बिहाइंड द कर्टन/जब नाराज साधौ ने पत्रकार को खुलेआम धमकाया

  • प्रणव बजाज
 नाराज साधौ

जब नाराज साधौ ने पत्रकार को खुलेआम धमकाया
कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व मंत्री डॉक्टर विजयलक्ष्मी साधौ का एक वीडियो वायरल होने से वे विवादों में आ गई हैं। इसमें वे एक पत्रकार को धमकाने के अंदाज में दिख रहीं हैं। करीब एक मिनिट नौ सेकेंड के इस वीडियो में वे  एक पत्रकार से बहस करते हुए कह रहीं हैं की उसके द्वारा जानबूझ कर उनका एक वीडियो इमेज खराब करने के लिए वायरल किया गया है। पहले तो वे पत्रकार को स्वजातीय होने का हवाला देती हैं , लेकिन बाद में वे कह रही हैं की उन्हें कोई माई का लाल भगा नही सकता, जो करना है कर लो। दरअसल साधौ उस वीडियो की वजह से नाराज हं,ै जिसमें उन्हें और उनके साथी कांग्रेस नेताओं को खरगौन दंगों के हिन्दु पीड़ितों द्वारा खरी-खोटी सुनाकर भगा दिया गया था। इन नेताओं को कांग्रेस द्वारा दंगा पीड़ितों से मिलने के लिए भेजा गया था। इसमें साधौ द्वारा महिलाओं से तीखी बहस के साथ ही चूडियां पहनने की इशारेबाजी करने का वीडियो शामिल है। इसकी वजह से कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई है।

बोले गोविंद सिंह , बिजली संकट पर दो दिनी विशेष सत्र बुलाएं
प्रदेश में बिजली संकट गहराया हुआ है, ऐसे में अब कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के बिजली घरों में 25 दिन के लिए कोयला स्टॉक होना चाहिए , लेकिन अभी महज दो से चार दिन का ही बचा हुआ है। उनका कहना है कि इस भीषण गर्मी में लोगों को बिजली की अघोषित कटौति का सामना करना पड़ रहा है , जिसकी वजह से लोगों के हाल बेहाल है। उनका आरोप है कि इस सकंट की वजह है समय रहते जरुरी कदम नहीं उठाया जाना। उन्होंने इसके लिए कुप्रबंधन को दोषी बताया है।

भ्रष्टाचार की जांच एजेंसियों के अब फिर बांधे हाथ
एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस के दावे करती है तो दूसरी ओर इस तरह के मामलों की जांच करने वाली एजेंसियों के हाथ लगातार बांधती जा रही है। इसकी वजह से अब जांच एजेंसियों द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं वाले अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच सीधे नहीं की जा सकेगी। अब इन अफसरों के मामलों में मुख्यमंत्री की अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 ए का सहारा लिया गया है। इसके पहले भी सरकार राज्य के कर्मचारियों को इसी धारा के तहत कवच प्रदान कर चुकी है। जिसके तहत वर्ग चार से लेकर वर्ग दो तक के कर्मचारियों के मामलों में संबधित के प्रशासनिक विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया था। इस तरह के प्रावधानों की वजह से भ्रष्टाचार के मामलों में नकेल कसना अब और भी मुश्किल होना तय है।

हिन्दू राष्ट्र के पक्ष में उतरे कथावाचक प्रदीप मिश्रा
रुद्राक्ष वितरण महोत्सव के दौरान कई किमी लंबा जाम लगने के मामले में सरकार से नाराज रह चुके पं प्रदीप मिश्रा ने अब भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग को बुलंद किया है। उन्होंने नर्मदापुरम में यह मांग कथा के समय एक गीत के माध्यम से की है। उन्होंने इस दौरान कहा की वे संविधान में बदलाव कर हिन्दु राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम करेगें। उनकी वहां पर कथा सेमरी हर चंद में कल तक चलनी है। उनके द्वारा इस दौरान गाये गए गीत के बोल इस तरह से हैं, सोने की चिड़िया को अब सोने का शेर बनना है। संविधान को बदलो हमको अब हिन्दू राष्ट्र बनाना है। गौरतलब है की इसके पहले वे रायसेन के किले में स्थित मंदिर के बंद ताले को खुलवाने की का मामला भी उठा चुके हैं। इसके बाद भाजपा के तमाम नेता इस मामले को उठा चुके हैं।

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