अफसरशाही का शिकार हुईं पूर्व राज्यपाल की बेटी
मध्य प्रदेश की अफसरशाही जो करे बहुत कम है। आम आदमी तो पहले से ही परेशान है, लेकिन अगर पूर्व राज्यपाल की बेटी ही इसका शिकार हो जाए तो समझा जा सकता है कि प्रदेश में क्या हाल हैं। मामला है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मप्र के चार साल तक राज्यपाल रहे डॉ. भगवत दयाल शर्मा की 65 वर्षीय बेटी मालती इंदौरिया का। उन्हें अब राजभवन में प्रवेश तक नहीं दिया जाता है। वे 41 साल से हर 26 फरवरी को यहां अपने माता-पिता की याद में पौधा रोपती रहीं हैं। यहां बना पार्क सावित्री निकुंज भी मालती के ही नाम पर है। इतने साल में कभी किसी ने पौधा रोपने से नहीं रोका। लेकिन बीते दो महीने से वे बार -बार राजभवन तक गई, लेकिन उन्हें न तो अंदर जाने दिया गया और न ही उनकी बात राज्यपाल तक पहुंचाई गई, क्योंकि पिछले साल जब मैं पौधा रोपने गईं तो मां की याद में बने पार्क की दुर्दशा सुधारने की बात राज्यपाल मंगू भाई पटेल से की थी। इससे राजभवन के अफसर इतने खफा हुए कि मेरी एंट्री ही राजभवन में बैन कर दी गई।
विधायकों का स्वेच्छानुदान 25 लाख रुपए बढ़ेगा
प्रदेश में विधायकों को हर साल 25 लाख रुपए अतिरिक्त स्वेच्छानुदान राशि मिलेगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधानसभा के बजट सत्र की घोषणा की पूर्ति के लिए विधानसभा के मॉनसून सत्र में प्रस्तुत होने वाले प्रथम अनुपूरक बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा। अभी जिलों को स्वेच्छानुदान के 50 लाख और निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि ढाई करोड़ रुपए आवंटित की गई है। योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने सभी जिलों को वर्तमान प्रावधान के अनुसार निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि और स्वेच्छानुदान की राशि आवंटित की है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बजट प्रावधान पहले हो गया था और घोषणा बाद में हुई है।
शुक्ला को नया बंगला अलॉट करने के मायने
प्रदेश भाजपा में चल रहे असंतोष के बीच पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक राजेन्द्र शुक्ला को चार इमली जैसे इलाके में एक नया बंगला अलॉट किया गया है। यह बंगला ऐसे समय दिया गया है जबकि विधानसभा चुनाव में चंद माह ही बचे हैं। इस वजह से इसको लेकर तरह -तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल शुक्ला को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बेहद करीबी माना जाता है। वे उस इलाके से आते हैं, जिस विंध्य अंचल से बीते आम चुनाव में भाजपा की झोली विधायकों के रूप में भरी गई थी, लेकिन जब सत्ता में भागीदारी की बात आयी तो इस अंचल को कुछ खास नहीं मिला। इस वजह से अंचल में भाजपा व शिव सरकार को लेकर बेहद नाराजगी बनी हुई है। माना जा रहा है कि इस नाराजगी को दूर करने के लिए शुक्ला को चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
अब अनूप मिश्रा ने फंसाया पेंच
पार्टी नेताओं के असंतोष के बीच पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने एक नया पेंच फंसा दिया है। ऐसे में भाजपा के अंदर नेताओं ने दबाव की राजनीति का खेल शुरू कर दिया है, जिसके कारण भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के सामने नई परेशानी पैदा हो गई है। दरअसल, दक्षिण विधानसभा से अनूप मिश्रा के चुनाव लडऩे के ऐलान के बाद से ही पार्टी के अंदर हलचल बढ़ गई है, क्योंकि उसी क्षेत्र से पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह भी दावेदार हैं। मिश्रा के ऐलान के बाद भाजपा के अंदर इस बात को लेकर पेंच फंस रहा है कि आखिर अनूप व नारायण को कैसे मनाया जाएं, क्योंकि दोनों के ऊपर कांग्रेस भी नजर रखे हुए हैं। भाजपा के अंदरखाने की मानें तो अनूप के ऐलान के बाद नारायण सिंह नाराजगी जाहिर कर चुके हैं , जिसके चलते किसी तीसरे की लॉटरी लग सकती है। इस सीट से समीक्षा गुप्ता और अभय चौधरी की भी दावेदारी है।
सांप पर हमला करोगे ‘तो पलटकर काटेगा ही
कांग्रेस द्वारा कर्नाटक चुनाव घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर पूरे देश में विवाद हो रहा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बजरंग दल को लेकर बड़ा बयान दिया है। कुलस्ते ने कहा कि सांप पर हमला करोगे तो वो पलटकर काटेगा ही। बजरंग दल सामाजिक काम करने वाला संगठन है। उन्होंने कहा कि 1977 में भी कांग्रेस ने एक बार इसी तरह की कोशिश की थी। उस वक्त भी कांग्रेस का देश से सफाया हो गया था। उन्होंने तोडफ़ोड़ को अनुचित बताते हुए कहा कि इस तरह से सार्वजनिक या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है।