
नाथ बोले, रिपोर्ट मांगी है, खुद देखिएगा क्या करता हूं
सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों पर सरकार के पक्ष में काम करने के आरोपों पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि वे सभी प्रत्याशियों से प्रशासन की पूरी रिपोर्ट मंगा रहे हैं। ये पूछे जाने पर कि सरकार आने पर क्या करेंगे, नाथ ने कहा कि खुद देखिएगा कि सरकार आने पर क्या करते हैं। अधिक वोट प्रतिशत के सवाल पर नाथ का कहना है कि 1977 में वोट प्रतिशत अधिक था, पर इंदिरा गांधी और संजय गांधी, दोनों चुनाव हार गए थे।
हार सामने देख कांग्रेस वाले आरोप लगा रहे हैं
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में कई जगह मारपीट- गुंडागर्दी की है। कर्मचारियों पर दबाव बनाना- धमकाना कांग्रेस की आदत है। ये हार सामने देखकर आरोप लगा रहे हैं। इस तरह की आदत उनकी नई नहीं है, बल्कि यह तो कांग्रेस की पुरानी परंपरा है।
लोकतंत्र की हत्या की, तय करेंगे कैसा व्यवहार हो
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची बनवा रहे हैं। भाजपा का हथियार बनकर काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी लोकतंत्र के हत्यारे हैं। रणनीति बनाएंगे कि इनके साथ कैसा व्यवहार हो, कहां पदस्थापना की जाए। कर्मचारियों की सारी सूची कमलनाथ के पास आती जा रही है। एक-दो दिन में सारे लोगों के नाम आ जाएंगे।वर्मा ने कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय हार रहे हैं। उन्होंने विजयवर्गीय को सलाह भी दी थी कि टिकट वापस ले लें, मोदी और शाह आपसे बदला ले रहे हैं। सज्जन वर्मा सोनकच्छ (देवास) से कांग्रेस प्रत्याशी हैं।
दिग्विजय तो दिग्विजय हैं
भले ही दिग्विजय सिंह बीस साल से प्रदेश की सत्ता में नही हैं, लेकिन फिर भी उनके समर्थकों की संख्या में कमी नहीं आयी है। इसकी वजह है उनकी कार्यशैली। प्रदेश के सबसे बुजुर्ग नेताओं में शुमार होने के बाद भी उनकी सक्रियता और सतत संपर्क को आज भी कोई सानी नहीं हैं। ताजा मामला राजनगर इलाके का है। चुनावी हिंसा के बीच एक पार्टी कार्यकर्ता की हत्या हुई तो, वे खुद राजनगर में डेरा डालने पहुंच गए। यही नहीं वहां पर न केवल कार्यकर्ताओं के साथ मैदानी मोर्चा सम्हाले हुए हैं, बल्कि यह भी जता दिया है कि राजनेता कैसा होना चाहिए। यह बात अलग है कि उनका धरना कितना प्रभावी होता है।