना चाहते हैं तो 5 फीसदी।  फ्रोजन रोटी-पराठे पर जीएसटी को लेकर पहले भी सवाल उठे हैं। इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि दोनों को बनाने की मूल सामग्री चूंकि गेहूं का आटा है, इसलिए इस पर समान जीएसटी लागू होना चाहिए। वाडीलाल इंडस्ट्रीज का कहना था कि वह 8 तरह के पराठे बनाती है। इसमें मुख्यत: आटे का ही इस्तेमाल होता है। मालाबार पराठे में आटे की मात्रा 62 फीसदी और मिक्स्ड वेजिटेबल पराठे में 36 फीसदी होती है।

करवा चौथ: देशभर में बिका 3000 करोड़ से ज्यादा का सोना
पिछले साल की तुलना में कीमतें बढ़ने के बावजूद इस साल करवा चौथ पर देशभर में 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का सोना बिका है। पिछले साल करवा चौथ के दिन करीब 2,200 करोड़ रुपये का सोना बिका था। कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं देश के छोटे ज्वेलर्स के बड़े संगठन आॅल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन ने बृहस्पतिवार को कहा, कोरोना महामारी की वजह से 2020 और 2021 में करवा चौथ पर देशभर के सराफा बाजारों में सुस्ती रही थी। लेकिन, इस बार कोरोना से जुड़ीं पाबंदियां हटने और त्योहारी सीजन में लोगों के ज्यादा खर्च करने की धारणा से सराफा बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिली।  सोने व चांदी के आभूषणों की जमकर खरीदारी हुई।  कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया, दिल्ली के अलावा मुंबई, आगरा, कानपुर, हैदराबाद, नागपुर, रायपुर, राजकोट, मेरठ, कोलकाता, अमृतसर, जयपुर, भोपाल, इंदौर, जम्मू, लखनऊ आदि शहरों के सराफा बाजार गुलजार रहे।

हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पाटने पर जोर देगा संघ, शताब्दी वर्ष की तैयारी शुरू
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के वर्ष 2025 में सौ वर्ष पूरे होने को लेकर संघ की ओर से अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। शताब्दी वर्ष का असली रंग तभी निखरेगा जब भाजपा वर्ष 2024 में फिर से केंद्र की सत्ता पर काबिज हो। भाजपा के तीसरी बार सत्ता में आने को लेकर प्रयागराज में संघ प्रमुख मोहन भागवत की अगुवाई में रणनीति बननी शुरू हो गई है। गौहनियां स्थित वात्सल्य स्कूल परिसर में मोहन भागवत एवं अन्य केंद्रीय पदाधिकारियों ने संघ के माध्यम से किए जाने वाले तमाम कार्यक्रमों का खाका खींचना शुरू कर दिया है। प्रयागराज में 16 से 19 अक्टूबर तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के राजनीतिक गलियारे में तमाम मायने निकाले जाने लगे हैं।  वर्ष 2025 में प्रयागराज के महाकुंभ के पूर्व वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संघ का एकजुटता पर मुख्य जोर रहेगा। कार्यकारी मंडल की बैठक में गांव-गांव संघ की शाखाएं लगाने सहित  हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पाटने पर भी चर्चा होगी। स्वयंसेवक जब लोगों के बीच जाएं तो मजहबी दीवारा तोड?ा ही उनका एकमात्र लक्ष्य हो। जनमानस को समझाना होगा कि आपस में ही बिखरना छोडकर समाज को जोड़ें।

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