बिहाइंड द कर्टन/हर परीक्षा कर देती है छीछालेदर

  • प्रणव बजाज
मप्र परीक्षा

हर परीक्षा कर देती है छीछालेदर
मप्र ऐसा राज्य बन चुका है जिसमें कोई भी परीक्षा हो उसे लेकर विवाद खड़ा हो ही जाता है। इसमें अब राज्य लोकसेवा आयोग का भी नाम भी शामिल हो चुका है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों से लेकर प्राफेसरों तक की भर्ती का काम करने वाला यह आयोग शायद ही ऐसी कोई परीक्षा करा पता है जिसमें कोई विवाद न हो। अब ताजा मामला पीएससी प्रीलिम्स के प्रशनों को लेकर खड़ा हो गया है। इस मामले में हो हल्ला मचा तो आयोग को न केवल एक प्रश्न विलोपित करना पड़ गया , बल्कि कई प्रश्नों के उत्तरों को लेकर भी यही स्थिति बनती नजर आने लगी है। एमपीपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा में पूछे गए सवालों पर ही सवाल उठने लगे हैं। करीब आधा दर्जन सवालों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सिविल सर्विसेस से जुड़े एक्सपर्ट पीएससी द्वारा जारी की गई आंसर-की में जो उत्तर दिए गए हैं, उस पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं। दरअसल कई प्रश्नों के उत्तर ही गलत दिए गए हैं।


कहीं वन भूमि पर निर्माण रोकना भारी न पड़ जाए
कोलार डैम के नजदीक बने रातापानी जंगल के पास वन भूमि भूमि स्वामी पूर्व मुख्य सचिव आदित्य विजय सिंह के बेटे धनंजय सिंह को नोटिस देकर रिसोर्ट परिसर में नया निर्माण और पेड़ों की कटाई पर रोक लगाना वन महकमे को भारी पड़ सकता है। इसकी वजह है नोटिस मिलने के बाद सिंह द्वारा इस मामले की तीन पेज में की गई मुख्य सचिव से शिकायत। यह बात अलग है कि इस मामले में वन विभाग का कहना है कि रिसोर्ट वन विभाग की भूमि पर बना है। यह भूमि वन से राजस्व तो घोषित कर दी गई है , लेकिन अब तक इसे डिनोटिफाई नहीं किया गा है। नोटिस में कहा गया है कि जब तक भूमि डिनोटिफाई न हो जाए, तब तक निर्माण या पेड़ों की कटाई न करें। दरअसल डिनोटिफाई नहीं होने की वजह से यह जमीन अब भी वन विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज है। नियमानुसार दोहरे स्वामित्व की इस भूमि पर डिनोटिफाई होने तक गैर वानिकी काम नहीं किया जा सकता है। इस मामले की शिकायत में कहा गया है कि खरीदी गई इस जमीन पर 10 साल से रिसोर्ट चल रहा है। अब इस मामले में राज्य शासन ने वन बल प्रमुख को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

गड़बड़ी पर एडीएम ने दी धमकी
पंचायत और निकाय चुनाव में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर मुरैना जिले के अंबाह एसडीएम राजीव समाधिया ने प्रत्याशियों और प्रस्तावकों को दो टूक चेतावनी देते हुए महिला प्रत्याशियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनके परिजनों ने भी गड़बड़ी की तो ऐसी कार्रवाई होगी कि वे मायके में भी मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगी। एसडीएम ने आगे कहा, भाई और भतीजे पूछेंगे कि बहन, बुआ आपने ऐसा क्यों किया। इसलिए यदि उनके ससुर, पति या परिजन गड़बड़ी करने की कोशिश भी करें तो महिला प्रत्याशी एसडीएम को बताएं कि वे चुनाव नहीं लड़ रही हैं। परिजनों से कह दें कि वे कहीं हस्ताक्षर नहीं करेंगी और न ही कोई सहयोग करेंगी। बीते रोज मतदान के दौरान शांति और व्यवस्था को लेकर बुलाई गई बैठक में एसडीएम समाधिया ने कहा कि प्रत्याशियों और परिजनों के गले में बंधपत्र का पट्टा है। गड़बड़ी की तो राशि जब्त करने के साथ ही छह माह की जेल और मकान पर बुलडोजर चलना तय है।

महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार को लेकर शर्मिन्दा थे विधायक
महाराष्ट्र में छाए सियासी संकट को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शिवसेना को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार इस हद तक था कि इसे लेकर वहां के विधायक शर्मिन्दा महसूस करते थे। यह बात विजयवर्गीय ने इंदौर में कही। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना का विद्रोह ही इस बात को लेकर हुआ। वहां के विधायकों को पता चला कि इस स्तर तक भ्रष्टाचार हो सकता है। इसके चलते उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ बगावत की। विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे लगता है कि शायद उद्धव जी का अहंकार भी कम होगा। उनके प्रवक्ता संजय राऊत जिस प्रकार की बकवास करते हैं, उस बकवास का परिणाम था कि वहां विद्रोह हो गया।

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