
मंदसौर गोलीकांड के वक्त शिवराज ही मप्र के मुख्यमंत्री थे: जयराम का तंज
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कड़ा हमला बोलते हुए दोनों की किसान विरोधी बताया है। रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने देश को जून 2017 में मप्र के मंदसौर में हुए किसान हत्याकांड की याद दिलाने का सही काम किया है। शिवराज सिंह चौहान तब वहां के मुख्यमंत्री थे। पुलिस ने छह किसानों की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी थी। वे अपनी फसलों के लिए पर्याप्त एमएसपी न होने का विरोध कर रहे थे। रमेश ने कहा कि दुर्भाग्य से मंदसौर में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में एक दलबदलू भी शामिल थे, जिन्होंने मार्च 2020 में गद्दारी कर मप्र की ऐसी कांग्रेस सरकार को गिराया था, जो ऋण माफी योजना लागू करा रही थी। गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 10 जुलाई को दिल्ली में सभा की घोषणा की है।
राधारानी के चरणों में दंडवत, वीडियो को काट-छांटकर प्रस्तुत किया: पं. मिश्रा
पिछले तीन दिनों से सोशल पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का राधारानी पर दिए गए प्रवचन का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में श्री राधाजी के जन्म स्थान, विवाह और भगवान कृष्ण से संबंध पर प्रदीप मिश्रा को लोग ट्रोल करने में लगे हैं। ब्रजवासी संत प्रेमानंद जी महाराज ने पंडित मिश्रा के मंतव्य की कठोर शब्दों में निंदा की। वहीं कई धर्माचार्यों ने भी पंडित मिश्रा के प्रवचन की निंदा करते हुए शास्त्रों का उल्लेख कर माफी मांगने की बात कही। गुरुवार को पंडित मिश्रा ने कहा 14 साल पहले कमलापुरा की कथा का वीडियो एडिट कर किसी विधर्मी ने बनाया और उसे पूरे ब्रज में फैलाया है। ब्रजवासियों और राधा रानी के चरणों में मेरा दंडवत है। हम क्षमा मांगते है। हमने जो कथा में बोला, उसमें से वह पूरी बात निकाल दी गई। मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का लक्ष्य नहीं है। प्रेमानंद जी संत हैं उनके मुख से कभी कोई गलत वाणी नहीं सुनी है। किसी ने उनको भडक़ाया है।
धार की पूर्व महारानी की 223 हेक्टेयर जमीन सरकारी, दावे हुए खारिज हुए
धार के पूर्व महाराज आनंदराव पवार और महारानी मृणालिनी देवी की जमीन पर दावे करने वाले चार राज्यों के चार परिवारों की अपील इंदौर संभागायुक्त ने निरस्त कर दी है। इन्होंने धार जिले के मगजपुरा की मात्र 4.426 हेक्टेयर जमीन के नामांतरण के लिए 2022-23 में आवेदन किया था, जिसे तहसीलदार ने खारिज किया था। मृणालिनी देवी की इंदौर संभाग में दो हजार बीघा (223 हेक्टेयर) जमीन है, पर सिर्फ एक जमीन के लिए आवेदन आया। वह भी महारानी की मृत्यु के आठ साल बाद। संभागायुक्त दीपक सिंह ने इंदौर और धार कलेक्टर को भी आदेश दिए हैं कि वे इन जमीनों का तत्काल कब्जा लें।
गेहूं की खरीद में क्यों पिछड़ा मध्य प्रदेश, बताए सरकार: पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश के गेहूं की खरीदी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि गेहूं के सरकारी भंडारों में हर वक्त तीन महीने का स्टॉक रहना चाहिए, लेकिन प्रदेश के पास इस बार खरीदी सत्र शुरू होने से पहले सिर्फ 75 लाख टन गेहूं था। पटवारी ने कहा कि अपने यहां अभी तक पिछली बार से करीन 22.67 लाख टन कम खरीद हुई है और अब सब जानना चाहते हैं कि ऐसा क्यों हुआ। दरअसल, गेहूं के सरकारी भंडारों में हर वक्त तीन महीने का स्टॉक (138 लाख टन) होना चाहिए, मगर इस बार खरीद सत्र शुरू होने से पहले यह सिर्फ 75 लाख टन था। 2023 में यह 84 लाख टन, 2022 में 180 लाख टन और 2021 में 280 लाख टन स्टॉक था। यानी अभी यह 16 साल के सबसे न्यूनतम स्तर पर आ गया है। पटवारी ने कहा कि घोषित समर्थन मूल्य से सरकार का मुकर जाना इसकी सबसे बड़ी वजह है। बीते विधानसभा चुनाव में 2700 रुपये प्रति क्विंटल के वादे को मोदी की गारंटी बताने के बावजूद किसानों को धोखा दिया गया। इसीलिए सरकार के बयान से ज्यादा किसानों ने बाजार पर भरोसा कर लिया।