बिहाइंड द कर्टन/राजपूत की पहल रंग लाई, अब घर बैठे मिल रहे लाइसेंस

  • प्रणव बजाज
गोविंद सिंह राजपूत

राजपूत की पहल रंग लाई, अब घर बैठे मिल रहे लाइसेंस  
मप्र भी तकनीक के मामले में उस स्तर पर उड़ान भरने लगा है, जहां पर लोगों को इसकी मदद से घर बैठे सुविधाएं मिलना शुरू हो गई हैं। इस मामले में परिवहन विभाग ने लंबी छलांग लगाई है। दरअसल गोविंद सिंह राजपूत की पहल पर अब प्रदेश के नागरिकों को बगैर परिवहन कार्यालय जाए ही घर पर लर्निंग लायसेंस दिए जाने लगे हैं। इसके लिए राजपूत के पहल पर परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में 1 अगस्त से सारथी सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत परिवहन विभाग को  14 अगस्त तक लर्निंग लाइसेंस के 73428 आवेदन मिले थे , जिनमें से 69794 आवेदकों ने टेस्ट दिया एवं 61289 लर्निंग लाइसेंस जारी किए जा चुके है। खास बात यह है कि यह सभी लाइसेंस आवेदकों को उनके घर पर ही ऑनलाइन माध्यम से प्रदान किए गए हैं।

वीडी ने बताया कांग्रेस को ट्विटर वाली पार्टी
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने अब कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है। दरअसल शर्मा ने यह हमला उसके बाद किया है जब दिग्विजय सिंह द्वारा ट्विटर पर संघ की तुलना तालिवान से कर दी। इस मामले में पलटवार करते हुए शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के पास अब जमीनी नेता तो बचे नही है। कांग्रेंसी नेता अब अपनी पार्टी को सिर्फ ट्विटर के माध्यम से ही जिंदा किए हुए हैं। इसकी वजह है कांग्रेस के अधिकांश नेता अब सिर्फ ट्विटर पर ही सक्रिय नजर आते हैं। उन्होंने इसे सबसे बड़ा झूठ बताते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में 15 माह तक मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ भी न तो कहीं गए और न ही किसी से मिले । अब भी अगर वे कहीं जाते हैं तो सिर्फ 15 मिनिट ही रुकते हैं। इससे यह साफ है कि अब कांग्रेस के पास जमीनी स्तर के नेताओं की पूरी तरह से कमी हो गई है।

भूपेन्द्र की नजर हुई बिल्डरों पर टेड़ी
प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह की नजर अब बिल्डरों पर टेड़ी होने लगी है। इसकी वजह है बिल्डरों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी। दरअसल बिल्डरों द्वारा लंबे समय से कई ऐसे भूखंडों पर मकान बनाकर बेंचे जा रहे हैं जो पार्क के लिए या फिर अन्य प्रायोजनों के लिए आरक्षित थे। हद तो यह है कि कई बिल्डरों द्वारा ग्राहकों को प्लाट की साइज जो बताई जाती है वह बाद में कम निकलती है। यही नहीं पार्क, लिफ्ट, सुरक्षा सडक और पानी जैसे मामलों में वादा खिलाफी बड़ी शिकायतें मिलती हैं। यही वजह है कि अब ऐसे मामलों में सिंह ने अब कड़ा रुख अख्तियार करने का फैसला करते हुए इन्हें अब आपराधिक मामला मानते हुए बिल्डरों पर शिंकजा कसना तयस कर लिया है। अगर इस तरह की कार्रवई होती है तो आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है।

उच्च सदन की इच्छा वाले नेताओं ने डाला दिल्ली में डेरा  
मप्र में रिक्त चल रही उच्च सदन यानि की राज्यसभा की एकमात्र सीट के उपचुनाव में भाजपा से प्रत्याशी बनने की इच्छा रखने वाले नेताओं ने अब दिल्ली कूच कर दिया है। यह सीट कुछ दिन पहले ही कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने से रिक्त हुई है। अब इस सीट के दावेदारों को लेकर भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बन गई है। इसमें कुछ ऐसे नेता है जो बीता विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, लेकिन वे चाहते हैं उन्हें पार्टी का टिकट मिल जाए। इसके लिए कुछ दावेदारों द्वारा तो जातिगत पांसा तक फेंका जा रहा है। हालांकि इस मामले में कहा जा रहा है कि प्रत्याशी किसे बनाया जाए , यह फैसला दिल्ली से ही होना है, जिसकी वजह से अब दावेदार भोपाल की जगह दिल्ली में डेरा जमा रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान इस सीट पर किसी केन्द्रीय मंत्री को प्रत्याशी बना सकती है।

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