बिहाइंड द कर्टन/बोले जीतू, शिव के कुशासन से प्रदेश पर बढ़ रहा कर्ज

  • प्रणव बजाज
 जीतू पटवारी

बोले जीतू, शिव के कुशासन से प्रदेश पर बढ़ रहा कर्ज
पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार के कुशासन के कारण मध्य प्रदेश पर आज 3.5 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। हैरानी की बात यह है कि 2022 में सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लिया गया है। पटवारी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि प्रदेश सरकार विकास कार्यों के लिए कर्ज ले तो उसमें कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन कर्ज अपने इवेंट, अपने प्रचार, अपने लिए 125 करोड़ का हवाई जहाज खरीदने के लिए और अपनी विलासिता का सामान खरीदने के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है। इसकी वजह से मध्य प्रदेश के हर आदमी पर 41 हजार रुपये का कर्ज है, यह कर्ज आपके और मेरे बच्चे बेरोजगार रहकर और महंगाई सहकर चुकायेंगे। उनका कहना है कि यही हाल रहा तो मप्र की हालत श्रीलंका जैसी होने का डर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान संकट में है, भ्रष्टाचार, अपहरण, लूट के मामलों में मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति हम सबको चिंतित करती है।  

और कमलनाथ को आ गया मसूद पर गुस्सा
कांग्रेस की नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हुई बैठक में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ विधायक आरिफ मसूद पर विफर गए। दरअसल, आरिफ मसूद ने विधायक आरिफ अकील को मंच से नीचे बैठक्क देख आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्हें मंच पर बैठाने के लिए कहा था। इस पर कमलनाथ ने भड़कते हुए कहा कि तुम यहां माइनॉरिटी की बात मत करो। कमलनाथ के इस तरह के तेवर देख सभी हक्के-बक्के रह गए। मंच पर बैठे नेता और आसपास बैठे प्रभारी विधायक आरिफ मसूद और आरिफ अकील की ओर देखने लगे। दोनों एक साथ ही आगे की कतार में बैठे थे। मंच पर कमलनाथ के अलावा नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष एनपी प्रजापति समेत जेपी धनोपिया, राजीव सिंह थे। इसी तरह से नाथ ने बैठक में सिफारिश लगाने वाले नेताओं को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बड़े नेताओं के कहने पर उसी को टिकट मिलेगा, जो रेफरेंस फॉर्म भरेगा।

पंचायतों की आज हो जाएगी साफ तस्वीर
पंचायतों के नामाकंन का काम पूरा होने के बाद अब नाम वापसी पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। किस पद का कौन सा उम्मीदवार नाम वापसी करता है और कौन मैदान में रहता है इसका खुलासा आज दोपहर बाद हो जाएगा। अपने समर्थन में नाम वापसी कराने के लिए बीते रोज से ही बड़े से लेकर छोटे नेता तक मान मनौव्वल में लगे हुए हैं। नाम वापसी के बाद ही आयोग द्वारा प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह के आवंटन का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए आयोग द्वारा 120 तरह के चुनाव चिन्ह तय किए हैं , जिसमें फूलों से लेकर मजबूरी के काम आने वाले औजार और पेड़ से लेकर रोजमर्रा के काम आने वाली वस्तुओं तक के नाम शामिल हैं।

नहीं आती रातभर नींद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकास और सुशासन के लगातार  किए जा रहे प्रयासों के बाद भी अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते डेढ़ दशक से जीरो टॉलरेंस की बात भी कर रहे हैं, पर निचले स्तर पर लेन-देन की परंपरा रुकने की जगह बढ़ती ही जा रही है।  इसके अलावा अब तो अफसरों के साथ नेताओं की खटास भी बढ़ रही है। मामा जी पिछले कई दिनों से जता रहे थे कि उनके पास एक -एक अफसर की कुंडली है। लेकिन साहब लोग सुधरने को ही तैयार नहीं दिख रहे थे। लिहाजा सुबह का नया फंडे की खोज कर ली गई। अब  एक दिन पहले बता दिया जाता है कि कल निशाने पर कौन होंगे। इसकी वजह से सूचना आते ही जिलों के साहब लोगों की रातों की नींद उड़ लाती है। वे रातभर करवटें बदलते रहते हैं कि कहीं वे निशाने पर न आ जाएं। खास बात यह है कि इस मामले में नेताओं व मंत्रियों को भी नींद नहीं आती है, इसकी वजह है वे इस उधेड़बुन में लगे रहते हैं कि जिनसे खुन्नस है उन्हें कैसे निपटाया जाए। किसी शायर ने कहा है नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता।

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