एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी पर होगा अब अडाणी ग्रुप का कब्जा

अडाणी ग्रुप

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। देश के दूसरे सबसे बड़े व्यवसायिक घराने अडाणी ग्रुप का अब एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी पर पूरा अधिकार हो जाएगा। दरअसल देश के सबसे बड़े अमीरों में दूसरे नबंर पर मौजूद गौतम अडाणी तेजी से सरकारी संपत्तियों का अधिग्रहण कर रहे हैं। वे अब तक मप्र से बाहर की ही सरकारी संपित्तयों का अधिग्रहण करते रहे हैं। उनके गु्रप द्वारा देश की तमाम सरकारी और अर्ध सरकारी संपत्तियों का अधिग्रहण का काम तेजी से किया जा रहा है।
इसी क्रम में अब इस ग्रुप द्वारा अपने कदम मप्र में भी बढ़ा दिए गए हैं। इसकी शुरूआत उसके द्वारा  एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिग्रहण के साथ की जा रही है। यह पावर ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने और उनका संचालन करने वाली केंद्र सरकार की एक अहम कंपनी है। इस कंपनी द्वारा यह काम मप्र में किया जाता है। इस कंपनी को देश की नवरत्न कंपनी में भी माना जाता है। एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिग्रहण के लिए अडाणी ग्रुप को आशय पत्र भी जारी हो चुका है। यह आशय पत्र अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के नाम से जारी किया गया है।
इस अधिग्रहण के लिए अडाणी समूह को 12 सौ करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। यह कंपनी केन्द्र सरकार के स्वामित्व वाली एमपी पावर ट्रांसमिशन पैकेज-2 लिमिटेड है। इसके अधिग्रहण का अधिकार अडानी ग्रुप ने टैरिफ आधारित नीलामी के माध्यम से हासिल किया है। इस मामले में कंपनी की तरफ से बयान जारी कर बताया गया है कि अडाणी समूह की कंपनी एटीएल को आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड द्वारा स्थापित एमपी पावर ट्रांसमिशन पैकेज-2 लिमिटेड के अधिग्रहण का लेटर आॅफ इंटेंट मिल चुका है। पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड भारत सरकार की नवरत्न कंपनी आरसीई लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है, यानी अधिग्रहित की जा रही कंपनी एमपी पावर ट्रांसमिशन पैकेज-2 लिमिटेड भी भारत सरकार का ही एक उपक्रम है।
देश की सर्वाधिक बड़ी कंपनी है: अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड  देश की सबसे बड़ी प्राइवेट ट्रांसमिशन कंपनी है। जिसका कुल ट्रांसमिशन नेटवर्क 18,800 सर्किट किलोमीटर में फैला है। इसमें 13,200 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन्स चालू हालत में हैं, जबकि 5600 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन्स का निर्माण हो रहा है। यह कंपनी मुंबई में लगभग 30 लाख से ज्यादा ग्राहकों तक बिजली पहुंचाने का काम भी करती है। उल्लेखनीय है कि अडानी ट्रांसमिशन अब देश की 21वीं सबसे मूल्यवान कंपनी है जबकि मारुति 22वें स्थान पर पहुंच चुकी है। उसका मार्केट कैप 208,284 करोड़ रुपये है। अडानी ट्रांसमिशन का शेयर इस साल 330 फीसदी से अधिक चढ़ चुका है और वह अडानी ग्रुप की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। अडानी ग्रीन एनर्जी का मार्केट कैप 1.86 लाख करोड़, अडानी एंटरप्राइजेज का 1.68 लाख करोड़, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन का 1.51 लाख करोड़ और अडानी टोटल गैस का मार्केट कैप 1.5 लाख करोड़ रुपये है।
35 साल तक रहेगा अधिकार
अडाणी समूह की कंपनी को इस सौदे की वजह से अब मध्य प्रदेश में 35 साल तक ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स के निर्माण, स्वामित्व, संचालन और रखरखाव का अधिकार मिल गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत मप्र के 18 जिलों में करीब 850 सर्किल किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें और 220 किलोवाट और 132 किलोवाट क्षमता वाले कई एयर इंसुलेटेड सबस्टेशन आते हैं। 1200 करोड़ रुपये के इस सौदे के जरिए पूर्वी मध्य प्रदेश में पावर ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूती मिलने का दावा किया जा रहा है।
अडानी की दौलत
पिछले कुछ साल में अडानी ट्रांसमिशन देश की सबसे आकर्षक इंटिग्रेटेड पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी बनकर उभरी है। उसका लक्ष्य 2022 तक 20,000 सर्किट किमी ट्रांसमिशन लाइन स्थापित करना है। हाल के दिनों में अडानी ग्रुप के शेयरों में उछाल से गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी तेजी आई है। सूत्रों के मुताबिक वह 72.2 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 14वें नंबर पर हैं। इस साल उनकी नेटवर्थ में 38.8 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।

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