बिहाइंड द कर्टन/नूपुर के समर्थन में आयी अब साध्वी प्रज्ञा

  • प्रणव बजाज
प्रज्ञा सिंह ठाकुर

नूपुर के समर्थन में आयी अब साध्वी प्रज्ञा
अपने बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहने वाली भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अब भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा के समर्थन में खड़ी हो गई हैं। उनका कहना है कि सच कहना अगर बगावत है, तो समझो हम भी बागी हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को असलियत बताने पर इतनी तकलीफ क्यों होती है? कमलेश तिवारी का जिक्र करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जो कहा उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा मैं सत्य बोलती हूं इसलिए लोगों की नजरों में चुभती हूं। यह भी एक सत्य है कि ज्ञानवापी में शिव मंदिर था, है और रहेगा। उसको फव्वारा कहना हमारे हिंदू मानदंड, हमारे हिंदू देवी-देवता, सनातन धर्म परंपरा के मूल पर कुठाराघात है, इसलिए हम असलियत बताएंगे। भाजपा सांसद ने कहा हमारी असलियत तुम बता दो, हमें स्वीकार है, लेकिन तुम्हारी असलियत हम बता रहे हैं तो क्यों तकलीफ है? प्रज्ञा ने कहा यह भारत है। ये हिंदुओं का है। यहां सनातन धर्म परंपरा हमेशा जिंदा रहेगी और ऐसा करना हमारी जिम्मेदारी है।

मंत्री भूपेन्द्र सिंह की पोती के हाथों में पंचायत की कमान
प्रदेश के शहरी विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह की पोती वैष्णवी के हाथों में अब सागर जिले के बमोरी पंचायत की कमान रहेगी। उसे पंचायत के लोगों द्वारा निर्विरोध रूप से चुना गया है। उसके साथ ही सभी दस महिला पंचो का चयन भी इसी तरह से किया गया है। खास बात यह है कि वैष्णवी एमबीए होने के साथ ही जिले की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच बन गई हैं। वैष्णवी का कहना है कि गांव का विकास करना उसकी पहली प्राथमिकता है और वह चाहती है कि पांच सालों में उनकी पंचायत को लोग आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में जाने। उधर, कटनी जिले की बहोरीबंद ग्राम पंचायत में भी एक ऐसी युवती को सरपंच चुना गया है जिसकी उम्र अभी महज 21 साल है। अंशिका अभी वकालात की पढ़ाई कर रही है। खास बात यह है कि उसे भी गांव वालों ने सर्वसम्मति से चुना है।

बोले नाथ, इवेंट की नहीं, पब्लिक सिस्टम मैनेजमेंट की जरूरत
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि  शिवराज जी का पूरा ध्यान प्रदेश की जनता को भ्रमित करना, रोज नए इवेंट और उसका झूठा प्रचार-प्रसार करने में ही रहता है। प्रदेश के आम आदमी, माताओं-बहनों और लाड़लियों पर क्या गुजर रही है, इस पर उनका ध्यान वर्षों से नहीं है? मध्यप्रदेश की जनता को आज इवेंट मैनेजमेंट की नहीं, बल्कि पब्लिक सिस्टम मैनेजमेंट की जरूरत है। उनका आरोप है कि शिवराज सरकार में मध्यप्रदेश की कानून और शासन व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। अपने बयान में नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार में प्रदेश की ध्वस्त कानून-व्यवस्था, बेलगाम अपराधों और प्रशासनिक लापरवाहियों के लिए सिर्फ घटना विशेष पर कार्यवाही करने से प्रदेश के हालात नहीं बदल सकते। जब प्रदेश सरकार का ध्यान अपराधों के नियंत्रण पर ना हो और अपराधियों को समय-समय पर सत्ताधारी दल का समर्थन मिलता रहे तो अपराधियों के भीतर से शासन तंत्र का भय खत्म हो जाता है और अपराध व्यापक तौर पर बढ़ते जाते हैं।

माननीय दूसरे प्रदेशों मे दिखा रहे सक्रियता
प्रदेश के एक माननीय ऐसे हैं जो अपना प्रदेश छोड़कर दूसरे प्रदेश में राजनीति कर रहे हैं। वे लंबे समय से प्रदेश की राजधानी के अलावा अन्य जगहों पर भी सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं।  इतना जरुर है कि वे बीच-बीच में आकर अपनी विधानसभा सीट पर सक्रियता दिखा जाते हैं। दरअसल यह माननीय आदिवासी वर्ग से आते हैं और कमलनाथ के कबीना में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बीच उनके अपने ही पार्टी के कई बड़े नेताओं से पुरानी अदावत और तल्ख होती रही है। अब नेता जी को प्रदेश में संगठन ने कोई जिम्मा नहीं दिया तो वे केन्द्रीय संगठन के निर्देश पर पहले एक आदिवासी प्रदेश के बाद अब कपड़ों के लिए मशहूर प्रदेश में अपनी राजनैतिक योग्यता दिखा रहे हैं।  ऐसे में सवाल खड़ा होने लगा है कि जिस नेता की काबिलियत केन्द्रीय संगठन मानता है उसकी काबिलियत को प्रदेश का संगठन क्यों नहीं मानता है।

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