- प्रणव बजाज
नरोत्तम के होर्डिंग देख बिफरी इमरती देवी
कांग्रेसी से भाजपाई बनी श्रीमंत समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी का गुस्सा अपनी ही पार्टी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और सरकार के प्रति ऐसा फूटा की वे जमकर बिफर पड़ीं। उनका यह वीडियो बीते रोज वायरल हुआ है। वीडियो में वे गृहमंत्री और मुख्यमंत्री से सवाल कर रही हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री दलितों के वोट की बात करते हैं, लेकिन आज हमारे बाबा साहब के दिन पर शहर में एक भी होर्डिंग्स नहीं है। लोहे के गेट व स्टैंड बनवाकर हमने फोटो लगवाए हैं। इसकी वजह है गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के जन्मदिन पर उनके समर्थकों द्वारा डबरा शहर को बधाई वाले पोस्टरों और बैनरों से पट दिया जाना। जब पूर्व मंत्री इमरती ने बाबा आंबेडकर जयंती पर उनके पोस्टर लगवाने चाहे, तो कहीं भी जगह नहीं मिली। इस पर उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने सरकार के दलित हितैषी होने पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व मंत्री इमरती देवी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच तल्खी जगजाहिर है। पहले भी इमरती देवी अपनी हार के लिए भाजपा में आने को जिम्मेदार ठहरा चुकी हैं।
दंगों के लिए कलेक्टर-एसपी की जिम्मेदारी तय हो
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के दो शहरों में हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में शिवराज सरकार को आड़े हाथों लेते हुए दो ट्वीट किए हैं। उनमें कहा गया है कि जिस जिले में दंगा होगा उसकी पूरी जवाबदेही जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की तय कर दी जाए तो दंगा कभी हो ही नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि मैं 10 साल मुख्यमंत्री रहा, पर मेरे कार्यकाल में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा यह जानती है कि बिना पत्थर उछाले कुर्सी नहीं मिलती है। इसलिए कभी जज्बात को तो कभी जान को हथियार बनाती है। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि सांप्रदायिक उन्माद भाजपा का बेहद खतरनाक राजनीतिक हथियार है। सियासत के लिए धार्मिक उन्माद और नफरत दोनों तरफ से फैलाई जाती है। नेताओं का कुछ नहीं बिगड़ता असहाय गरीब मर जाता है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र से हथिया ली सरकारी नौकरी
पीडब्ल्यूडी के पांच इंजीनियरों पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के माध्यम से सरकारी नौकरी हथियाने का आरोप लगा है। अब इस मामले में अनुसूचित जाति छानबीन समिति ने मिल रहीं शिकायतों के बाद सभी पांच इंजीनियरों के जाति प्रमाण पत्र के सबंध में दस्तावेज मांगे हैं। नौकरी के समय उनके द्वारा लगाए गए शिक्षा और जाति से जुड़े प्रमाण पत्र संदेहास्पद होने की आशंका है। खास बात यह है कि इन पांचों इंजीनियरों में लोनिवि में सेतु परिक्षेत्र भोपाल के प्रभारी चीफ इंजीनियर संजय कुमार खांडे, पीआईयू जबलपुर के संयुक्त संचालक जिले सिंह बघेल, सेतु मंडल जबलपुर के प्रभारी अधीक्षण यंत्री कैलाश कुमार लच्छे, पीआईयू इंदौर के अतिरिक्त परियोजना संचालक सालिगराम बघेल तथा प्रभारी अधीक्षण यंत्री भोपाल क्रमांक-2 योगेंद्र कुमार शामिल हैं। इन्हें नोटिस जारी कर उनसे सरकारी नौकरी को लेकर मूल प्रमाण पत्र मांगे गए हैं।
सिसौदिया ने की राज्यसभा सदस्य का टिकट देने की मांग
मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के 4 बार पूर्व अध्यक्ष रहे विजेंद्र सिंह सिसौदिया ने स्वयं को राज्यसभा सदस्य के लिए टिकट दिए जाने की मांग प्रधानमंत्री, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों से की है। सिसौदिया ने पत्र जारी करते हुए बताया कि वे जनसंघ से भाजपा तक, युवा संघ के तहसील के प्रधान सचिव से युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा भाजपा मंडल अध्यक्ष से प्रदेश उपाध्यक्ष तक 22 से अधिक वर्ष से संगठन के विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दे चुके है। जनसेवा के क्षेत्र में ग्राम पंचायत के पंच से विधायक तक 8 से अधिक पदों पर रह चुके हैं। सन 1984 से आज तक 35 वर्ष से अधिक प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं। साथ ही पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि वे सन 1965 से स्वयंसेवक है। उन्हें कई बार राज्यसभा में भेजे जाने के लिए आश्वस्त किया गया है। 71 वर्षीय सिसौदिया ने कहा की मेरी पार्टी के प्रति निष्ठा एवं सेवाओं को देखते हुए राज्यसभा में भेजने के लिए दावा कर रहा हूँ।